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पाकिस्तान ने अपने सेना प्रवक्ता को क्यों बदला?

<figure> <img alt="पाकिस्तान" src="https://c.files.bbci.co.uk/7977/production/_110559013_gettyimages-1162037240.jpg" height="549" width="976" /> <footer>Getty Images</footer> </figure><p>मेजर जनरल आसिफ़ ग़फ़ूर पाकिस्तानी सेना के प्रवक्ता पद से हटा दिए गए हैं. जनरल ग़फ़ूर पाकिस्तान में सोशल मीडिया पर सेना के प्रवक्ता रहते हुए काफ़ी चर्चित रहे. </p><p>उनके मीम्स बनते थे और कई बार तो ट्विटर पर ट्रेंड भी हुए. जब वो प्रवक्ता पद […]

<figure> <img alt="पाकिस्तान" src="https://c.files.bbci.co.uk/7977/production/_110559013_gettyimages-1162037240.jpg" height="549" width="976" /> <footer>Getty Images</footer> </figure><p>मेजर जनरल आसिफ़ ग़फ़ूर पाकिस्तानी सेना के प्रवक्ता पद से हटा दिए गए हैं. जनरल ग़फ़ूर पाकिस्तान में सोशल मीडिया पर सेना के प्रवक्ता रहते हुए काफ़ी चर्चित रहे. </p><p>उनके मीम्स बनते थे और कई बार तो ट्विटर पर ट्रेंड भी हुए. जब वो प्रवक्ता पद से हटे तो उनके कामों की सराहना भी हुई और आलोचना भी. </p><p>जनरल ग़फ़ूर का तबादला कोई अप्रत्याशित नहीं था लेकिन सोशल मीडिया पर पाकिस्तानी टीवी एंकर सना बुचा के साथ उनकी कहासुनी काफ़ी विवादित रही. नए प्रवक्ता जनरल ग़फ़ूर को किस हद तक फॉलो करेंगे, उन्हें बख़ूबी पता होगा. </p><p><a href="https://twitter.com/peaceforchange/status/1217773690164850689">https://twitter.com/peaceforchange/status/1217773690164850689</a></p><p>जाने से पहले जनरल ग़फ़ूर का एक ट्वीट काफ़ी विवादित रहा था. उन्होंने भारत की जानी-मानी अत्रिनेत्री दीपिका पादुकोण के समर्थन में एक ट्वीट किया था. दीपिका जेएनयू में हमले के विरोध में आंदलोन कर रहे छात्रों से मिलने गई थीं. इसी को लेकर जनरल ग़फ़ूर ने दीपिका की तारीफ़ की थी. </p><p>इस ट्वीट को लेकर उनकी आलोचना होने लगी तो ट्वीट डिलीट कर दिया था. जनरल ग़फ़ूर अपने निजी अकाउंट से ये सब ट्वीट करते थे. वो ट्विटर पर भारत के रिटायर जनरलों और पत्रकारों से भी आए दिन भिड़ते रहते थे. </p><p>इस हफ़्ते की शुरुआत में वो सना बुचा से भिड़ गए थे. सना ने जनरल ग़फ़ूर से क्लास बनाए रखने को कहा था. दोनों के बीच का वार-पलटवार पाकिस्तान में ट्विटर पर ट्रेंड हुआ था. </p><p>सना ने बीबीसी से कहा, ”इन्होंने मेरे परिवार और दोस्तों घसीटना शुरू कर दिया था.” पाकिस्तान में चुनी हुई सरकार को अपदस्थ कर सेना का सत्ता पर क़ब्ज़ा करने का लंबा इतिहास रहा है. </p><p><a href="https://twitter.com/TalatHussain12/status/1217775685651107840">https://twitter.com/TalatHussain12/status/1217775685651107840</a></p><p>शक्तिशाली सेना की आलोचना करने की कोई गुंजाइश नहीं रहती है. सना चाहती थीं कि सोशल मीडिया पर जनरल ग़फ़ूर सेना के प्रवक्ता होने के नाते थोड़ा सतर्क रहें. सना ने कहा था कि अगर आप सेना के प्रवक्ता पद पर हैं तो अपने निजी अकाउंट से ट्वीट करने का कोई मतलब नहीं है. </p><p>सना की इस राय पर लोगों के अलग-अलग मत हैं. सेना के एक रिटायर्ड सीनियर अधिकारी ने बीबीसी से कहा कि ग़फ़ूर अगर प्रवक्ता हैं तो वो सेना के प्रवक्ता की तरह ही बोल सकते हैं न कि वो सोशल मीडिया पर निजी राय देते रहें. </p><p>उन्होंने कहा, ”इतने सीनियर पोस्ट पर रहते हुए कुछ भी निजी नहीं होता है. सेना के प्रवक्ता रहते हुए आप हर मुद्दे पर अपनी राय नहीं दे सकते. जब तक आपको आधिकारिक रूप से कुछ कहने के लिए निर्देश नहीं दिया जाए तब तक आप सोशल मीडिया पर कुछ भी नहीं कह सकते हैं.” </p><p>एक और पूर्व आर्मी जनरल ग़ुलाम मुस्तफ़ा ने बीबीसी उर्दू से कहा, ”अगर कोई पाकिस्तानी सेना पर हमला करता है तो उसका सोशल मीडिया से बचाव करने में कोई समस्या नहीं है. हालांकि उन्हें ये सब भी सेना के प्रवक्ता के तौर पर ही कहना चाहिए न कि निजी हैसियत से.” </p><p><a href="https://twitter.com/sanabucha/status/1216679944509673472">https://twitter.com/sanabucha/status/1216679944509673472</a></p><p>कम्युनिकेशन स्पेशलिस्ट और वरिष्ठ पत्रकार अनिक़ ज़ाफ़र मानते हैं कि सोशल मीडिया को लेकर प्रवक्ता को तौर पर आपको सतर्क रहना होता है. ज़ाफ़र मानते हैं कि भाषा और शब्दों के चयन में तो आपको सतर्क रहना ही होता है, साथ में मुद्दों के चयन पर भी सावधानी बरतनी होती है.”</p><p>पिछले साल भारत से सरहद पर तनाव बढ़ा तो जनरल गफ़ूर ट्विटर पर ख़ूब सक्रिय रहे. उनके कई ट्वीट उकसावे वाले होते थे. उनके ट्वीट की आलोचना भी हुई. हालांकि कई हलकों में प्रशंसा भी हुई. </p><p>आसिफ़ गफ़ूर सोशल मीडिया के अलावा अपनी प्रेस कॉन्फ़्रेंस के लिए भी याद किए जाएंगे. वो अत्याधुनिक जंग की बात करते थे. पिछले साल अप्रैल महीने में फ़ेसबुक ने 103 ग्रुप और अकाउंट डिलीट किए थे, जिनके बारे में कहा जाता है कि ये सभी आईएसपीआर के कर्मियों से जुड़े थे. पिछले साल पाकिस्तान में कई ट्विटर अकाउंट भी सस्पेंड किए गए थे. इन पर आरोप था कि ये कश्मीर को लेकर भारत सरकार की आलोचना करते थे. </p><p><strong>(बीबीसी हिन्दी के एंड्रॉएड ऐप के लिए आप </strong><a href="https://play.google.com/store/apps/details?id=uk.co.bbc.hindi">यहां क्लिक</a><strong> कर सकते हैं. आप हमें </strong><a href="https://www.facebook.com/bbchindi">फ़ेसबुक</a><strong>, </strong><a href="https://twitter.com/BBCHindi">ट्विटर</a><strong>, </strong><a href="https://www.instagram.com/bbchindi/">इंस्टाग्राम</a><strong> और </strong><a href="https://www.youtube.com/bbchindi/">यूट्यूब</a><strong> पर फ़ॉलो भी कर सकते हैं.)</strong></p>

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