पाकिस्तान के सिख नेता ने धमकियों के बाद छोड़ा मुल्क

<p>पाकिस्तान के जाने माने सिख नेता राधेश सिंह उर्फ़ टोनी भाई ने सपरिवार पाकिस्तान छोड़ दिया है. </p><p>राधेश सिंह साल 2018 में आम चुनावों में खड़े हुए थे. वो पेशावर के अपने मूल इलाक़े से चुनाव में खड़े हुए थे. जिसके बाद उन्हें धमकियां मिलनी शुरू हो गई थीं. </p><p>धमकियां मिलनी शुरू होने के बाद […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | January 21, 2020 10:27 PM

<p>पाकिस्तान के जाने माने सिख नेता राधेश सिंह उर्फ़ टोनी भाई ने सपरिवार पाकिस्तान छोड़ दिया है. </p><p>राधेश सिंह साल 2018 में आम चुनावों में खड़े हुए थे. वो पेशावर के अपने मूल इलाक़े से चुनाव में खड़े हुए थे. जिसके बाद उन्हें धमकियां मिलनी शुरू हो गई थीं. </p><p>धमकियां मिलनी शुरू होने के बाद उन्होंने पेशावर छोड़ दिया और लाहौर में रहने लगे. वो कहते हैं, &quot;मुझे यह बताते हुए बहुत दुख हो रहा है कि मैंने ख़ुद की और अपने बच्चों की जान बचाने के लिए पाकिस्तान छोड़ दिया है.&quot; </p><p>राधेश सिंह फ़िलहाल एक अज्ञात जगह पर रह रहे हैं. </p><p>अपने मौजूदा निवास पहचान को गुप्त रखते हुए राधेश सिंह ने बीबीसी को बताया, &quot;अगर बात सिर्फ़ मेरी जान की होती तो मैं किसी भी सूरत में पाकिस्तान नहीं छोड़ता लेकिन ये मेरे परिवार और मुझसे जुड़े लोगों की ज़िंदगी का भी सवाल था. ऐसी स्थिति में मेरे पास मातृभूमि छोड़ने के अलावा कोई दूसरा विकल्प नहीं था.&quot;</p><p>हालांकि जब उनसे पूछा गया कि वो फ़िलहाल कहां हैं तो उन्होंने साफ़ शब्दों में कहा कि वो अभी कहां रह रहे हैं ये बताने की स्थिति में नहीं हैं लेकिन उचित समय आने पर ज़रूर बताएंगे.</p><p>राधेश सिंह ने 10 जनवरी को लाहौर पुलिस से अपनी सुरक्षा के मद्देनज़र अनुरोध किया था. </p><p>उन्होंने पुलिस को बताया था कि वो अपने बेटे के साथ सात दिसंबर की शाम को मोटरसाइकिल से काछा जेल रोड के सामने से गुज़र रहे थे, तभी चार लड़कों ने उन्हें बीच रास्ते में रोका और धमकी देने लगे. </p><p>उनका दावा है कि इन चारों लड़कों के हाथ में डंडा था और पिस्तौल भी. </p><p>उन्होंने कहा, &quot;उन सभी के हाथ में डंडे और पिस्तौल देखकर यह तय करना आसान था कि उनके साथ लड़ाई करने का कोई फ़ायदा नहीं और उन लोगों ने मेरे जवान बेटे को मारकर घायल कर दिया था. ऐसे में चुपचाप वापस घर लौटना ही बेहतर समझा.&quot; </p><p>उनका कहना है कि पुलिस को जो याचिका दी गई है उसमें उस संगठन का नाम नहीं लिखा गया है जिससे उन्हें धमकियां मिल रही हैं और वो चाहते भी नहीं कि उस संगठन और उस नेता का नाम नहीं लिखा जाए क्योंकि अब भी उनके रिश्तेदार पाकिस्तान में हैं. </p><p>वो आगे कहते हैं, &quot;होना तो ये चाहिए था कि शिकायत किये जाने के बाद हमें सुरक्षा मिलती. लेकिन हमें ख़ुफ़िया एजेंसियों की ओर से फ़ोन आने लगे और हमें कहा गया कि हम झूठ बोल रहे हैं. हमसे कहा गया कि हम अपने बयान बदल दें.&quot;</p><p>इसके अलावा हमारा पीछा किया जाना और धमकियां दिया जाना आम हो गया था.</p><p>राधेश सिंह के मुताबिक़, यह घटना उस समय हुई जब एक धार्मिक नेता ने करतारपुर कॉरिडोर के संबंध में सिखों की सार्वजनिक बेइज़्जती की थी और आपत्तिजनक बात कही थी. </p><p>जिसके बाद उन्होंने एक ट्वीट कर दिया था. </p><p>इस ट्वीट में कहा गया था कि ये बातें और सोच ग़लत है. इससे नफ़रत की संस्कृति को जन्म दिया जा रहा है जो सही नहीं है. उनका कहना है कि इस ट्वीट के बाद से ही उन्हें धमकियां मिल रही हैं. </p><h1>परिवार पाकिस्तान में सुरक्षित नहीं</h1><p>&quot;बस यही वो मोड़ था जब से मैंने सोचना शुरू कर दिया कि परिवार और बच्चों की सुरक्षा के लिए पाकिस्तान छोड़ देना चाहिए और शायद किसी दूसरे देश में बच्चों का भविष्य सुरक्षित हो जाए.&quot;</p><p>एसएचओ थाना कोट लखपत लाहौर मोहम्मद मोनव्वर ने बीबीसी से बात करते हुए राधेश सिंह की शिकायत मिलने की पुष्टि तो की लेकिन कहा कि उन्होंने शिकायत घटना के कई दिनों बाद सिर्फ़ रिकॉर्ड के लिए दी थी और एफ़आईआर दर्ज नहीं कराई थी.</p><p>पुलिस अधिकारियों ने बताया कि शिकायत पर जाँच तो की गई लेकिन राधेश सिंह का दावा सही नहीं पाया गया. </p><p>एसएचओ ने कहा कि राधेश पाकिस्तान के नागरिक हैं और अगर वो एफ़आईआर दर्ज करवाना चाहते हैं तो इससे कोई एतराज़ नहीं है. उन्होंने ये भी कहा कि कई बार लोग दूसरे देशों में शरण लेने के लिए भी पुलिस में शिकायत दर्ज करवा देते हैं.</p><p>राधेश सिंह का कहना है कि ये सबकुछ तो चल ही रहा था लेकिन इसी बीच ननकाना साहिब में गुरुद्वारे पर हमले और पथराव की घटना हो गई. इस घटना से भी उन्हें गहरा दुख पहुंचा. </p><figure> <img alt="पाकिस्तान में शादी" src="https://c.files.bbci.co.uk/A3AA/production/_110589814_pakistanmarriage.jpg" height="549" width="976" /> <footer>AFP</footer> </figure><p>वो कहते हैं कि इस पर उन्हें सिर्फ़ पाकिस्तान ही नहीं बल्कि अपने समुदाय से भी शिकायत है.</p><p>उन्होंने कहा, &quot;अगर एक सिख लड़की ने धर्म बदल लिया है और साबित हो रहा है कि उसने अपनी मर्ज़ी से धर्म बदला है तो भी इसे मुद्दा बनाया गया जिसकी ज़रूरत नहीं थी. हक़ीक़त का सामना करना चाहिए. मगर इस मामले को बहुत अधिक उछाला गया और इसके कारण भी नफ़रत बढ़ती गई थीं.&quot;</p><p>उनका कहना है कि अब नफ़रत का माहौल इतना बढ़ गया है कि कम से कम वो और उनका परिवार पाकिस्तान में सुरक्षित नहीं. </p><p>वो कहते हैं, &quot;लाहौर में मेरे तीन बच्चों को स्कूल में दाख़िला भी न मिल सका. मेरे समुदाय के एक व्यक्ति कॉलेज चलाते हैं. मैं उनके पास अपने बेटे के दाखि़ले के लिए गया तो उन्होंने चालीस हज़ार रुपए फीस मांगी. मैंने कहा कि मेरे पास तो कोई काम भी नहीं है. फीस कैसे भरुंगा. कम से कम आधी ही कर दीजिए लेकिन उन्होंने मना कर दिया.&quot;</p><p>लाहौर पहुंचने के बाद राधेश सिंह कुछ दिन अपने रिश्तेदारों के घर में रहे. घर खोजने निकले तो मुसलमान और ईसाइयों के अलावा सिखों ने भी उन्हें घर देने से इनकार कर दिया. </p><p>राधेश सिंह को बाद में ट्रस्ट का एक घर दे दिया गया जिसमें उनका परिवार रहने लगा. </p><p>वो कहते हैं, &quot;मैं और मेरे बच्चे रोज़गार की तलाश में जाते थे तो कोई हमें काम नहीं देता था. मुझे कहते थे कि बाबा अब आपको घर में आराम करना चाहिए. मेरे बच्चों को सिख होने के कारण काम नहीं दिया जाता था.&quot; </p><h1>ये भी पढ़ें </h1><p><a href="https://www.bbc.com/hindi/vert-tra-50782581?xtor=AL-73-%5Bpartner%5D-%5Bprabhatkhabar.com%5D-%5Blink%5D-%5Bhindi%5D-%5Bbizdev%5D-%5Bisapi%5D">पाकिस्तान में कंजूसी से दौलतमंद बने ये लोग कौन</a></p><p><a href="https://www.bbc.com/hindi/international-50673094?xtor=AL-73-%5Bpartner%5D-%5Bprabhatkhabar.com%5D-%5Blink%5D-%5Bhindi%5D-%5Bbizdev%5D-%5Bisapi%5D">पाकिस्तान का थार: जहां गाय की क़ुर्बानी नहीं होती</a></p><p><a href="https://www.bbc.com/hindi/international-50419010?xtor=AL-73-%5Bpartner%5D-%5Bprabhatkhabar.com%5D-%5Blink%5D-%5Bhindi%5D-%5Bbizdev%5D-%5Bisapi%5D">पाकिस्तान सेक्स अपराधियों की लिस्ट क्यों नहीं बनाता?</a></p><p><strong>(बीबीसी हिन्दी के एंड्रॉएड ऐप के लिए आप </strong><a href="https://play.google.com/store/apps/details?id=uk.co.bbc.hindi">यहां क्लिक</a><strong> कर सकते हैं. आप हमें </strong><a href="https://www.facebook.com/bbchindi">फ़ेसबुक</a><strong>, </strong><a href="https://twitter.com/BBCHindi">ट्विटर</a><strong>, </strong><a href="https://www.instagram.com/bbchindi/">इंस्टाग्राम</a><strong> और </strong><a href="https://www.youtube.com/bbchindi/">यूट्यूब</a><strong> पर फ़ॉलो भी कर सकते हैं.)</strong></p>

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