भारत के CAA के खिलाफ यूरोपीय संसद में प्रस्ताव पेश, बुधवार को होगी बहस और गुरुवार को मतदान

लंदन : यूरोपीय संसद भारत के संशोधित नागरिकता कानून (सीएए) के खिलाफ उसके कुछ सदस्यों द्वारा पेश किये गये प्रस्ताव पर बहस और मतदान करेगी. संसद में इस सप्ताह की शुरुआत में यूरोपियन यूनाइटेड लेफ्ट/नॉर्डिक ग्रीन लेफ्ट (जीयूई/एनजीएल) समूह ने प्रस्ताव पेश किया था, जिस पर बुधवार को बहस होगी और इसके एक दिन बाद […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | January 26, 2020 9:07 PM

लंदन : यूरोपीय संसद भारत के संशोधित नागरिकता कानून (सीएए) के खिलाफ उसके कुछ सदस्यों द्वारा पेश किये गये प्रस्ताव पर बहस और मतदान करेगी. संसद में इस सप्ताह की शुरुआत में यूरोपियन यूनाइटेड लेफ्ट/नॉर्डिक ग्रीन लेफ्ट (जीयूई/एनजीएल) समूह ने प्रस्ताव पेश किया था, जिस पर बुधवार को बहस होगी और इसके एक दिन बाद मतदान होगा.

इस प्रस्ताव में संयुक्त राष्ट्र के घोषणापत्र, मानव अधिकार की सार्वभौमिक घोषणा (यूडीएचआर) के अनुच्छेद 15 के अलावा 2015 में हस्ताक्षरित किये गये भारत-यूरोपीय संघ सामरिक भागीदारी संयुक्त कार्य योजना और मानव अधिकारों पर यूरोपीय संघ-भारत विषयक संवाद का जिक्र किया गया है. इसमें भारतीय प्राधिकारियों से अपील की गयी है कि वे सीएए के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे लोगों के साथ ‘रचनात्मक वार्ता’ करें और ‘भेदभावपूर्ण सीएए’ को निरस्त करने की उनकी मांग पर विचार करें.

प्रस्ताव में कहा गया है कि सीएए भारत में नागरिकता तय करने के तरीके में खतरनाक बदलाव करेगा. इससे नागरिकताविहीन लोगों के संबंध में बड़ा संकट विश्व में पैदा हो सकता है और यह बड़ी मानव पीड़ा का कारण बन सकता है. सीएए भारत में पिछले साल दिसंबर में लागू किया गया था, जिसे लेकर देशभर में विरोध प्रदर्शन हो रहे हैं.

इस मामले में भारत सरकार का कहना है कि नया कानून किसी की नागरिकता नहीं छीनता है, बल्कि इसे पड़ोसी देशों में उत्पीड़न का शिकार हुए अल्पसंख्यकों की रक्षा करने और उन्हें नागरिकता देने के लिए लाया गया है.

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