बीजिंग : चीन ने गुरुवार को कहा कि उसने उन देशों के सामने राजनयिक विरोध दर्ज कराया है, जिनकी एयरलाइनों ने चीन के शहरों के लिए अपनी उड़ानें रद्द कर दी हैं. चीन का आरोप है कि वे घातक कोरोना वायरस के मद्देनजर दहशत फैला रहे हैं. चीन के स्वास्थ्य अधिकारियों ने गुरुवार को बताया कि चीन में कोरोना वायरस से 563 लोगों की मौत हो चुकी है. इनमें 73 लोगों की मौत अकेले बुधवार को हुई, जो अब तक एक दिन में सबसे अधिक मौतें हैं. पुष्ट मामलों की संख्या तेजी से बढ़कर 28,018 हो गयी है. यह घातक वायरस भारत सहित 25 से ज्यादा देशों में फैल चुका है.
दुनिया भर में वायरस के फैलने के डर से एयर इंडिया और इंडिगो समेत कई अंतरराष्ट्रीय एयरलाइनों ने उड़ाने रद्द कर दी हैं. इस कदम को चीन ने डब्ल्यूएचओ के दिशा-निर्देशों के खिलाफ बताया है. भारत और अमेरिका समेत कई देशों ने यात्रा प्रतिबंध की भी घोषणा की है.
चीन के विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता हुआ चुनयींग ने गुरुवार को ऑनलाइन मीडिया ब्रीफिंग में कहा कि चीन की सरकार खुलेपन, पारदर्शिता और वायरस से निपटने में अंतरराष्ट्रीय सहयोग को बढ़ाने के लिए जानकारी साझा करने में जिम्मेदारी की उच्च भावना के साथ काम कर रही है. उन्होंने कहा कि डब्ल्यूएचओ ने चीन के कड़े उपायों की सराहना की और कई बार ज़ोर देकर कहा है कि वह यात्रा प्रतिबंध की सिफारिश नहीं करता है और कई बार तो यात्रा रोक का विरोध भी किया है.
चुनयींग ने कहा कि कुछ देशों ने उड़ानों पर रोक लगाने जैसा अतिवादी कदम उठाया. हालांकि, आईसीएओ (अंतरराष्ट्रीय नागर विमानन संगठन) ने भी बुलेटिन जारी किये और सभी देशों को डब्ल्यूएचओ की सिफारिशों का पालन करने के लिए प्रोत्साहित किया. उन्होंने कहा कि हम डब्ल्यूएचओ की पेशेवर सिफारिशों और आईसीएओ के बुलेटिन के खिलाफ जाने वाले देशों की निंदा करते हैं और विरोध करते हैं. प्रवक्ता ने कहा कि लोगों में दहशत फैलाने वाला उनका कदम महामारी को रोकने और नियंत्रित करने में मदद नहीं करेगा. उन्होंने देशों से उड़ानों पर रोक नहीं लगाने का आग्रह किया.