पाकिस्तान, तालिबान, काबुल और एक रहस्यमय हत्या

<p>अफ़ग़ानिस्तान की राजधानी काबुल में पिछले दिनों दो लोगों की गोली मारकर हत्या कर गई थी. एक शहर, जो लंबे समय से हिंसा से प्रभावित रहा है, वहाँ इस घटना पर कोई ख़ास चर्चा नहीं हुई. </p><p>मारे गए दोनों लोगों ने शायद सोचा होगा कि उनके बारे में किसी को पता नहीं चलेगा, क्योंकि उनके […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | February 7, 2020 10:43 PM

<p>अफ़ग़ानिस्तान की राजधानी काबुल में पिछले दिनों दो लोगों की गोली मारकर हत्या कर गई थी. एक शहर, जो लंबे समय से हिंसा से प्रभावित रहा है, वहाँ इस घटना पर कोई ख़ास चर्चा नहीं हुई. </p><p>मारे गए दोनों लोगों ने शायद सोचा होगा कि उनके बारे में किसी को पता नहीं चलेगा, क्योंकि उनके पास फ़ेक आईडी थी.</p><p>ये दोनों काबुल में क्या कर रहे थे और उनको किसने मारा, ये अभी भी रहस्य बना हुआ है. ये सिक्योरिटी सर्विस और कट्टरपंथी गुटों के बीच संदेहास्पद संपर्क की ओर भी इशारा करता है.</p><p>लेकिन अब ये स्पष्ट हो चुका है कि वो कौन थे. पाकिस्तानी ख़ुफ़िया और चरमपंथी गुटों के सूत्रों के मुताबिक़ वो लोग पाकिस्तानी तालिबान के सीनियर सदस्य थे.</p><p>पाकिस्तानी तालिबान पर आत्मघाती बम धमाकों और अन्य हमलों में सैकड़ों पाकिस्तानी लोगों की हत्या का आरोप है.</p><p>मारे गए लोगों में से एक शेख़ ख़ालिद हक़्क़ानी थे, जो पाकिस्तानी तालिबान के शीर्ष नेताओं वाली काउंसिल में अहम पद पर थे. वो पहले ग्रुप के डिप्टी लीडर भी रह चुके थे.</p><p>पाकिस्तान के कई राजनेताओं पर हमले में उनका हाथ माना जाता था. साल 2014 में पेशावर के स्कूल पर एक हमला हुआ था, जिसमें 150 से ज़्यादा लोग मारे गए थे जिनमें अधिकतर बच्चे थे.</p><p>शेख़ ख़ालिद हक़्क़ानी का नाम इस हमले से जोड़ा जाता है.</p> <ul> <li><a href="https://www.bbc.com/hindi/international-50621531?xtor=AL-73-%5Bpartner%5D-%5Bprabhatkhabar.com%5D-%5Blink%5D-%5Bhindi%5D-%5Bbizdev%5D-%5Bisapi%5D">तालिबान की क़ैद से रिहाई के बाद कहा, – कुछ तालिबानी ‘प्यारे लोग'</a></li> <li><a href="https://www.bbc.com/hindi/international-51264874?xtor=AL-73-%5Bpartner%5D-%5Bprabhatkhabar.com%5D-%5Blink%5D-%5Bhindi%5D-%5Bbizdev%5D-%5Bisapi%5D">अफ़ग़ानिस्तान: रहस्य बन गया है विमान हादसा</a></li> </ul><figure> <img alt="काबुल का इंटरकॉन्टिनेंटल होटल" src="https://c.files.bbci.co.uk/1CB6/production/_110805370_c08649cf-32de-4237-8a69-8e3ee24d2d7f.jpg" height="549" width="976" /> <footer>Getty Images</footer> <figcaption>काबुल का इंटरकॉन्टिनेंटल होटल</figcaption> </figure><p>मारे गए लोगों में दूसरे व्यक्ति क़ारी सैफ़ यूनुस थे. जो पाकिस्तानी तालिबान के मिलिटरी कमांडर थे. गुरुवार को एक बयान जारी करके पाकिस्तानी तालिबान ने मारे गए दोनों व्यक्तियों की पहचान की पुष्टि की और ये भी माना कि ये दोनों मारे गए हैं.</p><p>लेकिन इसके अलावा इनके बारे में कम ही जानकारी दी गई है. चरमपंथी गुटों के एक सूत्र के मुताबिक़ ये लोग काबुल में एक गुप्त बैठक करने वाले थे. इसके लिए उन्हें अपने ग्रुप के नेतृत्व से आदेश मिला था. ये शायद पूर्वी अफ़ग़ानिस्तान के प्रांत पक्तिका से आ रहे थे.</p><p>पाकिस्तानी ख़ुफ़िया सूत्रों के मुताबिक़, इन दोनों का शव इंटरकॉन्टिनेंटल होटल के पास से बरामद हुआ था. हाल के वर्षों में यहाँ कई बड़े हमले हुए हैं.</p><p>इन दोनों की मौत पिछले सप्ताह हुई. लेकिन पाकिस्तानी तालिबान के एक सूत्र ने बताया है कि ग्रुप के नेतृत्व ने शुरू में ये आदेश दिया था कि इस ख़बर को गुप्त रखा जाए. क्योंकि इन लोगों की मौत से नेतृत्व अंदर तक हिल गया था.</p> <ul> <li><a href="https://www.bbc.com/hindi/international-51264874?xtor=AL-73-%5Bpartner%5D-%5Bprabhatkhabar.com%5D-%5Blink%5D-%5Bhindi%5D-%5Bbizdev%5D-%5Bisapi%5D">अफ़ग़ानिस्तान: रहस्य बन गया है विमान हादसा</a></li> <li><a href="https://www.bbc.com/hindi/international-49708463?xtor=AL-73-%5Bpartner%5D-%5Bprabhatkhabar.com%5D-%5Blink%5D-%5Bhindi%5D-%5Bbizdev%5D-%5Bisapi%5D">तालिबान के क़रीब रूस क्यों आ रहा? </a></li> </ul><p>साथ में एक वजह ये भी थी कि उन्हें इस सवाल से भी गुज़रना पड़ सकता था कि ये दोनों काबुल में क्या कर रहे थे.</p><p>पाकिस्तानी तालिबान के किसी सीनियर सदस्य का इस तरह काबुल आना सामान्य बात नहीं. पाकिस्तानी तालिबान, अफ़ग़ान तालिबान से बिल्कुल अलग गुट है. इन दोनों के लक्ष्य अलग हैं और इनके समर्थक भी अलग-अलग हैं.</p><p>अफ़ग़ान तालिबान अफ़ग़ानिस्तान की सरकार से लड़ रहे हैं. जबकि अफ़ग़ानिस्तान की सरकार को अमरीका के नेतृत्व वाली सेना का समर्थन है. दूसरी ओर पाकिस्तानी तालिबान पाकिस्तान के अंदर हमले करता है.</p><p>लंबे समय से पाकिस्तान पर ये आरोप लगता रहा है कि वो अफ़ग़ान तालिबान का समर्थन करता है और अपने यहाँ इस तालिबान को शरण देता है. कहा ये जाता है कि इसके जवाब में अफ़ग़ानिस्तान की ख़ुफ़िया एजेंसी ने पाकिस्तानी तालिबान से रिश्ते जोड़ लिए हैं.</p><p>हाल के वर्षों में पाकिस्तानी तालिबान काफ़ी कमज़ोर हुआ है और अब ये पूर्वी अफ़ग़ानिस्तान तक ही केंद्रित है. ये इलाक़े अफ़ग़ान सरकार के नियंत्रण में नहीं रहे हैं.</p><p>दोनों देश इन चरमपंथी गुटों को समर्थन से इनकार करते हैं.</p><h1>कैसे मारे गए पाकिस्तानी तालिबान के सदस्य</h1><p>पाकिस्तानी तालिबान की ओर से आए बयान में कहा गया है कि ये दोनों लोग अमरीकी सैनिकों के साथ संघर्ष में मारे गए. अमरीका अफ़ग़ानिस्तान में 18 साल से चल रहे संघर्ष को ख़त्म करने के लिए अफ़ग़ान तालिबान से बात कर रहा है.</p><p>माना जा रहा है कि समझौता कराने में पाकिस्तान अहम भूमिका निभा रहा है.</p><p>पाकिस्तानी तालिबान के सूत्रों का ये भी मानना है कि हो सकता है कि पाकिस्तानी ख़ुफ़िया एजेंसी से जुड़े बंदूकधारियों ने चरमंथियों पर ये हमला किया हो.</p><p>पहले भी अफ़ग़ानिस्तान में रह रहे लोगों पर ऐसे हमले हो चुके हैं, जिनकी पाकिस्तान को तलाश थी. उदाहरण के लिए दिसंबर 2018 में कंधार में एक आत्मघाती हमले में पाकिस्तान के एक अलगाववादी नेता मारे गए थे, जो वहाँ निर्वासित जीवन जी रहे थे.</p><p>इसके उलट अफ़ग़ान तालिबान से जुड़े कई लोगों की पाकिस्तान में भी हत्या हो चुकी है. वर्ष 2013 में इस्लामाबाद की एक बेकरी में कथित रूप से एक सीनियर अफ़ग़ान चरमपंथी की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी.</p><p>पाकिस्तानी तालिबान के सूत्रों के मुताबिक़ काबुल में मारे गए शेख़ ख़ालिद हक़्क़ानी और क़ारी सैफ़ युनूस का शव संगठन को सौंप दिया गया है. पूर्वी कुनार प्रांत में सोमवार को इनके जनाज़े में भारी भीड़ जुटी.</p><p>इन लोगों के शव कैसे इनके संगठन के पास पहुँचे, ये भी एक उत्सुकता का विषय है.</p><figure> <img alt="स्पोर्ट्स विमेन ऑफ़ द ईयर" src="https://c.files.bbci.co.uk/12185/production/_110571147_footerfortextpieces.png" height="281" width="976" /> <footer>BBC</footer> </figure><p><strong>(बीबीसी हिन्दी के एंड्रॉएड ऐप के लिए आप यहां </strong><a href="https://play.google.com/store/apps/details?id=uk.co.bbc.hindi">क्लिक</a><strong> कर सकते हैं. आप हमें </strong><a href="https://www.facebook.com/bbchindi">फ़ेसबुक</a><strong>, </strong><a href="https://twitter.com/BBCHindi">ट्विटर</a><strong>, </strong><a href="https://www.instagram.com/bbchindi/">इंस्टाग्राम</a><strong> और </strong><a href="https://www.youtube.com/bbchindi/">यूट्यूब</a><strong> पर फ़ॉलो भी कर सकते हैं.)</strong></p>

Next Article

Exit mobile version