चीन : कोरोना वायरस का इलाज कर रहे चिकित्सकों के पास मास्क नहीं, रक्षात्मक सूट की भी किल्लत
बीजिंग : चीन में महामारी का रूप ले चुके कोरोना वायरस से निपटना चिकित्सकों के लिए बेहद चुनौतीपूर्ण होता जा रहा है क्योंकि अब चिकित्सकों के पास ही मास्क और सुरक्षा के अन्य साजो सामान की भीषण किल्लत है. वुहान में कोरोना संक्रमण के मामले इस तेजी से बढ़ रहे हैं कि हर सप्ताह में […]
बीजिंग : चीन में महामारी का रूप ले चुके कोरोना वायरस से निपटना चिकित्सकों के लिए बेहद चुनौतीपूर्ण होता जा रहा है क्योंकि अब चिकित्सकों के पास ही मास्क और सुरक्षा के अन्य साजो सामान की भीषण किल्लत है. वुहान में कोरोना संक्रमण के मामले इस तेजी से बढ़ रहे हैं कि हर सप्ताह में हजारों नए मामले सामने आ रहे हैं.
इतनी बड़ी संख्या में मरीजों की जांच और उनका इलाज करने के लिए चिकित्साकर्मियों की संख्या अपर्याप्त हैं. दिन रात काम करके चिकित्सक थके हुए हैं. हालात ये हैं कि अनेक चिकित्सक को बिना उचित मास्क अथवा रक्षात्मक बॉडी सूट के ही मरीजों को देखना पड़ रहा है.
एक स्वास्थ्य अधिकारी ने बताया कि कुछ ने तो डायपर पहने हैं ताकि इन सूट को उतारना नहीं पड़े और इनका लंबे समय तक इस्तेमाल किया जा सके. वुहान के सुमदायिक क्लीनिक के एक चिकित्सक ने बताया कि वह और उनके 16 अन्य सहयोगियों में भी नए वायरस के संक्रमण जैसे ही लक्षण हैं. इनमें फेफडों में संक्रमण और खांसी शामिल है.
उन्होंने नाम उजागर नहीं करने की शर्त में कहा, ‘‘एक चिकित्सक के तौर पर हम संक्रमण का स्रोत बन कर काम नहीं करना चाहते. लेकिन यहां हमारी जगह लेने वाला कोई नहीं है.” उन्होंने कहा कि उम्मीद की जाती है कि सभी चिकित्साकर्मी काम करेंगे.
पिछले शुक्रवार को वुहान शहर के उप महापौर ने कहा था कि शहर में रोजाना 56 हजार एन95 मास्क और 41 हजार रक्षात्मक सूट की किल्लत है. चीन के राष्ट्रीय स्वास्थ्य आयोग के एक उच्च पदस्थ अधिकारी जिआओ याहुई ने कहा,‘‘रक्षात्मक सूट पहनने वाले चिकित्साकर्मी ‘डायपर पहनें, कम पानी पिएं और शौचालयों का इस्तेमाल कम करें.’
उन्होंने कहा था कि वे रक्षात्मक सूट छह से नौ घंटे तक पहनेंगे. जबकि मरीजों के अलग वार्ड में भी इन्हें चार घंटे के बाद बदलना होता है. उन्होंने कहा,‘ हम इन उपायों को बढ़ावा नहीं देते लेकिन चिकित्साकर्मियों के पास कोई विकल्प नहीं है.” हालात ये हैं कि चिकित्सक पांच पांच दिन एक ही सूट पहन रहे हैं.