चीन ने जैविक हथियार के रूप में विकसित किया ”कोरोना वायरस’! अमेरिकी सांसद ने उठाए सवाल
वाशिंगटन: कोरोना वायरस को लेकर हालिया दिनों में ये अफवाह फैली थी कि इसे चीन ने खुद जैविक हथियार के तौर पर विकसित किया था. खबरों में कहा गया था कि चीन की सरकार ने इस वायरस को भविष्य में युद्ध की आशंकाओं के बीच जैविक हथियार के तौर पर विकसित किया था लेकिन किन्ही […]
वाशिंगटन: कोरोना वायरस को लेकर हालिया दिनों में ये अफवाह फैली थी कि इसे चीन ने खुद जैविक हथियार के तौर पर विकसित किया था. खबरों में कहा गया था कि चीन की सरकार ने इस वायरस को भविष्य में युद्ध की आशंकाओं के बीच जैविक हथियार के तौर पर विकसित किया था लेकिन किन्ही कारणों से चीन खुद इसका शिकार हो गया.
हालांकि वैज्ञानिकों ने इस बात का खंडन किया था कि कोरोना वायरस किसी भी प्रकार से मानव निर्मित है. कोरोना वायरस के चीन द्वारा विकसित किये जाने के समर्थन में वैश्विक समुदाय को कोई सबूत नहीं मिला था. वैज्ञानिकों की पुष्टि के बाद ये कोरी अफवाह ही साबित हुई थी.
इन अखबारों से फैली कोरोना वाली अफवाह
हालांकि आम लोगों में, विशेष तौर पर अमेरिका तथा यूरोपिय देशों में कोरोना वायरस के चीन द्वारा निर्मित होने की बात को लेकर विश्वास कायम हो गया था. इसका कारण ये था कि कुछ अखबारों ने ठोस शब्दों में इसको छापा था. चीन सरकार के आलोचक कई बड़े नेताओं ने भी इस अफवाह को विश्वसनीय बनाने में कोई कसर नहीं छोड़ी थी.
इन्हीं नेताओं में अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के पूर्व प्रमुख रणनीतिक सलाहकार स्टीव बेनन का नाम उल्लेखनीय है. बीते सोमवार को स्टीव बेनन के बयान के बाद अफवाह को और भी ज्यादा बल मिला था.
अमेरिका ने चीन के रूख पर उठाए सवाल
इस बीच रिपब्लिकन पार्टी के सीनेटर टॉम कॉटन ने फॉक्स न्यूज से बातचीत में दावा किया था कि कोरोना वायरस चीन के वुहान प्रांत स्थित एक हाई सिक्योरिटी लैब में विकसित किया गया था. हालांकि उन्होंने कहा कि हमारे पास इस बात का कोई पुख्ता सबूत नहीं है कि कोरोना वायरस विकसित किया गया है लेकिन आशंका है कि इसे बनाया गया था. क्योंकि चीन ने कोरोना वायरस को लेकर शुरुआत से ही संदेहास्पद रूख दिखाया है.
टॉम कॉटन ने कहा हम संदेह के आधार पर सवाल पूछ रहे हैं लेकिन चीन कोई जवाब नहीं दे रहा. उन्होंने कहा कि यदि इस बात में सच्चाई नहीं है तो चीन की सरकार को आगे आकर सवालों का जवाब देना चाहिए ताकि किसी भी प्रकार की आशंका का समाधान हो सके. उन्होंने कहा कि चीन को इस बात का सबूत पेश करना चाहिए कि कोरोना वायरस विकसित नहीं किया गया था.
चीन ने विकसित किया कोरोना वायरस!
बता दें कि कोरोना वायरस के चीन द्वारा विकसित किए जाने की खबर कुछ अंतर्राष्ट्रीय मीडिया समूहों द्वारा फैलाई गयी थी जिसमें ब्रिटिश टेबलॉयड डेली मेल और वॉशिंगटन टाइम्स का नाम प्रमुख है. इन्होंने खबर चलाई थी कि चीन ने कोरोना वायरस को जैविक हथियार के तौर पर विकसित किया था. इन्होंने ही सबसे पहले कहा था कि चीन के वुहान प्रांत में इसे विकसित किया गया था.
वैज्ञानिकों ने अफवाहों का नकार दिया है
गौरतलब है कि चीनी सरकार ने बयान जारी करके बताया था कि कोरोना वायरस चीन के वुहान प्रांत स्थित सबसे बड़े मांस बाजार से फैला. यहां बड़ी संख्या में लोग सी फूड, सहित सांप, चमगादड़ और कुत्ते का मांस खाते हैं. चीन का कहना है कि संभवत कोरोना वायरस चमगादड़ का सूप पीने से फैला.
हालांकि इसके मानव निर्मित होने की आशंका को बल इसलिए मिला क्योंकि यहां कई लेबोरेट्री मौजूद हैं. हालांकि वैज्ञानिकों ने इस बात को पूरी तरह से नकार दिया है कि कोरोना वायरस मानवनिर्मित है.