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शाहीन बाग़: क्या तीस्ता सीतलवाड़ प्रदर्शनकारी महिलाओं को ‘सिखा-पढ़ा’ रही थीं?

<figure> <img alt="तीस्ता सीतलवाड़" src="https://c.files.bbci.co.uk/CFD7/production/_110970235_ec2a87d5-af31-44b0-a7b8-c215e244c30a.jpg" height="549" width="976" /> <footer>BBC</footer> </figure><p><strong>बीजेपी आईटी सेल के प्रमुख अमित मालवीय ने जानी</strong><strong>-</strong><strong>मानी सामाजिक कार्यकर्ता तीस्ता सीतलवाड़ पर आरोप लगाया है कि</strong><strong> </strong><strong>'</strong><strong>वे </strong><strong>दिल्ली के शाहीन बाग़ में धरने पर बैठी महिलाओं को सिखा-पढ़ा रही थीं</strong><strong>.'</strong></p><p>अमित मालवीय ने बुधवार को इस संबंध में एक वीडियो ट्वीट किया.</p><p>उन्होंने आरोप लगाया कि […]

<figure> <img alt="तीस्ता सीतलवाड़" src="https://c.files.bbci.co.uk/CFD7/production/_110970235_ec2a87d5-af31-44b0-a7b8-c215e244c30a.jpg" height="549" width="976" /> <footer>BBC</footer> </figure><p><strong>बीजेपी आईटी सेल के प्रमुख अमित मालवीय ने जानी</strong><strong>-</strong><strong>मानी सामाजिक कार्यकर्ता तीस्ता सीतलवाड़ पर आरोप लगाया है कि</strong><strong> </strong><strong>'</strong><strong>वे </strong><strong>दिल्ली के शाहीन बाग़ में धरने पर बैठी महिलाओं को सिखा-पढ़ा रही थीं</strong><strong>.'</strong></p><p>अमित मालवीय ने बुधवार को इस संबंध में एक वीडियो ट्वीट किया.</p><p>उन्होंने आरोप लगाया कि ‘सुप्रीम कोर्ट के ज़रिए नियुक्त वार्ताकारों से क्या बातचीत करनी है, उनसे क्या सवाल-जवाब करना है, ये सब कुछ तीस्ता सीतलवाड़ वहाँ बैठी महिलाओं को सिखा रही हैं.'</p><p>लेकिन तीस्ता ने बीजेपी आईटी सेल के प्रमुख द्वारा लगाये गए इन आरोपों को बेबुनियाद बताते हुए ख़ारिज कर दिया है.</p><p>दरअसल मालवीय ने तंज़ किया था, ‘इसी से पता चलता है कि शाहीन बाग़ का प्रदर्शन कितना स्वत-स्फ़ूर्त है.'</p><p><a href="https://twitter.com/amitmalviya/status/1230024018054520832">https://twitter.com/amitmalviya/status/1230024018054520832</a></p><p>नागरिकता संशोधन क़ानून (सीएए) और एनआरसी के विरोध में पिछले दो महीने से भी ज़्यादा समय से सैकड़ों महिलाएं शाहीन बाग़ में धरने पर बैठी हैं.</p><p>उनके धरने के कारण दिल्ली और नोएडा को जोड़ने वाली कालिंदी कुंज रोड बंद है.</p><p>इसके विरोध में कुछ लोग सुप्रीम कोर्ट पहुँचे हैं और रोड खुलवाने के आदेश देने की अपील कर चुके हैं. सुप्रीम कोर्ट ने भी वरिष्ठ वकील संजय हेगड़े और साधना रामचंद्रन को शाहीन बाग़ की महिलाओं से बातचीत कर कोई रास्ता निकालने को कहा है.</p><p>बुधवार को दोनों वार्ताकार शाहीन बाग़ में धरने पर बैठे लोगों से मिलने गए थे.</p><p>अमित मालवीय ने आरोप लगाया कि ‘वार्ताकारों के पहुँचने से पहले ही तीस्ता सीतलवाड़ शाहीन बाग़ पहुँच गईं और महिलाओं को सिखाने-पढ़ाने लगीं.'</p><p>लेकिन तीस्ता इन आरोपों को ख़ारिज करती हैं. बीबीसी से बातचीत में तीस्ता ने कहा कि ‘जैसे ही सुप्रीम कोर्ट ने वार्ताकार नियुक्त करने की घोषणा की, शाहीन बाग़ से कई महिलाओं ने उन्हें फ़ोन कर उनकी मदद मांगी.'</p><h3>तीस्ता की भूमिका</h3><p>तीस्ता के अनुसार उनका रोल केवल इतना था कि ज़्यादा से ज़्यादा लोगों की राय वार्ताकारों तक कैसे पहुँचे.</p><p>उन्होंने कहा कि ‘उन लोगों ने पाँच सवाल तय किए थे जिन्हें वार्ताकारों के सामने पेश किया जाना था.'</p><figure> <img alt="संजय हेगड़ और साधना रामचंद्रन" src="https://c.files.bbci.co.uk/C299/production/_110971894_e4e33458-b1e1-4c07-8485-3aeb70c99d89.jpg" height="549" width="976" /> <footer>Getty Images</footer> </figure><h3>क्या थे पाँच सवाल?</h3><p>क्या शाहीन बाग़ आंदोलन के रुकने से पूरा आंदोलन रुक जाएगा?</p><p>पब्लिक को जो परेशानी हो रही है उसके बारे में आपका क्या कहना है?</p><p>क्या आधा रास्ता खुलने से मसला हल हो सकता है?</p><p>अगर शाहीन बाग़ आंदोलन का रूप और रुख़ बदल जाए तो आंदोलन ख़त्म हो जाएगा या प्रभावित होगा?</p><p>अगर शाहीन बाग़ आंदोलन की जगह बदल दी जाए तो महिलाओं की सुरक्षा की ज़िम्मेदारी कौन लेगा?</p><figure> <img alt="शाहीन बाग़" src="https://c.files.bbci.co.uk/E9A9/production/_110971895_31b62d33-92f8-4a3c-b618-d90ffca6240b.jpg" height="549" width="976" /> <footer>Getty Images</footer> </figure><p>तीस्ता के अनुसार ये पाँच सवाल महिलाओं से बातचीत के आधार पर ही तय किये गए थे और फिर इन पाँच सवालों पर वहाँ बैठी 600-700 महिलाओं की राय ली गई.</p><p>तीस्ता ने कुछ मीडिया में उनके ख़िलाफ़ चलीं कहानियों पर कहा कि 65 दिनों से धरने पर बैठी महिलाएं किसी के सिखाने-पढ़ाने पर नहीं, बल्कि सब कुछ सहते हुए इतना शानदार आंदोलन चला रही हैं.</p><p>उन्होंने मीडिया से पूछा कि क्या शाहीन बाग़ में धरने पर बैठी महिलाओं के लिए आपके मन में यही सम्मान है.</p><p>उन्होंने मीडिया से अपील भी की कि वो शाहीन बाग़ की औरतों को नीचा दिखाने की कोशिश ना करें.</p><p><strong>(बीबीसी हिन्दी के एंड्रॉएड ऐप के लिए आप </strong><a href="https://play.google.com/store/apps/details?id=uk.co.bbc.hindi">यहां क्लिक</a><strong> कर सकते हैं. आप हमें </strong><a href="https://www.facebook.com/bbchindi">फ़ेसबुक</a>, <a href="https://twitter.com/BBCHindi">ट्विटर</a>, <a href="https://www.instagram.com/bbchindi/">इंस्टाग्राम</a><strong> और </strong><a href="https://www.youtube.com/bbchindi/">यूट्यूब</a><strong> पर फ़ॉलो भी कर सकते हैं.)</strong></p>

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