किसानों के लिए प्रेरणास्नेत बने वासुदेव गंगेश्वर
कार्तिक द्विवेदी जलडेगा (सिमडेगा) : दिल में यदि कुछ कर गुजरने की इच्छा हो तो सफलता कदम चूमती है. दृढ़ इच्छा शक्ति किसी भी रूकावट को दूर कर देती है. कुछ ऐसा ही करके दिखाया है जलडेगा प्रखंड के बाड़ीसेमर निवासी वासुदेव गंगेश्वर ने. जहां एक ओर युवक-युवतियां बेरोजगारी के चलते पलायन कर रहे हैं, […]
कार्तिक द्विवेदी
जलडेगा (सिमडेगा) : दिल में यदि कुछ कर गुजरने की इच्छा हो तो सफलता कदम चूमती है. दृढ़ इच्छा शक्ति किसी भी रूकावट को दूर कर देती है. कुछ ऐसा ही करके दिखाया है जलडेगा प्रखंड के बाड़ीसेमर निवासी वासुदेव गंगेश्वर ने. जहां एक ओर युवक-युवतियां बेरोजगारी के चलते पलायन कर रहे हैं, वहीं दूसरी ओर वासुदेव गंगेश्वर ने गांव में ही रह कर रोजी रोटी कमाने का तरीका ढूंढ लिया है.
उसने अपनी मेहनत व लगन से खेतों में फसल उगाने का काम किया. कम संसाधनों के बीच भी उन्होंने इतनी मेहनत की कि बंजर जमीन भी सोना उगलने लगी. उन्होंने वर्ष 2000 से खेतों में सब्जी उत्पादन का काम शुरू किया. किंतु सिंचाई की व्यवस्था नहीं होने के कारण काफी समस्याओं का सामना करना पड़ा.
उनके पिता हफिंद्र गंगेश्वर द्वारा बनाया गया एक कुंआ से ही सिंचाई का काम शुरू किया. वह अपने हाथों से बालटी से पानी निकाल-निकाल कर पटावन करते रहे. उनकी मेहनत काम आयी. सब्जी की खेती अच्छी हुई.
धीरे-धीरे उनकी मेहनत रंग लायी तथा खेती का विस्तार होता गया. सब्जी की कमाई से ही उन्होंने वर्ष 2004 में डीजल पंप खरीदा तथा वृहद पैमाने पर सब्जी की खेती करने लगे. वर्तमान में वह शिमला मिर्च, टमाटर,बैगन, पत्ता गोभी सहित विभिन्न प्रकार की सब्जियों का उत्पादन कर अच्छी कमाई कर रहें. सब्जी की कमाई से ही उन्हेंने एक टीवीएस मोपेड भी खरीदा है जिसके माध्यम से वह बाजारों में जाकर सब्जी की बिक्री
करते हैं.
वासुदेव गंगेश्वर कहते हैं कि वह प्रत्येक माह लगभग आठ से दस हजार तक की कमाई कर लेते हैं. जिससे उनका परिवार खुशहाल हो गया है. उन्होंने कहा कि कृषि विभाग द्वारा अब तक कोई मदद नहीं दिया गया है.
उन्हें क्रिसान क्रेडिट कार्ड भी उपलब्ध नहीं कराया गया है. साथ ही बीज आदि भी उपलब्ध नहीं कराये जाते हैं. उन्होंने कहा कि विभाग द्वारा उन्हें मदद दिया जाये तो वह और अधिक मात्र में सब्जी का उत्पादन कर सकते हैं.