‘केजरीवाल की मनमानी’ पर शांतिभूषण ख़फ़ा

आम आदमी पार्टी के संस्थापक सदस्य शांतिभूषण ने अरविंद केजरीवाल की नेतृत्व क्षमता पर सवाल खड़े किए हैं. उन्होंने कहा कि किसी व्यक्ति को यह मुगालता नहीं होना चाहिए कि जो वह सोच रहा है सिर्फ़ वही ठीक है. बीबीसी हिंदी के रेडियो कार्यक्रम ‘नमस्कार भारत’ में शांतिभूषण ने कहा, "लोकतांत्रिक दल में मतभेद होना […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | August 14, 2014 12:20 PM

आम आदमी पार्टी के संस्थापक सदस्य शांतिभूषण ने अरविंद केजरीवाल की नेतृत्व क्षमता पर सवाल खड़े किए हैं.

उन्होंने कहा कि किसी व्यक्ति को यह मुगालता नहीं होना चाहिए कि जो वह सोच रहा है सिर्फ़ वही ठीक है.

बीबीसी हिंदी के रेडियो कार्यक्रम ‘नमस्कार भारत’ में शांतिभूषण ने कहा, "लोकतांत्रिक दल में मतभेद होना बुरी बात नहीं है, लेकिन सभी मुद्दों पर पार्टी के अधिक से अधिक लोगों की राय को शामिल किया जाना चाहिए."

वहीं आम आदमी पार्टी के नेता योगेंद्र यादव ने शांति भूषण के बयानों पर निराशा जताई है.

केजरीवाल की ग़लती

उन्होंने कहा कि जिन लोगों ने पार्टी पर भरोसा जताया है, उनकी आवाज़ आनी चाहिए और उन्हें निर्णय लेने का अधिकार होना चाहिए. पार्टी में कुछ लोगों के मनमाने निर्णय लेने की परंपरा को बंद किया जाना चाहिए.

'केजरीवाल की मनमानी' पर शांतिभूषण ख़फ़ा 2

शांति भूषण आम आदमी पार्टी के संस्थापक सदस्यों में से एक हैं

शांतिभूषण ने कहा कि हर मुद्दे पर पार्टी की स्पष्ट राय होनी चाहिए. अलग-अलग मुद्दों पर एक्सपर्ट्स की अलग-अलग कमेटियां होनी चाहिए और उनकी राय से समस्याओं का समाधान निकालना चाहिए.

अरविंद केजरीवाल के मुख्यमंत्री पद छोड़ने और वाराणसी से चुनाव लड़ने को शांतिभूषण ने बड़ी ग़लती बताया.

उन्होंने कहा, "लोकसभा चुनाव में अरविंद ने बड़ी गलती की थी. उन्हें नरेंद्र मोदी की तरह मुख्यमंत्री रहते हुए नई दिल्ली सीट से चुनाव लड़ना चाहिए था और देशभर में प्रचार करना चाहिए था. लेकिन उन्होंने सलाह तो दूर, इस मुद्दे पर बात तक नहीं की."

आरोपों से हैरानी

इस बीच, आप के वरिष्ठ नेता योगेंद्र यादव ने शांतिभूषण के आरोपों पर दुख और निराशा जताई है. बीबीसी से बातचीत में उन्होंने कहा, "शांतिभूषण के सार्वजनिक बयान देने में मैं हैरान, दुखी और निराश हूं."

उन्होंने कहा कि इन मुद्दों पर पार्टी के मंच पर चर्चा होनी चाहिए.

योगेंद्र यादव ने कहा कि हरियाणा में चुनाव नहीं लड़ने के पार्टी के फ़ैसले पर उन्होंने भी असहमति जताई थी, लेकिन अंतिम फैसला हो गया तो अब इस पर टीका-टिप्पणी करने का कोई मतलब नहीं है.

(बीबीसी संवाददाता वर्तिका से बातचीत पर आधारित)

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