मुकुल के खिलाफ होगी मानहानि की याचिका

आसनसोल: माकपा के निहत पूर्व विधायक दिलीप सरकार के बारे में तृणमूल कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव मुकुल राय की टिप्पणी को लेकर जिले की राजनीति पूरी तरह से गरमा गयी है. उनकी पत्नी शेफाली सरकार ने कहा कि कोलकाता हाई कोर्ट में वे दो दिनों के अंदर मानहानि की याचिका दायर करेंगी. सोमवार को उन्होंने […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | July 16, 2013 1:47 PM

आसनसोल: माकपा के निहत पूर्व विधायक दिलीप सरकार के बारे में तृणमूल कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव मुकुल राय की टिप्पणी को लेकर जिले की राजनीति पूरी तरह से गरमा गयी है. उनकी पत्नी शेफाली सरकार ने कहा कि कोलकाता हाई कोर्ट में वे दो दिनों के अंदर मानहानि की याचिका दायर करेंगी. सोमवार को उन्होंने इससे संबंधित कोर्ट पेपर पर हस्ताक्षर कर दिया. इधर पुलिस आयुक्त अजय नंद के बयान से श्रीमती सरकार का पक्ष और मजबूत हो गया है.

क्या कहा है मुकुल ने
रविवार को हुये इस हत्याकांड के बारे में श्री राय ने कहा था कि यह मामला राजनीतिक नहीं है. उन्होंने दावा किया था कि यह व्यक्तिगत विवाद व रंजिश का मामला है. निहत माकपा नेता लड़कियों की तस्करी के धंधे से जुड़े थे और उनके खिलाफ चार वर्ष पहले स्थानीय थाने में प्राथमिकी भी दर्ज करायी गयी थी. उन्होंने कहा कि जांच के बाद शीघ्र ही स्थिति स्पष्ट हो जायेगी.

आहत हैं शेफाली सरकार
इस बयान के बाद श्रीमती सरकार काफी आहत महसूस कर रही है. उनका कहना है कि पहले उनके पति की शारीरिक हत्या की गयी. फिर उनकी राजनीतिक विरासत की हत्या की जा रही है. उन्होंने आजीवन राजनीति की. जनता हित में उन्होंने कभी भी पारिवारिक हितों को महत्व नहीं दिया. हत्यारों को पक ड़ने के बजाय तृणमूल के वरीय नेता उनकी राजनीतिक जीवन पर कीचड़ उछालने का प्रयास कर रहे हैं ताकि जनता का आक्रोश सत्ता के खिलाफ न उभरे. उन्होंने कहा कि श्री राय का बयान पूरी तरह से आपत्तिजनक और लाखों समर्थकों व चाहनेवालों का अपमान है. वे इसके खिलाफ दो दिनों में मानहानि का याचिका दायर करेंगी. श्री राय को उस प्राथमिकी के तथ्य सार्वजनिक करने होंगे.

पार्टी नेताओं में आक्रोश
पूर्व मेयर व सीटू के वयोवृद्ध नेता वामापदो मुखर्जी ने कहा कि राजनीति इस कदर गिर जायेगी, उन्होंने कल्पना तक नहीं की थी. उनके बेटे की हत्या इसी तरह कर दी गयी और हत्यारों को पक ड़ने के बजाय उसके प्रति आपत्तिजनक आरोप लगाये गये. इस हत्याकांड में भी यही बात की जा रही है. राजनीति करनेवालों का चरित्र हनन भारी अपराध है. राज्य की जनता को स्पष्ट हो जाना चाहिए कि परिवर्त्तन के नाम पर कौन सी शक्ति सत्ताशीन हुई है. इस बयान से नेताओं व पार्टी कर्मियों में भारी आक्रोश है.

पुलिस आयुक्त का इंकार
दुर्गापुर में पुलिस आयुक्त श्री नंद के पत्रकार सम्मेलन में सोमवार को पत्रकारों ने यह मामला उठाया. उन्होंने जानना चाहा कि श्री राय ने दावा किया है कि उनके खिलाफ महिला तस्करी का मामला थाने में दर्ज है, श्री नंद का कहना था कि उनकी जानकारी में ऐसा कोई मामला नहीं है.

आम जनता भी सहमत नहीं
टीएमसी महासचिव श्री राय का यह दावा आम जनता के भी गले नहीं उतर रहा है. उनका कहना है कि चार साल पहले राज्य में वाममोर्चा की सरकार थी और स्व. सरकार उस समय बाराबनी से विधायक थे. उस समय माकपा के किसी विधायक के खिलाफ किसी थाने में प्राथमिकी दर्ज हो जाना आसान नहीं था. यदि किसी कारण प्राथमिकी दर्ज हुई भी होती तो म से कम चेहरा बचाने के लिए भी उनके खिलाफ कोई न कोई सांगठनिक कार्रवाई अवश्य की जाती. लेकिन उनके खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की हैं.

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