क्या कहते हैं साइकिल के दीवाने..

कई देशों में परिवहन के साधन के रूप में साइकिल की सवारी का रोमांच कभी कम नहीं हुआ. तो वहीं ब्रिटेन और अन्य देशों में साइकिल की सवारी का रोमांच फिर से पुर्नजीवित हो रहा है. बीबीसी ने दुनिया के विभिन्न हिस्सों में लोगों से जानने का प्रयास किया कि दो पहियों वाली सवारी उनकी […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | August 25, 2014 12:49 PM

कई देशों में परिवहन के साधन के रूप में साइकिल की सवारी का रोमांच कभी कम नहीं हुआ. तो वहीं ब्रिटेन और अन्य देशों में साइकिल की सवारी का रोमांच फिर से पुर्नजीवित हो रहा है.

बीबीसी ने दुनिया के विभिन्न हिस्सों में लोगों से जानने का प्रयास किया कि दो पहियों वाली सवारी उनकी दुनिया में क्या अहमियत रखती है.

लंदन में रहने वाली ट्यूलिप मज़ूमदार कहती हैं, "लंदन की सड़कों पर सुरक्षा एक बड़ा मुद्दा है."

मज़ूमदार व्यस्त समय के दौरान बस से सफ़र करने की बजाय लंदन में साइकिल की सवारी करती है.

देखें तस्वीरेंः साइकिल भी ‘आर्ट’ है

एमेस्टरडम और दिल्ली

एमेस्टरडम में रहने वाली 35 वर्षीय शोधकर्ता डॉक्टर सुज़ान कहती है, "मैं अपने बच्चे के साथ साइकिल पर आसानी से मनचाही जगहों पर घूमती हूं. मैं अपने बच्चे को स्कूल पहुंचाती हूं. उसके बाद विश्वविद्यालय और फिर काम पर जाती हूं."

वो कहती हैं, "यहां साइकिल की सवारी बेहद आसान हैं. सड़कों पर पैदल, साइकिल और ट्रॉम की सवारी के लिए अलग-अलग रास्ते हैं."

वहीं दिल्ली में रहने वाले 45 वर्षीय विलियम लाल बताते हैं, "मैं 20 सालों से साइकिल चला रहा हूं. मुझे ऑफ़िस पहुंचने में डेढ़ घंटे लगते हैं."

वो कहते हैं, "यहां सड़कों पर लोग अक्सर यातायात के नियमों का पालन नहीं करते. कार वालों का व्यवहार हमारे साथ अच्छा नहीं होता. लेकिन साइकिल हमारे लिए सबसे सस्ता साधान है."

पढ़िएः क्यों रुके हुए हैं ये पहिए?

रियो डी जेनेरियो और नैरोबी

ब्राज़ील में रियो डि जेनेरियो के रहने वाले 54 वर्षीय बर्नाडो रेज़ेंडे पुरुषों की बॉलीवाल टीम के कोच हैं.

वो कहते हैं, "रियो साइकिल की सवारी के लिए एक अच्छा शहर है. साइकिलिंग के दौरान आप प्राक़तिक दृश्यों का लुत्फ़ उठा सकते हैं."

केन्या में रहने वाले 27 साल के जोशुआ अगिसा के लिए नैरोबी में घूमने के लिए साइकिल सबसे अच्छा साधन है.

पढ़िएः कोलकाता में नहीं चलेंगी साइकिलें

बीजि़ंग और काहिरा

बीजिंग में रहने वाले हो रुई की उम्र 27 साल है. वो कहते हैं, " साइकिल की सवारी में मुझे आज़ादी महसूस होती है. लेकिन यहां सुरक्षा से जुड़ी जागरूकता का अभाव है."

क्या कहते हैं साइकिल के दीवाने.. 2

मिस्र की राजधानी काहिरा में रहने वाली वाला एल्हावेरी कहती हैं, "मैं अपने घर से काम पर रोज़ाना साइकिल से जाती हूं. लोग आलोचना करते हैं. कहते हैं देखो वह साइकिल चला रहीहै."

वो कहती हैं, "यहां साइकिल के लिए अलग से कोई लेन नहीं है. इसलिए यहां साइकिल चलाना काफ़ी ख़तरनाक है."

(बीबीसी हिंदी का एंड्रॉयड मोबाइल ऐप डाउनलोड करने के लिए यहां क्लिक करें. आप ख़बरें पढ़ने और अपनी राय देने के लिए हमारे फ़ेसबुक पन्ने पर भी आ सकते हैं और ट्विटर पर फ़ॉलो भी कर सकते हैं.)

Next Article

Exit mobile version