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‘तेलंगाना अंबेसडर पर विवाद बेवक़ूफ़ी’

सलीम रिजवी न्यूयॉर्क से, बीबीसी हिंदी डॉटकॉम के लिए यूएस ओपन टेनिस में महिलाओं के डबल्स में 5वीं वरीयता प्राप्त सानिया मिर्ज़ा और कारा ब्लैक की जोड़ी दूसरे राउंड में पहुंच गई है. सानिया मिर्ज़ा ने ब्राज़ील के ब्रूनो सारेस के साथ खेलते हुए मिक्सड डबल्स का मैच भी जीतकर दूसरे दौर में प्रवेश कर […]

यूएस ओपन टेनिस में महिलाओं के डबल्स में 5वीं वरीयता प्राप्त सानिया मिर्ज़ा और कारा ब्लैक की जोड़ी दूसरे राउंड में पहुंच गई है.

सानिया मिर्ज़ा ने ब्राज़ील के ब्रूनो सारेस के साथ खेलते हुए मिक्सड डबल्स का मैच भी जीतकर दूसरे दौर में प्रवेश कर लिया है. मैच के बाद सानिया मिर्ज़ा ने बीबीसी हिंदी से ख़ास बातचीत की.

पढ़िए सानिया मिर्ज़ा से पूरी बातचीत

अपने करियर की इस बेस्ट रैंकिंग पर पहुँचकर कैसा महसूस कर रही हैं?

मुझे बहुत अच्छा लग रहा है. बहुत ख़ुशी है कि मैं इस मुक़ाम तक पहुँचीं. हर खिलाड़ी का यह सपना होता है कि वह अच्छी रैंकिंग पर खेले.

यह पूरा साल आपने कारा ब्लैक के साथ खेला है. उनके बारे में कुछ बताएं?

आप जब किसी के साथ लंबे समय तक खेलते हैं और उसके साथ कोर्ट के बाहर भी संबंध अच्छे रहते हैं, तो आपके बीच का तालमेल कोर्ट पर भी दिखाई देता है. हम लगातार अच्छा खेल रहे हैं. इससे मैं बहुत ख़ुश हूँ.

आपका शेड्यूल काफ़ी बिज़ी है?

मुझे लगता है कि टेनिस एक ऐसा खेल है जिसे लोगों को समझने में काफ़ी दिक़्क़त होती है. कई सारे खेल ऐसे होते हैं, जिसमें एक टूर्नामेंट के बाद अगले एक-दो महीने तक कोई टूर्नामेंट नहीं होता है. लेकिन टेनिस में ऐसा नहीं हैं. इसमें सीज़न अक्तूबर या नवंबर में जाकर ख़त्म होता है. इसलिए आपको पूरे साल यात्रा करते रहना पड़ता है. यह टेनिस को और चैलेंजिंग बनाता है.

इतनी अधिक यात्राएं और थकाने वाला खेल होने की वजह से टेनिस शरीर पर कितना प्रभाव डालता है?

मुझे लगता है कि इसी वजह से खिलाड़ी चोटिल भी बहुत होते हैं. खेलने के दौरान जो देखते हैं, वह हमारे काम का केवल 10-15 फ़ीसदी ही होता हैं. हमारी बाक़ी की मेहनत तो बाहर होती है. आज टेनिस इतना कठिन हो गया है कि शरीर को हमेशा फ़िट रहने की ज़रूरत होती है.

आपकी टेनिस अकादमी कैसी चल रही है?

बहुत अच्छी चल रही है. अच्छी प्रतिक्रियाएं आ रही हैं. उम्मीद है कि अगले कुछ सालों में कुछ अच्छे खिलाड़ी वहाँ से निकलें.

अगर आप अपने समय से तुलना करें तो क्या आपको लगता है कि लोगों का रवैया बदला है और उनकी मानसिकता बदली है, ख़ासकर महिला टेनिस के क्षेत्र में?

हां, निश्चित रूप से बदलाव आया है. दस साल पहले तक कोई जानता भी नहीं था महिला टेनिस के बारे में. साल 2005 में जब मैंने बड़ी सफलताएं हासिल कीं तो उसके बाद मुझे सबलोग जानने लगे. आज मैं दुनिया के किसी भी हिस्से में जाऊं लोग मुझे पहचान लेते हैं.

तेलंगाना का ब्रांड अंबेसडर बनाए जाने को लेकर विवाद हुआ. कुछ लोगों ने आपकी भारतीयता को लेकर सवाल उठाए, आपका क्या कहना है?

मुझे जो कहना था, वह मैं पहले ही कह चुकी हूँ. यह बेवक़ूफ़ी की बात थी. अब मैं उसमें पीछे नहीं लौटना चाहती हूं.

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