तारा शाहदेव मामला: कोर्ट रजिस्ट्रार निलंबित

नीरज सिन्हा रांची से, बीबीसी हिंदी डॉटकॉम के लिए झारखंड की निशानेबाज़ तारा शाहदेव को कथित तौर पर धर्मपरिवर्तन के लिए प्रताड़ित करने के मामले में उनके पति रंजीत कोहली और सास को अदालत ने जेल भेज दिया है. बुधवार रात दोनों को दिल्ली से रांची लाया गया था. कोहली और उनकी मां से लंबी […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | August 29, 2014 2:39 PM

झारखंड की निशानेबाज़ तारा शाहदेव को कथित तौर पर धर्मपरिवर्तन के लिए प्रताड़ित करने के मामले में उनके पति रंजीत कोहली और सास को अदालत ने जेल भेज दिया है.

बुधवार रात दोनों को दिल्ली से रांची लाया गया था. कोहली और उनकी मां से लंबी पूछताछ के बाद गुरुवार को उन्हें न्यायालय में पेश किया गया.

इस बीच इस बीच खबर है कि इसी मामले में झारखंड हाइकोर्ट के रजिस्ट्रार विजिलेंस मुस्ताक अहमद को निलंबित कर दिया है.

हाइकोर्ट के रजिस्ट्रार जनरल अनिल कुमार चौधरी ने बीबीसी से फोन पर बात करते हुए इस कार्रवाई की पुष्टि की है.

श्री चौधरी ने बताया है कि तारा शाहदेव मामले में मुस्ताक अहमद का भी नाम सामने आया है. तारा ने अपने बयान में भी इसका जिक्र किया है .

महानिबंधक ने कहा है कि जो बातें सामने आई हैं, उसे न्यायिक सेवा के कंडक्ट के प्रतिकूल समझते हुए निलंबन की कार्रवाई की गई है. पूरे मामले में उनसे तीन हफ़्ते में जवाब देने को भी कहा गया है.

इस बारे में मुस्ताक अहमद से बात करने की कोशिश की गई, लेकिन संपर्क स्थापित नहीं हो सका.

इसके पहले

इसके पहले अदालत ने रंजीत कोहली और उनकी माँ को 14 दिनों के लिए न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया.

रांची के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक प्रभात कुमार ने बताया है कि कोहली से पूछताछ में कई तथ्य सामने आए है.

प्रभात कुमार ने कहा कि अभी तक की जांच से ये साबित होता है कि रंजीत कोहली ने धर्म परिवर्तन नहीं किया है. रंजीत कोहली का कहना है कि उनकी इस्लाम के प्रति श्रद्धा है, इससे ज़्यादा कुछ नहीं.

पुलिस के मुताबिक कोहली ने पूछताछ में ये भी माना है कि वो नमाज भी पढ़ा करते थे.

कोहली ने कथित तौर पर अपनी पत्नी से कहा था कि यदि वो इस्लाम स्वीकार कर लें तो अच्छा होगा.

पुलिस के मुताबिक कोहली ने राज्य के मंत्री और कई बड़े अधिकारियों से अपने संबंध होने की बात भी पूछताछ में कही. कोहली ने बताया कि वो अपने एनजीओ के काम के लिए अधिकारियों और नेताओं के पास आते-जाते रहे हैं.

(बीबीसी हिन्दी के एंड्रॉएड ऐप के लिए यहां क्लिक करें. आप हमें फ़ेसबुक और ट्विटर पर भी फ़ॉलो कर सकते हैं.)

Next Article

Exit mobile version