झारखंड में दिसंबर के अंत तक चुनाव!
नयी दिल्ली: झारखंड में विधानसभा चुनाव दिसंबर अंत तक हो सकते हैं. सूत्रों के अनुसार, चार राज्यों में विधानसभा चुनाव अलग-अलग होंगे. महाराष्ट्र और हरियाणा में अक्तूबर के तीसरे सप्ताह में चुनाव होने की संभावना है.वहीं झारखंड के साथ जम्मू-कश्मीर में चुनाव दिसंबर अंत तक कराये जायेंगे. प्रयास किये जा रहे हैं कि एक पखवारे […]
नयी दिल्ली: झारखंड में विधानसभा चुनाव दिसंबर अंत तक हो सकते हैं. सूत्रों के अनुसार, चार राज्यों में विधानसभा चुनाव अलग-अलग होंगे. महाराष्ट्र और हरियाणा में अक्तूबर के तीसरे सप्ताह में चुनाव होने की संभावना है.वहीं झारखंड के साथ जम्मू-कश्मीर में चुनाव दिसंबर अंत तक कराये जायेंगे. प्रयास किये जा रहे हैं कि एक पखवारे तक चलनेवाले चुनाव प्रचार की वजह से धार्मिक उत्सवों पर कोई असर न पड़े. अर्धसैनिक बलों की आवश्यकता के चलते चुनाव अलग- अलग कराये जा रहे हैं, जो झारखंड और जम्मू कश्मीर में अधिक हैं.
झारखंड में अर्धसैनिक बल जहां माओवादियों के खिलाफ अभियान में लगे हैं, वहीं जम्मू- कश्मीर में वे लंबे समय से आतंकवाद के खिलाफ अभियान में तैनात हैं. पिछले चुनाव में जम्मू- कश्मीर में चुनाव सात चरणों में कराये गये थे, वहीं झारखंड में पांच चरणों में चुनाव हुए थे. आयोग यह भी चाहता है कि चुनाव की घोषणा और प्रक्रिया पूरी होने के बीच की अविध ज्यादा लंबी नहीं हो. चुनाव कार्यक्रम की घोषणा के साथ ही चुनाव आयोग सामान्य तौर पर आदर्श आचार संहिता लागू कर देता है, जिससे सरकार के उपक्रमवाली नयी योजनाओं और परियोजनाओं पर रोक लग जाती है.
चुनाव आयोग महाराष्ट्र व हरियाणा के लिए सितंबर के मध्य में चुनाव कार्यक्रम की घोषणा कर सकता है. आयोग और केंद्रीय गृह मंत्रलय के बीच बलों की जरूरत और उनके आवंटन को लेकर गहन चर्चा चल रही है. संवेदनशील और अति संवेदनशील निर्वाचन क्षेत्रों की पहचान की जा रही है, ताकि स्वतंत्र व निष्पक्ष चुनाव सुनिश्चित करने के लिए पर्याप्त बलों की तैनाती की जा सके.
महाराष्ट्र की 288 सदस्यीय विधानसभा का कार्यकाल आठ नवंबर को खत्म हो रहा है, जबकि 90 सदस्यीय हरियाणा विधानसभा का कार्यकाल 27 अक्तूबर को खत्म होगा. आयोग को दोनों राज्यों में दीवाली से पहले चुनाव के पूरा होने जाने की उम्मीद है. दीपावली 24 अक्तूबर को है. महाराष्ट्र और हरियाणा में चुनाव कार्यक्रम की योजना इस ढंग से बनायी जा रही है कि प्रचार अभियान त्योहारों के मौसम में न पड़े.