विधानसभा चुनाव में साथ आ सकते हैं झाविमो-तृणमूल
रांची:विधानसभा चुनाव में झाविमो और तृणमूल कांग्रेस में गंठबंधन हो सकता है. झाविमो अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी और तृणमूल कांग्रेस के अध्यक्ष बंधु तिर्की के बीच कई दौर की बात हो चुकी है. दोनों नेताओं की बातचीत में गंठबंधन का खाका तैयार भी हुआ है. तृणमूल कांग्रेस राज्य में बाबूलाल मरांडी के नेतृत्व में विधानसभा चुनाव […]
रांची:विधानसभा चुनाव में झाविमो और तृणमूल कांग्रेस में गंठबंधन हो सकता है. झाविमो अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी और तृणमूल कांग्रेस के अध्यक्ष बंधु तिर्की के बीच कई दौर की बात हो चुकी है. दोनों नेताओं की बातचीत में गंठबंधन का खाका तैयार भी हुआ है. तृणमूल कांग्रेस राज्य में बाबूलाल मरांडी के नेतृत्व में विधानसभा चुनाव लड़ने के लिए तैयार है. झाविमो के सहारे तृणमूल नये क्षेत्र में पैठ बनाना चाहती है. झाविमो के साथ संभावित गंठबंधन को लेकर तृणमूल के नेताओं ने केंद्रीय नेतृत्व से भी बात की है.
कोड़ा-एनोस से रखेंगे दूरी
इस गंठबंधन में मधु कोड़ा और एनोस एक्का अलग रहेंगे. झाविमो के अंदर इनसे फिलहाल गंठबंधन में दूरी बनाने की सहमति बनी है. चुनाव मुहिम में झाविमो इनको साथ लेकर नहीं चलना चाहता है. वहीं बंधु तिर्की ने इन नेताओं की पार्टी के साथ मिल कर प्रगतिशील गंठबंधन बनाया है. बंधु तिर्की तृणमूल को गंठबंधन में मिलने वाली सीटों को इन दलों के साथ एडजस्ट करेंगे.
बाबूलाल मरांडी के नेतृत्व में सेक्युलर पार्टियों को एक मंच पर आना चाहिए. राज्य की बेहतरी के लिए यह जरूरी है. गंठबंधन को लेकर हमारी बाबूलाल मरांडी से बात हुई है. बातचीत सकारात्मक हुई है. गंठबंधन का स्वरूप जल्द ही सामने आ जायेगा. भाजपा को रोकना है,तो इस गंठबंधन में दूसरे दलों को भी साथ आना चाहिए. हमारी कोशिश भी है कि इसे व्यापक बनाया जाये.
बंधु तिर्की, विधायक