मां से बच्चे को हो सकता है गोनोरिया

असुरक्षित यौन संबंध न सिर्फ अनचाहे गर्भ का कारण बनता है, बल्कि इससे गोनोरिया रोग होने की आशंका भी होती है. यह रोग मां से बच्चे को भी हो सकता है, जो उसके जीवन के लिए खतरा बन सकता है. इस रोग की पुष्टि मुख्यत: यूरिन टेस्ट से होती है. गोनोरिया एक यौन संचारित बीमारी […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | September 3, 2014 8:13 AM

असुरक्षित यौन संबंध न सिर्फ अनचाहे गर्भ का कारण बनता है, बल्कि इससे गोनोरिया रोग होने की आशंका भी होती है. यह रोग मां से बच्चे को भी हो सकता है, जो उसके जीवन के लिए खतरा बन सकता है. इस रोग की पुष्टि मुख्यत: यूरिन टेस्ट से होती है.

गोनोरिया एक यौन संचारित बीमारी है, जो मुख्य रूप से महिलाओं तथा पुरुषों के गुप्तांग को संक्रमित करती है. गोनोरिया प्रसव के दौरान मां से बच्चे को भी लग सकती है. सही समय पर इसका इलाज न करवाने पर यह यूरीनरी ट्रैक्ट को भी संक्रमित कर सकता है, साथ ही इसके कारण गठिया, दिमागी बुखार और पेरीकार्डिटिस (जोड़ों, रीढ़ की हड्डी, मस्तिष्क और हृदय का संक्रमण) का भी खतरा होता है.

गर्भवती और बच्चे पर प्रभाव
यह रोग गर्भवती से बच्चे को भी हो सकता है, क्योंकि बच्चा प्रसव के दौरान जन्म नलिका से गुजरता है. इस रोग के कारण बच्चे में अंधापन, जोड़ों और रक्त में संक्रमण हो सकता है, जिससे उसके जीवन को खतरा हो सकता है. अत: जैसे ही रोग का पता चले, तो उसका उपचार कराया जाना चाहिए, जिससे समस्याओं को कम किया जा सके. इसके लिए गर्भवती को समय-समय पर इसकी जांच अवश्य करवानी चाहिए.

रोग की पुष्टि और उपचार
इस रोग की पुष्टि मुख्य रूप से यूरीन टेस्ट से होती है. इसकी जांच के लिए योनि और गर्भाशयग्रीवा से भी सेंपल लिया जाता है. डॉक्टर इसके लिए कॉम्बिनेशन थेरेपी की सलाह देते हैं, जिसमें सेफट्रीएजॉन की इंट्रामस्क्युलर डोज और एक्सिथोमाइसिन की ओरल डोज देते हैं. इनका सेवन एक सप्ताह तक करना पड़ता है. सेफट्रीएजॉन का इंजेक्शन गोनोरिया से जुड़े सभी प्रभावित शारीरिक स्थलों के इलाज में कारगर सिद्ध होता है. एक्सिथोमाइसिन का उपयोग एंटीबायोटिक के रूप में किया जाता है. डाक्टर द्वारा बतायी गयी दवाइयों का पूरा कोर्स करना जरूरी है, चाहे रोग के लक्षण दिखाई दें अथवा न दें. वरना हो सकता है कि संक्रमण से पूरी तरह छुटकारा न मिले.

प्रस्तुति : विनीता झा

डॉ तृप्ति शरण

सीनियर कंसल्टेंट अब्स्टेट्रिक्स एंड गाइनेकोलॉजी, बीएलके सुपर स्पेशियलिटी हॉस्पिटल

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