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मोदी को इस्लाम विरोधी बताने की कोशिश में अल कायदा:ब्रूस रिडेल

वाशिंगटन:अमेरिका के शीर्ष आतंकवाद निरोधी विशेषज्ञ समझे जाने वाले सीआईए के पूर्व विशेषज्ञ ब्रूस रिडेल ने कहा कि इस साल अल कायदा नेता ऐमन अल-जवाहिरी का यह पहला वीडियो है और इसे बहुत गंभीरता से लेना चाहिए. गौरतलब है कि अल कायदा ने भारतीय उपमहाद्वीप में आतंकी संगठन को खोलने की घोषणा का वी़डियो जारी […]

वाशिंगटन:अमेरिका के शीर्ष आतंकवाद निरोधी विशेषज्ञ समझे जाने वाले सीआईए के पूर्व विशेषज्ञ ब्रूस रिडेल ने कहा कि इस साल अल कायदा नेता ऐमन अल-जवाहिरी का यह पहला वीडियो है और इसे बहुत गंभीरता से लेना चाहिए. गौरतलब है कि अल कायदा ने भारतीय उपमहाद्वीप में आतंकी संगठन को खोलने की घोषणा का वी़डियो जारी किया है.

उन्होंने कहा कि अल कायदा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को इस्लाम के दुश्मन के तौर पर चित्रित करना चाहता है और भारत को उसकी धमकी को बहुत संजीदगी से लेना चाहिए. बहरहाल, अमेरिका आतंकी संगठन की क्षमताओं को ज्यादा तवज्जो नहीं देने की कोशिश की.
अल कायदा प्रधानमंत्री मोदी को इस्लाम के दुश्मन के तौर पर चित्रित करना चाहता है. रिडेल ने कहा, पाकिस्तान में इसका आधार और लश्कर-ए तैयाबा के साथ इसका करीबी गठजोड़ होने की वजह से अल कायदा भारत के लिए खतरा है.
उन्होंने यह बात तब कही जब उनसे जवाहिरी के ताजे वीडियो के बारे में पूछा गया जिसमें उसने भारत के कश्मीर, गुजरात और असम में जिहाद शुरू करने के लिए तथा खिलाफत स्थापित करने का लक्ष्य हासिल करने के लिए और अफगानिस्तान से म्यांमा तक शरियत लागू के लिए भारतीय उपमहाद्वीप में एक नई शाखा खोलने की घोषणा की है.
यूट्यूब सहित विभिन्न सोशल मीडिया वेब साइटों पर डाली गई वीडियो के मुताबिक जवाहिरी ने अल कायदा की नई शाखा खोलने की घोषणा की है जिसका नाम भारतीय उपमहाद्वीप में अल कायदात अल जिहाद जो पूरे भारतीय उपमहाद्वीप में जिहाद का परचम बुलंद करेगा, इस्लामी शासन वापस लाएगा और शरियत को लागू करेगा.
जाहिर है अल कायदा दहशत और हिंसा के माध्यम से शरियत का कानून पूरी दुनिया में लागू करना चाहता है. इधर प्रधानमंत्री मोदी की छवि कहीं न कहीं ध्रुवीकरण वाली बन गई है. अल्पसंख्यक मोदी सरकार पर पूरा भरोसा नहीं कर पा रहे हैं. दोनों को इस तरह से एक दूसरे के विरोधी भी साबित होते हैं.
बू्स रिडेल पूर्व में अमेरिका की खुफिया एजेंसी सीआईए के विश्लेषक और आतंकवाद विरोधी रहे हैं. वे दक्षिण एशिया के रक्षा मामलों के विशेषज्ञ माने जाते हैं. यदि ब्रूस रिडेल कह रहे हैं कि अल कायदा का मोदी को इस्लाम विरोधी छवि गढ़ना चाहता है तो इस मामले को भारत को गंभीरता से लेना चाहिए.
यदि अल-कायदा प्रधानमंत्री की इस तरह की छवि को बनाने में सफल हो जाता है तो ये देश की सुरक्षा के लिए गंभीर खतरा पैदा कर सकता है. देखना ये है कि भारत ब्रूस रिडेल के इस बयान को कितनी गंभीरता से लेता है.

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