जब हो गयी पूरी की पूरी ट्रेन गायब
हाजीपुर : यह अजीब मामला है. मुजफ्फरपुर से नरकटियागंज तक चलनेवाली पैसेंजर ट्रेन गायब है और अधिकारी कुछ भी बता पाने में खुद को असमर्थ पा रहे हैं कि आखिर यह ट्रेन गयी कहां. नॉन इंटर लॉकिंग कार्य के चलते कई दिनों से इस ट्रेन का परिचालन बंद था. अब जब फिर से ट्रेन चलाने […]
हाजीपुर : यह अजीब मामला है. मुजफ्फरपुर से नरकटियागंज तक चलनेवाली पैसेंजर ट्रेन गायब है और अधिकारी कुछ भी बता पाने में खुद को असमर्थ पा रहे हैं कि आखिर यह ट्रेन गयी कहां. नॉन इंटर लॉकिंग कार्य के चलते कई दिनों से इस ट्रेन का परिचालन बंद था. अब जब फिर से ट्रेन चलाने की बारी आयी, तो किसी को मालूम ही नहीं कि ट्रेन कहां हैं.
मुजफ्फरपुर से खुलनेवाली 55207 सवारी गाड़ी वापसी यात्र में 55208 सवारी गाड़ी बन कर जाती है. यही रैक 55210 सवारी गाड़ी बन कर सोनपुर तक आती है और वापसी में यात्र में 55209 सवारी गाड़ी बन कर नरकटियागंज के लिए खुलती है. अत्यधिक वर्षा के कारण मुजफ्फरपुर के समीप रेलवे ट्रैक पर जल जमाव होने की वजह से आठ से 10 सितंबर के दौरान यह सवारी गाड़ी मुजफ्फरपुर से सोनपुर की ओर नहीं आयी. विभागीय सूत्रों के अनुसार नरकटियागंज में रैक की कमी होने से गाड़ी के रैक को वहां से दूसरे क्षेत्रीय रेल में आवश्यकतानुसार परिचालन के लिए भेजा दिया गया था.
मगर अभी वह ट्रेन कहां है इस बारे में कोई खुल कर बताने के लिए तैयार नहीं है. अधिकारी बस यही कह रहे हैं कि जल्द ही इस गाड़ी का नियमित परिचालन कर दिया जायेगा. समस्तीपुर मंडल के एडीआरएम एन के सिंह, पूर्वोत्तर रेलवे के सीपीआरओ आलोक कुमार सिंह ने स्वीकार तो कर लिया कि ट्रेन गायब हो गयी है, लेकिन वह अभी तक कहां है, इसका पता लगाने में सभी रेलवे अधिकारी हलकान हैं. यह रैक कहां और किस परिस्थिति में है, यह बताने की स्थिति में कोई रेल अधिकारी नहीं है.
हैरत की बात तो यह है कि पूर्व मध्य रेल के जनसंपर्क अधिकारी अरविंद कुमार रजक इसे रेलवे का आंतरिक मामला बता रहे हैं. वे कहते हैं कि रेलवे अपनी आवश्यकता के अनुसार रैक का प्रयोग करता है. दूसरी ओर समस्तीपुर और सोनपुर रेल मंडल के सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार सोनपुर और हाजीपुर के बीच दूसरे नये रेल पुल का निर्माण कार्य पूरा हो चुका है. इसके बाद नॉन इंटर लॉकिंग कार्य के चलते इस ओर आने वाली ट्रेनों का परिचालन रोक दिया गया है.
बनारस डिवीजन में गोरखपुर के आसपास हुई एक दुर्घटना के कारण इस सवारी गाड़ी के कुछ कोच फंस गये थे. विभागीय तौर पर पत्र भेजा गया है और गुरुवार की देर रात तक इसके सभी कोच जहां भी हैं, वहां से वापस आ जायेंगे.
वीएनपी वर्मा, सीनियर डीसीएम.
क्या है कहानी
25 अगस्त की रात गोरखपुर-नरकटियागंज रूट पर धुधली स्टेशन के पास एक मालगाड़ी के नौ डब्बे पलट गये थे. इससे इस मार्ग पर चलनेवाली ट्रेनों को देवरिया, छपरा और बनारस मार्ग से हो कर चलाया गया. गोरखपुर-मुजफ्फरपुर पैसेंजर ट्रेन को भी बदले हुए रूट से भेजा गया, लेकिन इंटर लॉकिंग के कारण ट्रेन हाजीपुर में रद्द हो गयी. हाजीपुर में ही ट्रेन को खड़ा कर दिया गया. चार दिन बाद सभी मार्ग सामान्य स्थिति में आ गये, तो उस सवारी गाड़ी को चलाने का निर्णय हुआ, लेकिन तभी पता चला कि ट्रेन हाजीपुर में नहीं है. रेलवे के अधिकारी उसे ढूंढ़ने लगे, वह नहीं मिली. यह 10 डब्बे कहां से आये, यह भी रेल अधिकारियों के लिए सिरदर्द बन गया था.
तभी समस्तीपुर मंडल की एक सवारी गाड़ी रैक मरम्मत होने के लिए गोरखपुर यार्ड गयी थी. जब अधिकारी अपनी ट्रेन को खोज रहे थे उसी समय पूरी खाली ट्रेन हाजीपुर स्टेशन पर आ गयी. रेल अधिकारियों को लगा उनकी ट्रेन वापस आ गयी है. स्थानीय अधिकारियों ने उसे सवारी गाड़ी बता कर चलता कर दिया. इसके बाद उसे किसी अन्य मार्ग पर चला दिया गया. इस दौरान किसी रेल अधिकारी या कर्मचारी ने इस बात की जहमत नहीं उठायी कि आखिर 55207 कहां गयी और किस हाल में है.