एक बार फिर आपके सचेत होने का मौसम आ गया है. खरीफ की खेती शुरू हो गयी है. मौसम भी अनुकूल है. सरकार के दावे हैं कि खाद-बीज की कमी नहीं होगी. कृषि रोड मैप इस बार भी उम्मीदों के बिचडे बो रहा है, लेकिन इन सब के बावजूद आपको सतर्क रहना होगा. यह सतर्कता दो स्तर पर जरूरी है.
एक कि आपके हिस्से का खाद-बीज आपको समय पर मिल सके. दूसरी सतर्कता कि जो खाद, बीज और कीटनाशक आप इस्तेमाल करने जा रहे हैं, उसकी गुणवत्ता सही है या नहीं. झारखंड हो या बिहार, नकली खाद, बीज और कीटनाशक का कारोबार सभी जगह हो रहा है. यहां तक सरकार की एजेंसी भी नकली खाद-बीज की आपूर्ति कर रही है. किसान पूरे मौसम मेहनत करते हैं, लेकिन उन्हें पैदावार का नुकसान केवल इसलिए हो रहा है कि उन्हें जो खाद, बीज और कीटनाशक मुहैया कराये गये, वे नकली थे. आप किसान हैं. खेती ही आपकी परीक्षा है, भाग्य है और भविष्य है. इसलिए इस मामले में सतर्कता जरूरी है. खाद की कालाबाजारी से जो स्थिति पैदा होती है, वह भी आपको ही नुकसान पहुंचाती है. आप सही समय पर, सही मात्रा में और सही गुणवत्ता वाले खाद, बीज और कीटनाशक प्राप्त करने का अधिकार रखते हैं. इस अधिकार को प्राप्त करने के लिए सूचनाधिकार का भी इस्तेमाल कर सकते हैं. अगर समय पर खाद, बीज और कीटनाशक नहीं मिले, तो आप अपने प्रखंड विकास पदाधिकारी या जिला कृषि पदाधिकारी से संपर्क कर सकते हैं. आप खाद, बीज और कीटनाशक की गुणवत्ता की जांच भी करा सकते हैं. हम इस बार इसी विषय पर बात कर रहे हैं.
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