जन्म स्थल में ही बीज ग्राम के अस्तित्व पर संकट
धान की खेती बेहतर हो इसके लिए हर राज्य सरकार अपने किसानों को बेहतर गुणवत्ता का बीज उपलब्ध कराती है. ऐसा झारखंड में भी होता है, मगर यहां सरकार जो बीज उपलब्ध कराती है वह राज्य से बाहर की एजेंसियां हमें सप्लाई करती है. जब बिरसा कृषि विश्वविद्यालय में बेहतर गुणवत्ता का बीज विकसित किया […]
धान की खेती बेहतर हो इसके लिए हर राज्य सरकार अपने किसानों को बेहतर गुणवत्ता का बीज उपलब्ध कराती है. ऐसा झारखंड में भी होता है, मगर यहां सरकार जो बीज उपलब्ध कराती है वह राज्य से बाहर की एजेंसियां हमें सप्लाई करती है.
जब बिरसा कृषि विश्वविद्यालय में बेहतर गुणवत्ता का बीज विकसित किया जाता है. अगर सरकार उस आधार बीज से बीज ग्राम के जरिये बीजों का उत्पादन करवाये तो हम अपनी जरूरत का बीज अपने राज्य में ही उत्पादित कर सकते हैं. राज्य में ऐसे प्रयास हो भी रहे हैं, मगर उन प्रयासों के बेहतर परिणाम सामने नहीं आ रहे हैं. मौजूदा बीज नीति में विसंगति का भी सवाल उठता है. किसानों को थो.डे प्रोत्साहन की जरूरत होती है. अगर सरकार उनकी कुछ परेशानियों का हल निकाल दे तो इसमें कोई शक नहीं कि झारखंड बीजों के मामले में आत्मनिर्भर बन जाये.