!!अनिल एस साक्षी!!
श्रीनगर:जम्मू और कश्मीर में आयी बाढ़ में पीड़ितों के लिए राहत सामग्री ले जाने की फोटो सोशल मीडिया पर अपलोड करनेवाले कश्मीरी अलगाववादी नेता यासीन मलिक का नया चेहरा सामने आया है. ताजा घटना में जम्मू कश्मीर लिब्रेशन फ्रंट के नेता यासीन मलिक ने राहतकर्मियों से एक राहत सामग्री ले जा रही बोट छीन ली. मलिक और उनके साथियों ने कश्मीर घाटी में चल रहे भारतीय सेना के राहत और बचाव कार्य मेघ ऑपरेशन में रुकावट डालने की कोशिश की थी.
उन पर आरोप हैं कि इन्होंने बाढ़ राहत का सामान बांटने के लिए सेना की एक बचाव नौका को ही हाइजैक कर लिया. सोशल मीडिया में घूम रहे एक वीडियो में मलिक और उनके साथियों को राहत और बचावकर्मियों से नाव खाली कराते हुए देखा गया है. यही नहीं, इस वीडियो में इन लोगों को सेना की नाव पर सवार एक बीमार महिला को भी जबरन उतारते हुए देखा गया, ताकि वे इसका इस्तेमाल खुद के चलाये जा रहे राहत कार्य में कर सकें. इस वीडियो को बाद में एक अंग्रेजी न्यूज चैनल ने भी दिखाया था. इसमें मलिक कहते हुए नजर आ रहे हैं कि कश्मीरी नहीं चाहते हैं कि सेना कश्मीर में राहत और बचाव कार्य जारी रखे.
भारत विरोधी बैनर
अलगाववादी नेता के मैदान में लौटने के साथ ही उनका भारत विरोधी कार्यक्रम भी लौट आया है. बजाय इसके कि वे भारतीय सेना और वायुसेना के राहत अभियानों में कोई मदद करें, उल्टे वे कश्मीरियों को भारत के खिलाफ भड़काने का काम कर रहे हैं. इस आशय के बकायदा बैनर भी कई जगहों पर टांग दिये गये हैं, जिसमें लिखा गया है कि उन्हें भारत और भारतीय सेना की मदद की कोई जरूरत नहीं है.
10 दिनों बाद मैदान में दिखे
कुछ इसी तरह के लोग अब राजनीतिज्ञ और राज्य सरकार के मंत्री भी बनने लगे हैं, जो 10 दिनों के बाद परिदृश्य में लौट आये हैं. हालांकि, अभी भी कई मंत्री और विधायक लापता हैं, जिनसे खुद उमर सरकार का संपर्क नहीं हो पा रहा है. उनके लिए यह दुआ जरूर की जा रही है कि वे बाढ़ का पानी उतरते ही जरूर नजर आयें. राहत कार्य में जुटी सेना के हेलीकॉप्टर पर भी कुछ दिन पहले पत्थरबाजी की घटना सामने आयी थी. इस घटना में सेना के कई जवान घायल हो गये थे. अब ये पत्थरबाज भी राहत कार्य श्रेय लेने में जुट गये हैं.