जिंदगी व मौत से जूझ रहा जमिरूल, सिर का वजन 30 किलो

मालदा : 11 साल के एक अस्वस्थ बच्चे के गरीब व मजबूर माता-पिता मुख्यमंत्री से मिलना चाहते हैं. यह दंपत्ति अपने बच्चे को बचाने के लिए लोगों के दर-दर भटक रहा है. परिवार के छोटे बेटे के इलाज के लिए इस दंपती ने अपना सबकुछ गवां दिया, लेकिन बच्चे को स्वस्थ नहीं कर पाये. सब […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | September 23, 2014 5:15 AM
मालदा : 11 साल के एक अस्वस्थ बच्चे के गरीब व मजबूर माता-पिता मुख्यमंत्री से मिलना चाहते हैं. यह दंपत्ति अपने बच्चे को बचाने के लिए लोगों के दर-दर भटक रहा है. परिवार के छोटे बेटे के इलाज के लिए इस दंपती ने अपना सबकुछ गवां दिया, लेकिन बच्चे को स्वस्थ नहीं कर पाये. सब बच्चे जब पूजा के आनंद में झूम रहे हैं, तब 11 साल का जमीरुल शेख अपनी जिंदगी और मौत से जूझ रहा है.
मानिकचक के उत्तर चंडीपुर ग्राम पंचायत अंतर्गत रेहातपुर गांव का रहनेवाला रूस्तम अली (58) पेशे से मजदूर है. मां सुंदरी बीबी गृहवधू. इनके छह बच्चे हैं. तीन लड़कियों की शादी हो गयी है. और दो लड़के परिवार अलग हो गये हैं. छोटा बेटा जमिरूल के पास माता-पिता के अलावा और कोई नहीं है. जमिरूल के बीमारी के बारे में बोलते हुए रूस्तम ने बताया कि जन्म के 35 दिन बाद उन्होंने देखा कि उनके बेटे का सिर शरीर से बड़ा है. मालदा मेडिकल कॉलेज व अस्पताल के चिकित्सकों ने बताया कि बच्चे का इलाज मालदा में नहीं हो सकता. जब बेटे का दो साल हुआ, तब उसे सिलीगुड़ी ले जाया गया, एक चिकित्सक ने ऑपरेशन की बात कही, लेकिन यह भी कहा कि उम्र पांच साल होने पर ही ऑपरेशन हो सकता है.
ऑपरेशन के लिए डेढ़ लाख रुपये लगेंगे. रुपये जुगाड़ नहीं कर पाने के कारण बच्चे का ऑपरेशन नहीं हो पाया. इसके बाद 11 साल बीत गये. अभी बच्चे का सिर का वजन 30 किलो है. जितने दिन जा रहे हैं, बच्चे का सिर का वजन उतना ही बढ़ रहा है. वह बात तो कर सकता है, लेकिन याददाश्त काफी कमजोर है. चल-फिर नहीं पाता है. एक जगह में बैठे रहता है.
रात को ठीक से सो नहीं पाता है. सिर का स्कैन भी किया गया, किसी ने बताया कि कि उसके सिर मेंपानी है, तो किसी चिकत्सक ने बताया कि सिर का नर्भ ठीक से काम नहीं कर रहा है. उन्होंने बताया कि बच्चे के बचाने के लिए स्थानीय पंचायत से लेकर सांसद व विधायक से भी मदद की गुहार लगायी गयी थी, लेकिन किसी ने उनकी मदद नहीं की. अब बेटे को बचाने के लिए मुख्यमंत्री के पास जाने के अलावा और कोई उपाय नहीं है. उत्तर चंडीपुर ग्राम पंचायत कांग्रेस के सदस्य नजरूल इस्लाम ने बताया कि जामिरूल का उम्र अगर 18 साल होता, तो पंचायत उसके लिए कुछ कर पाती.
दूसरी ओर, दक्षिण मालदा के सांसद आबू हासेम खान चौधरी व मानिकचक के विधायक सावित्री मित्र ने कहा कि जामिरूल के माता-पिता कभी भी उनसे नहीं मिलने आये थे. मालदा मेडिकल कॉलेज के वाइस प्रिंसीपल एमए रसिद ने बताय कि जामिरूल को जो बीमारी है, उसके बारे में पहले उन्होंने कभी नहीं सुना. उन्हें इस बारे में किसी ने कुछ नहीं बताया. पहले बच्चे को मालदा मेडिकल कॉलेज व अस्पताल में भरती कराना पड़ेगा. यहां पर हर तरह की चिकित्सकीय सुविधाएं है. उसकी शरीरिक जांच करने के बाद ही कुछ कहा जा सकेगा.

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