यूपीए में झाविमो गया तो बिगड़ेगा समीकरण!
देवघर : संतालपरगना में चुनावी हलचल तेज हो गयी है. झामुमो की ओर से जहां सीएम हेमंत सोरेन कमान संभाल रहे हैं. उन्होंने संताल का ताबड़तोड़ दौरा किया. वहीं अब भाजपा ने अपनी पूरी ताकत संताल में झोंक दी है. झारखंड भाजपा के दिग्गज संताल में कैंप कर रहे है. राष्ट्रीय उपाध्यक्ष रघुवर दास, पूर्व […]
देवघर : संतालपरगना में चुनावी हलचल तेज हो गयी है. झामुमो की ओर से जहां सीएम हेमंत सोरेन कमान संभाल रहे हैं. उन्होंने संताल का ताबड़तोड़ दौरा किया. वहीं अब भाजपा ने अपनी पूरी ताकत संताल में झोंक दी है. झारखंड भाजपा के दिग्गज संताल में कैंप कर रहे है.
राष्ट्रीय उपाध्यक्ष रघुवर दास, पूर्व सीएम अर्जुन मुंडा, केंद्रीय मंत्री सुदर्शन भगत, सरयू राय सरीखे नेता संताल में घूम-घूमकर जनता और कार्यकर्ता की नब्ज टटोल रहे हैं. पूरी मजबूती से भाजपा अपना सांगठनिक ढांचा दुरुस्त करने में जुटी है. बूथ स्तर पर दमदार उपस्थिति के लिए जगह-जगह कार्यकर्ता सम्मेलन हो रहे हैं.
झारखंड भाजपा के शीर्ष नेतृत्व को उम्मीद है कि संताल में इस बार झामुमो को हराया जा सकता है. पार्टी को यहां से सभी 18 सीटों पर जीतने का अनुमान है. लेकिन भाजपा की इस उम्मीद पर झाविमो पानी फेर सकता है. यदि झाविमो यूपीए फोल्डर में गया तो यूपीए संतालपरगना में और मजबूत होगा.
* झाविमो के आने से मजबूत होगा महागंठबंधन!
संतालपरगना में 2009 के चुनाव की जो स्थिति है, उसके तहत 13 विधायक झामुमो, कांग्रेस व राजद के हैं. जबकि दो विधायक झाविमो से हैं. संतालपरगना में झाविमो सुप्रीमो ने भी कड़ी मेहनत की है. पार्टी की अच्छी पकड़ संताल की कई सीटों पर है. ऐसे में झामुमो-झाविमो दो झारखंड नामधारी पार्टी एक साथ आये तो संताल चुनाव में पासा पलट सकता है. लेकिन अभी तक महागंठबंधन को लेकर जिच बरकरार है.
यूपीए फोल्डर के किसी नेता ने अभी तक पत्ता नहीं खोला है. झाविमो सुप्रीमो भी अपनी शर्तों पर गंठबंधन में शामिल होना चाहते हैं. लेकिन झामुमो-झाविमो एक साथ आयेंगे, इसमें संदेह है. बहरहाल, यूपीए खाने से महागंठबंधन की पहल क्या रंग लाती है. इसी पर संताल की राजनीति और चुनाव का परिणाम केंद्रित होगा.