26 बच्चों के पिता की सीख

लूसी ऐश बीबीसी न्यूज़ अफ्रीकी देश आइवरी कोस्ट में एक जगह पर आम के पेड़ के नीचे शादीशुदा पुरुषों का स्कूल लगा है. यहां पढ़ने वाले वयस्क पुरुष अपने-अपने परिवारों के मुखिया हैं. तो इसमें ख़ास क्या है? ख़ास यह है कि ये पुरुष यहां पढ़ने-लिखने के लिए नहीं बल्कि ‘परिवार नियोजन’ का पाठ पढ़ने […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | September 24, 2014 10:38 AM
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अफ्रीकी देश आइवरी कोस्ट में एक जगह पर आम के पेड़ के नीचे शादीशुदा पुरुषों का स्कूल लगा है.

यहां पढ़ने वाले वयस्क पुरुष अपने-अपने परिवारों के मुखिया हैं.

तो इसमें ख़ास क्या है? ख़ास यह है कि ये पुरुष यहां पढ़ने-लिखने के लिए नहीं बल्कि ‘परिवार नियोजन’ का पाठ पढ़ने आए हैं. ऐसे स्कूल देश भर में कई जगह खुले हैं.

पढें, लूसी ऐश की विस्तृत रिपोर्ट

इस स्कूल को अदीज़ा बा चलाती हैं जो ‘बिहेवियर चेंज’ नामक संस्था की राष्ट्रीय कार्यक्रम अधिकारी हैं.

आइवरी कोस्ट के हर गांव में जाकर वे इस तरह के स्कूल लगाती हैं और पुरुषों को अपने परिवार के ज़िम्मेदारियों के प्रति जागरुक करती हैं.

लेकिन साकासोउ के रहने वाले कोयायू कोयायू किसी सेलेब्रिटी की तरह हैं. वे 26 बच्चों के पिता और चार पत्नियों के पति होकर भी जवान दिखते हैं.

कोयायू कहते हैं, "हमारी संस्कृति में ज़्यादा बच्चों वाले व्यक्ति को अमीर माना जाता है और उसे समाज में ऊंचा दर्जा दिया जाता है."

इसके बावजूद वे अदीज़ा के स्कूल के सदस्य हैं और अब वे दूसरे पुरुषों को ऐसा नहीं करने का सलाह देते हैं.

कोयायू कहते हैं, "अगर आप बच्चों के जन्म में अंतर रखते हैं तो वे स्वस्थ होते हैं और ये महिलाओं के लिए भी अच्छा होता है."

कठिन काम

आइवरी कोस्ट में परिवार नियोजन का प्रचार करना आसान नहीं था.

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अदीज़ा कहती हैं कि शुरू में परिवार नियोजन की बात करना बहुत कठिन था.

वे कहती हैं, "कुछ पुरुष सोचते हैं कि गर्भ निरोधक उनकी पत्नी को बाँझ बना देगा."

अदीज़ा कहती हैं, "मैं उन्हें समझाती हूं कि औरत आम के पेड़ की तरह है. उसमें फल लगता है, फिर कुछ अंतराल बाद फल लगते हैं. पत्नी के लिए भी ज़रूरी है कि वे अपने नवजात बच्चे की पूरी तरह से देखभाल करे और अपने पति के लिए ख़ूबसूरत बनी रहे."

मर्दों का शक

अदीज़ा बा कहती हैं, "कुछ मर्द गर्भ नियंत्रण को शक की नज़र से देखते हैं. वे सोचते हैं कि इसका इस्तेमाल उनकी पत्नियां दूसरे मर्दों के साथ सोने में करेंगी और चूंकि वे गर्भधारण नहीं कर पाएंगी, इसलिए कोई जान भी नहीं पाएगा. हम उन्हें समझाते है कि गर्भ निरोधक इसलिए नहीं हैं."

अदीज़ा बा ने दो साल पहले पतियों के लिए इस स्कूल की शुरुआत चार स्कूलों से की थी जिनमें साकासोउ का ये स्कूल भी शामिल है.

वे बताती हैं कि अगले साल के अंत तक पूरे आइवरी कोस्ट में इनकी संख्या 52 तक पहुँच जाएगी.

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