आरटीआइ के दायरे में पंचायतों का लेन-देन

ग्राम पंचायतों को अपने उद्देश्यों की प्राप्ति के लिए विभित्र स्रोतों से निधियां प्राप्त होती हैं. पंचायतों के लिए जरूरी है कि वह लेखाकरण संबंधी अपनी आवश्यकताओं की पूर्ति के लिए सुव्यविस्थत लेखाकरण प्रक्रिया का अनुसरण करे. लेखाकरण ऐसी पद्धति है, जिसका प्रयोग किसी भी संगठन के लेन-देन संबंधी कार्यों का रिकॉर्ड रखने के लिए […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | July 16, 2013 1:31 PM

ग्राम पंचायतों को अपने उद्देश्यों की प्राप्ति के लिए विभित्र स्रोतों से निधियां प्राप्त होती हैं. पंचायतों के लिए जरूरी है कि वह लेखाकरण संबंधी अपनी आवश्यकताओं की पूर्ति के लिए सुव्यविस्थत लेखाकरण प्रक्रिया का अनुसरण करे.

लेखाकरण ऐसी पद्धति है, जिसका प्रयोग किसी भी संगठन के लेन-देन संबंधी कार्यों का रिकॉर्ड रखने के लिए किया जाता है. पंचायती राज संस्थाओं में पारदश्री लेखा प्रणाली लागू करने के उद्देश्य से पंचायती राज मंत्रालय, भारत सरकार एवं भारत के नियंत्रक एवं महालेखापरीक्षक द्वारा पंचायतों के लिए मॉडल एकाउंटिंग सिस्टम निर्धारित किया गया है.

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