इंचियोन:एशियन गेम्स 2014 के हॉकी के फाइनल मुकाबले में भारत ने 16 सालों बाद स्वर्ण जीत लिया है. वह भी अपने चीर प्रतिद्वंदी पाकिस्तान को हराकर.इसके साथ ही टीम ने रियो ओलंपिक 2016 के लिये क्वालीफाई कर लिया.भारत 32 सालों बाद एशियाड के फाइनल में पाकिस्तान से भीड़ा था. इसी साल के एशियाड के पुल मैचों में भारत को पाकिस्तान के हाथों हार मिली थी. उस हार का बदला भारत ने पाकिस्तान से गोल्ड छीन लिया. एक रोमांचक मुकाबले में भारत और पाकिस्तान ने पूरे समय में एक-एक गोल कर मुकाबले को बराबरी पर रखने में सफलता हासिल की.
जब पेनाल्टी शूट आडट का समय आया तब साभी हॉकी प्रेमियों की सांसे थम गयी. पेनाल्टी शूटआउट में भारत ने पाकिस्तान को 4-2 से हराया. इस जीत के साथ ही खिलाडि़यों के चेहरे चमक उठे वहीं पाक खिलाड़ी एक करारी हार के बाद अपने सिर पकड़े मैदान में बैठ गये. एशियाड हॉकी मे भारत का पाकिस्तान पर यह दूसरी जीत है. इससे पहले भारत ने सात बार एशियाड हॉकी में स्वर्ण जीता है.
भारत ने आखिरी बार 1998 में बैंकाक में हुए एशियाई खेलों में स्वर्ण जीता था. निर्धारित 60 मिनट तक स्कोर 1-1 से बराबर रहने पर मुकाबला पेनल्टी शूटआउट तक खिंचा जिसमें भारत ने चार गोल किये जबकि गत चैम्पियन पाकिस्तान दो गोल ही कर सका. भारत के लिये आकाशदीप सिंह, रुपिंदर पाल सिंह, बीरेंद्र लाकडा और धरमवीर सिंह ने पेनल्टी शूटआउट में गोल दागे जबकि मनप्रीत सिंह नाकाम रहे. वहीं पाकिस्तान के लिये वकास अहमद और शफकत रसूल ने गोल दागे जबकि मोहम्मद हसीम खान और मोहम्मद उमर भुट्टा गोल नहीं कर सके. इससे पहले निर्धारित समय में पाकिस्तान के लिये मोहम्मद रिजवान सीनियर ने तीसरे ही मिनट में गोल दाग दिया था. भारत के लिये बराबरी का गोल 27वें मिनट में कोथाजीत सिंह ने किया.
तेज रफ्तार मुकाबले में भारतीय टीम ने पहले हाफ के बाद लय पकडी और पाकिस्तान पर दबाव बनाये रखा जिसका जोर जवाबी हमलों पर था. शुरुआती बढत हालांकि पाकिस्तान ने ली जब तीसरे ही मिनट में भारतीय डिफेंस के बिखराव का फायदा उठाकर रिजवान सीनियर ने गोल किया. शफकत रसूल से मिले पास पर उसने श्रीजेश को पूरी तरह छकाकर गेंद गोल के भीतर डाली.
गोल गंवाने के बाद भारतीयों ने आक्रामक खेल दिखाया लेकिन फारवर्ड पंक्ति कई अच्छे मूव को फिनिशिंग तक नहीं ले जा सकी. भारत पहले क्वार्टर के आखिरी मिनट में गोल करने के करीब पहुंचा लेकिन रमनदीप सिंह के शाट को पाकिस्तानी गोलकीपर इमरान बट ने बखूबी बचाया. इसके बाद एस वी सुनील रिबाउंड पर आसाना मौका चूक गए. उनके सामने गोल खुला था लेकिन उनका शाट बार के उपर से निकल गया.
भारत पाकिस्तान मैच में तनाव होना लाजमी है और आज भी पहले क्वार्टर के आखिरी पलों में एक पाकिस्तानी खिलाडी को चोट लगने के बाद दोनों टीमों के खिलाडी आपस में उलझ पडे. भारत ने दूसरे क्वार्टर में प्रभावी प्रदर्शन जारी रखते हुए 23वें मिनट में पहला पेनल्टी कार्नर बनाया जिस पर रुपिंदर के शाट को पाकिस्तानी गोलकीपर बट ने बचाया. भारत को लगातार हमलों का फायदा 27वें मिनट में मिला जब कोथाजीत ने चालाकी दिखाते हुए गुरबाज सिंह के क्रास पर गोल करके स्कोर 1-1 से बराबर कर दिया.
तीसरे क्वार्टर में पाकिस्तान ने आक्रामक शुरुआत की और उसे पहला पेनल्टी कार्नर भी मिला लेकिन उनके कप्तान मोहम्मद इमरान के शाट को श्रीजेश ने बचाया. उधर बट ने एक बार फिर सुनील को गोल करने से रोका. भारत को एक और पेनल्टी कार्नर मिला, जब हूटर में पांच मिनट बाकी थे लेकिन बट ने एक बार फिर रुपिंदर के शाट को बचाया. यह स्वर्ण एशियाई खेलों के इतिहास में पुरुष हाकी में भारत का तीसरा स्वर्ण है.