भविष्य के स्मार्ट होम

।। नॉलेज डेस्क ।। तकनीक के मौजूदा दौर में बहुत सी चीजें धीरे-धीरे स्मार्ट बन रही हैं. तो फिर घर इसमें पीछे क्यों रहे. भवन निर्माण इंडस्ट्री से जुड़े विशेषज्ञों का मानना है कि इस वर्ष के आखिर तक दुनिया के 11 फीसदी घर स्मार्ट की श्रेणी में शामिल हो सकते हैं. हालांकि, अमेरिका में […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | October 7, 2014 5:11 AM

।। नॉलेज डेस्क ।।

तकनीक के मौजूदा दौर में बहुत सी चीजें धीरे-धीरे स्मार्ट बन रही हैं. तो फिर घर इसमें पीछे क्यों रहे. भवन निर्माण इंडस्ट्री से जुड़े विशेषज्ञों का मानना है कि इस वर्ष के आखिर तक दुनिया के 11 फीसदी घर स्मार्ट की श्रेणी में शामिल हो सकते हैं. हालांकि, अमेरिका में अब ही करीब 17 फीसदी घर स्मार्ट होमह् की श्रेणी में आते हैं, लेकिन वैश्विक तौर पर इसका औसत पांच फीसदी के आसपास ही है. लेकिन, स्मार्ट होम के प्रति लोगों की बढ़ रही रुचि को देखते हुए कहा जा रहा है कि आनेवाले समय में इसका प्रचलन काफी तेजी से बढ़ सकता है.

विशेषज्ञों का मानना है कि एप्पल, सैमसंग, गूगल जैसी ज्यादातर बड़ी हाउसहोल्ड कंपनियां स्मार्ट होम से जुड़े कारोबार की ओर भी छलांग लगा सकती हैं. इस वर्ष गूगल ने स्मार्ट सिस्टम संबंधी 3.2 अरब डॉलर मूल्य की वस्तुओं की बिक्री की है. दूसरी ओर, आइओएस से कनेक्ट करनेवाले सुरक्षित गैजेट्स को विकसित करते हुए एप्पल ने होमकिट जारी किया है. स्मार्ट गैजेट्स के मार्केट के बड़े हिस्से पर सैमसंग समेत अन्य कई कंपनियों की नजर है.

नयी तकनीक, नवोन्मेष और सुव्यवस्थित तौर पर दक्ष प्रणालियों से जुड़ी खबरें आपको रोजाना पढ़ने को मिलती हैं. टेक राडार डॉट कॉम की एक रिपोर्ट में आइरोबोट की सीइओ कोलिन एंजल के हवाले से बताया गया है कि अब आप ऐसे घर की कल्पना कर सकेंगे, जिसका संचालन सुपर रोबोट के माध्यम से होने के साथ ही यह संचार, दिशा-निर्देशों और नियंत्रण का केंद्र भी होगा. मानवीय प्रतिक्रियाओं को समझने में सक्षम यह रोबोट एडवांस होगा और आपसे बातें करने में सक्षम होगा. इसके अलावा, यह रोबोट आपके घर को सही तरीके से संचालन करने से जुड़ी तमाम सुविधाएं मुहैया करायेगा. यानी एक प्रकार से आप इसे स्वचालित घर भी कह सकते हैं.

हालांकि, एक आशंका यह भी जतायी जा रही है कि इस तरह की तकनीक से आपकी निजता का हनन हो सकता है, क्योंकि आपकी विभिन्न गतिविधियों की जानकारी आपको स्मार्ट सेवाएं मुहैया करा रही कंपनियों तक पहुंच सकती है. अब तक इमेल, सोशल नेटवर्किंग और इंटरनेट सर्च के जरिये हम अपनी रुचि और गतिविधियों को डिटिजल कंपनियों के साथ साझा कर रहे हैं. गूगल और एप्पल जैसी कंपनियांे को वैसे भी हमारे जन्मदिन तक के बारे में जानकारी रहती है. स्मार्ट होम के जरिये उन्हें यह भी पता चल जायेगा कि हम कितने बजे सोते हैं और कितने बजे सोकर उठते हैं.

फिर भी स्मार्ट होम तकनीक में कई तरह के फायदे देखे गये हैं. जैसे वॉशिंग मशीन हमें कभी यह नहीं बताता कि कपड़े कब धोने हैं, लेकिन स्मार्ट तकनीक वाले घर इस प्रकार की चीजों का भी ध्यान रखेंगे. इस तकनीक का सबसे बड़ा फायदा सुरक्षा से जुड़ा हुआ है. खास प्रकार के स्वचालित घरों में लगे हुए विशेष सुरक्षा कैमरों के माध्यम से आप दुनिया के किसी भी कोने में रह कर अपने घर की निगरानी कर सकते हैं और सुरक्षा संबंधी चिंता से मुक्त हो सकते हैं. आप कहीं से भी और किसी भी समय अपने घर का मुआयना कर सकते हैं और जान सकते हैं कि आपके घर में क्या हो रहा है.

* अक्षय ऊर्जा और स्मार्ट होम एनर्जी मैनेजमेंट सिस्टम

घरों में जिस तरह ऊर्जा का इस्तेमाल बढ़ता जा रहा है और अक्षय ऊर्जा प्रणाली विकसित हो रही है, होम एनर्जी मैनेजमेंट सिस्टम (एचइएमएस) की जरूरत बढ़ती जा रही है. ऊर्जा उत्पादन की बढ़ती लागत और उसके बावजूद खपत में बढ़ोतरी को ध्यान में रखते हुए ऊर्जा उत्पादन के विभिन्न विकल्पों पर जोर दिया जा रहा है.

इस सिस्टम से सुसज्जित स्मार्ट होम में लगे हुए उपकरणों और बल्बों में ऊर्जा की खपत की निगरानी के लिए कई देशों में एक खास किस्म के ऊर्जा मापक मॉड्यूल्स का इस्तेमाल किया जाता है. ऊर्जा के गैर-जरूरी इस्तेमाल को जानने के लिए अन्य प्रकार के आंकड़ों पर नजर रखते हुए, मौसम और सेंसर की मदद से घरेलू उपकरणों में होने वाली ऊर्जा की खपत को कम किया जा सकता है. जिस मौसम में ज्यादा अक्षय ऊर्जा का उत्पादन मुमकिन हो, उस दौरान तमाम घरेलू उपकरणों में पारंपरिक बिजली की आपूर्ति खत्म करते हुए उन्हें अक्षय ऊर्जा से संचालित करना इस सिस्टम की अहम खासियत है.

इसके अलावा, इलेक्ट्रिक पावर को बेहतर तरीके से इस्तेमाल में लाने के लिए भी एचइएमएस सक्रियता से कार्य करता है. उदाहरण के तौर पर सोलर पैनल जब अत्यधिक ऊर्जा का उत्पादन करते हों, उस समय वाटर हीटर या वॉशर ड्रायर जैसे उपकरणों को उसी ऊर्जा के माध्यम से संचालन करना. साथ ही इस बात पर भी जोर दिया जा रहा है कि कम-व्यस्त समय (ऑफ पीक ऑवर्स) में ऊर्जा खपत में होने वाली कमी को व्यस्त समय (पीक ऑवर्स) से समायोजित किया जा सके. इसके लिए खास तरह की स्टोरेज बैटरी भी बनायी गयी है, जिसमें ऊर्जा को स्टोर करके रखा जा सकता है.

भविष्य में इसके लिए ग्रिड बनाये जाने पर भी जोर दिया जा रहा है, ताकि अक्षय ऊर्जा का उत्पादन खपत से ज्यादा होने की स्थिति में उसे ग्रिड के माध्यम से स्थानांतरित किया जा सके. साथ ही, इस ऊर्जा की कुछ मात्रा को कुछ समय के लिए स्टोर करके रखा जा सके, इस बारे में भी शोधकार्य जारी हैं. ऐसा होने पर अक्षय ऊर्जा को स्टोर करने में सुविधा होगी.

साथ ही स्मार्ट होम में अक्षय ऊर्जा के उत्पादन की प्रणालियों के इस्तेमाल पर भी जोर दिया जा रहा है. घर में लगा हुआ सर्वर ऊर्जा उत्पादन और खपत के आंकड़ों को एकत्रित करता है, ऊर्जा की खपत के लिए उनका विश्लेषण करता है और ऊर्जा पर होने वाले खर्च को कम करने के लिए उसे नियंत्रित करता है. रिमोट एनर्जी मैनेजमेंट सर्वर घर के सर्वर के आंकड़े एकत्रित करते हुए उपयोगी सांख्यिकी विश्लेषण सूचनाओं का सृजन करता है. ऊर्जा के उत्पादन और खपत के दृष्टिकोण से प्रस्तावित एचइएमएस की संरचना से उम्मीद की जा रही है कि वह ऊर्जा की घरेलू खपत को कम करेगा, जिससे इस खर्चे में कमी आ सकती है.

* जल का बेहतर इस्तेमाल

ज्यादातर लोग इस बात को जानते हैं कि जल जैसे प्राकृतिक संसाधन को दुरुपयोग होने से बचाना चाहिए और इसके लिए अपनी ओर से वे पूरा प्रयास करते हैं. ट्वायलेट और शॉवर में लोग भले ही पानी का सही तरीके से इस्तेमाल करते हों, लेकिन तकनीक की मदद से इसे अच्छे से संरक्षित किया जा सकता है. इकोवाटर सिस्टम्स हाइड्रोलिंक प्लस इसका एक उदाहरण है, जो जल की शुद्धता को बढ़ाने से जुड़ी वाइ-फाइ तकनीक है.

इस प्रणाली से जब आप जल को शुद्ध करते हैं तो यह आपके पानी के इस्तेमाल की निगरानी करने के साथ आपको यह भी बतायेगा कि इसमें नमक की मात्रा कितनी है और सक्षम तत्वों के पाये जाने की अवस्था में आपको सूचित करेगा. इस प्रणाली से आपको यह भी जानकारी मिलेगी कि आप पानी का कितना बेजा इस्तेमाल कर रहे हैं. खासकर उन इलाकों के लिए यह ज्यादा उपयोगी साबित होगी, जहां पानी की कठोरता ज्यादा है. इतना ही नहीं, यदि आप चाहते हैं कि इस सिस्टम की नियमित निगरानी होती रहे तो आपको इसकी सुविधा भी मिल सकती है.

* धुएं से खतरा, तो खुद बजेगा अलार्म

धुएं से पैदा होने वाले किसी भी तरह के खतरे की स्थिति में यह उपकरण अलार्म बजा देता है. ऐसा होने से खतरे की सूचना समय रहते मिल जाती है. दरअसल, कार्बन मोनोऑक्साइड समेत कई गैस ऐसे हैं, जो इंसान के लिए खतरनाक हैं. इनकी चपेट में आने से इंसान का दम घुट सकता है और मौत भी हो सकती है. ऐसे में यह उपकरण सायरन बजाते हुए आपको समय रहते चेतावनी देने में सक्षम है. इस उपकरण की एक बड़ी खासियत है कि यदि आप घर में नहीं हैं और किसी कारण से आपके घर में यह खतरनाक गैस बन रही है या फिर कहीं बाहर से प्रवेश कर रही है, तो ऐसी स्थिति में भी यह आपको सूचित कर देता है. बैटरी लो होने की अवस्था में भी यह काम करता है और ऐसे में यह टेक्स्ट के माध्यम से आपको खतरे के बारे में इंगित करेगा. थर्मोस्टेट जैसे उपकरण के साथ जुड़ कर यह उपकरण और ज्यादा प्रभावी हो जाता है.

* कुछ स्मार्ट प्रोडक्ट्स, जो घर को बनायेंगे स्मार्ट

एक पूरी तरह स्मार्ट होम अभी भविष्य की उम्मीदों पर टिका हुआ है. लेकिन, स्मार्ट होम की चाहत रखने वालों ने सुविधाओं का दायरा बढ़ाने और बेहतर बनाने के लिए विभिन्न प्रकार के स्मार्ट इलेक्ट्रॉनिक प्रोडक्ट्स को अपने घरों में जगह देना शुरू किया है. इस मांग का ही नतीजा है कि दुनियाभर में कई नामी कंपनियां आधुनिक घरों की जरूरतों को ध्यान में रखते हुए इलेक्ट्रॉनिक्स आइटम बना रही हैं. एप्पल जैसी कंपनियां आइफोन व आइपैड उपभोक्ताओं को स्मार्टहोम डिवाइसेस के लिए सेंट्रल प्लेस जैसी सुविधा मुहैया कराने की तैयारी कर रही हैं. इसके अलावा, कई कंपनियां विभिन्न प्रकार के नाइट बल्ब और वायरलेस स्पीकर जैसे उत्पाद उपभोक्ताओं को मुहैया करा रही हैं, ताकि उनके घर स्मार्ट होम की कैटेगरी में शामिल हो सकें. ऐसे ही कुछ उत्पादों पर डालते हैं एक नजर …

* आइग्रिल

कई बार ऐसा होता है कि आप रसोई में खाना पका रहे हों और मोबाइल पर कहीं से कॉल आ जाती है. ऐसे में मोबाइल पर बात करते या किसी अन्य कारण से थोड़ी से असावधानी होने पर चूल्हे पर पकायी जा रही खाद्य सामग्री कुछ हद तक जल जाती है. इससे पूरे घर में अजीब सी महक फैल जाती है. आपकी इसी समस्या को दूर करेगा आपके स्मार्ट होम में लगा हुआ ह्यआइग्रिलह्ण सिस्टम. यह एक ऐसी डिवाइस है, जो उपरोक्त हालात में आपको यह जानकारी देगा कि किचेन में चूल्हे पर चढ़ी कोई खाद्य सामग्री जल रही है.

* स्मार्ट बेबी मॉनीटर

नवजात और छोटे बच्चों की देखभाल एक बड़ी चुनौती मानी जाती है. ऐसे बच्चों की देखभाल करने में होनेवाली दिक्कतों से अब आपको छुटकारा मिल सकता है. कैमरे से लैस स्मार्ट बेबी मॉनीटर से अब आप बड़ी आसानी से यह पता लगा सकते हैं कि आखिर आपका नवजात बच्चा क्या रहा है? इतना ही नहीं स्मार्ट बेबी मॉनीटर सेंसर युक्त होता है, जिससे तापमान और आर्द्रता की जानकारी भी मिलती है.

* थर्मोस्टेट

ज्यादातर घरों में कुल खपत होने वाली ऊर्जा का करीब आधा हिस्सा घर को गरमी और ठंडी के मुताबिक नियंत्रित करने में खर्च होता है. नयी तकनीकों के इस्तेमाल से इस खपत को कम किया जा सकता है. घरों में तापमान को व्यवस्थित रखने के लिए कई इलेक्ट्रॉनिक गैजेट्स मार्केट में उपलब्ध हैं. स्मार्ट होम में लगने वाला थर्मोस्टेट (तापमान को व्यवस्थित रखने की प्रणाली) बेहतरीन सेंसर व सॉफ्टवेयर से सुसज्जित होता है, जो आपके घर के तापमान को आपकी दिनचर्या के लिहाज से नियंत्रित करता है. सेंट्रल एयर कंडीशनिंग रहित पुराने घरों या अपार्टमेंट में थर्मोस्टेट की भूमिका महत्वपूर्ण है. स्मार्ट होम तकनीक आधारित नये थर्मोस्टेट एनर्जी बिल के लिए किफायती साबित होते हैं. कुछ कंपनियां वाइ-फाइ आधारित विंडो एयर कंडीशनर में कई सुविधाएं दे रही हैं.

* स्काइबेल

घर के बाहर किसी व्यक्ति के आने की स्थिति में जानकारी हासिल करने के लिए ज्यादातर घरों में डोरबेल लगा होता है. हालांकि, डोरबेल के माध्यम से आप यह नहीं जान पाते कि बाहर खड़ा व्यक्ति आपका कोई परिचित है या अजनबी. गेट के बाहर खड़े व्यक्ति को सही-सही पहचानने के लिए स्मार्ट होम में स्काइबेल का इस्तेमाल किया जाता है. यह कैमरा, स्पीकर और माइक्रोफोन से सुसज्जित होता है, जो दरवाजे पर खड़े व्यक्ति के बारे में जानकारी देने के लिए पर्याप्त होता है. दूसरी ओर, घरों की सुरक्षा केवल परंपरागत लॉक के बजाय अब इलेक्ट्रॉनिक कोडिंग से भी की जा सकेगी. ऐसे में परिवार के सदस्यों की अनुपस्थिति में घरों का लॉक खोल पाना आसान नहीं होगा. कुछ स्मार्ट फोन द्वारा दरवाजे के लॉक या अनलॉक होने की जानकारी मिलती है.

* प्लग मोशन सेंसिंग तकनीक

स्मार्ट होम में इस्तेमाल होने वाले प्लग मोशन सेंसिंग तकनीक पर आधारित होते हैं. बिजली के इस्तेमाल की मात्रा और समय के बारे में जानकारी देने वाले प्लग अन्य इलेक्ट्रॉनिक डिवाइसेस के लिए काफी मददगार साबित होते हैं. गरमी के दिनों में खिड़कियों से आने वाली धूप से कमरे का तापमान बढ़ जाता है. खिड़की या रोशनदान बंद करने के बावजूद कमरे में बाहर की गरमी का असर रहता है. इसके लिए खिड़कियों को बदलने की जरूरत नहीं पडे़गी, बल्कि वाइ-फाइ आधारित स्मार्ट फिल्म (जो रिमोट से चलती है) आपको इन समस्याओं से निजात दिला सकती है.

* स्मार्ट सिक्योरिटी सिस्टम्स

घरों की सुरक्षा के लिहाज से लंबे समय से उनमें सेंसर आधारित अलार्म लगाये जा रहे हैं, जो किसी तरह की गलत हरकतों की पहचान करते हुए जोर से सायरन बजाते हैं. आधुनिक सुरक्षा प्रणालियों के तहत आपके घर की सुरक्षा आप पर निर्भर है. घर में लगे हुए वीडियो कैमरे से आप यह जान पायेंगे कि कब आपका बच्चा स्कूल से घर पहुंचा या कोई पैकेट आपके घर डिलिवर हुआ है. इस प्रणाली में लगा हुआ फायर अलार्म्स आपको घर में आग लगने, किसी तरह की अवैध घुसपैठ होने समेत घातक रसायनों की मौजूदगी के बारे में आपको समय रहते चेतावनी जारी करेगा.

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