वॉशिंगटन : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अमेरिका यात्रा को दोनों देशों के संबंद्धों के लिए बेहतर बताते हुए भारत के राजदूत एस जयशंकर ने कहा कि इस यात्रा में 10 बड़े बिंदुओं को उजागर किया गया है. उन्होंने मोदी ओबामा के मुलाकात को आपसी संबंधों के लिए दृष्टिकोण तथा संभावनाएं और बेहतर होने की बात कही. भारतीय राजदूत ने कहा कि मोदी की यात्रा के 10 वही बडे बिन्दु हैं जो उद्योग के लिए अहम होते हैं.
इसमें पूंजी बाजार, विकास और अवसंरचना वित्त पोषण पर विशेष ध्यान देते हुए निवेश की खातिर पहल के अनुकूल वातावरण बनाना, भारतीय परियोजनाओं में अमेरिकी कंपनियों की भागीदारी के लिए अवसंरचना समन्वय आधार तैयार करना और विकासशील तीन स्मार्ट शहरों में मुख्य भागीदार बनने के लिए अमेरिकी उद्योग को पेशकश करना शामिल है.
अन्य महत्वपूर्ण बिंदुओं भारतीय रेलवे तंत्र को आधुनिक बनाने में अवसरों की तलाश, आधुनिक उत्पादन कार्यों में अच्छे तौर-तरीकों को साझा करना और कौशल विकास, नवीकरणीय उर्जा एवं ऊर्जा दक्षता के क्षेत्र में साझेदारी करना और असैन्य परमाणु उर्जा सहयोग के क्रियान्वयन को आगे बढाने के हैं. हर स्तर पर इसे एक बडा एजेंडा करार देते हुए जयशंकर ने कहा, कि यदि हम इसे कर पाते हैं तो हमारे संबंध कुछ अलग ही होंगे.
उन्होंने कहा कि भारत इसे आगे बढाने के लिए प्रतिबद्ध है. जयशंकर ने कहा कि हम आगामी कुछ सप्ताहों में वित्तपोषण, वाणिज्य एवं रक्षा के क्षेत्र से जुडी उच्च स्तरीय आधिकारिक वार्ताओं की उम्मीद करते हैं. उन्होंने कहा कि वर्ष 2015 के व्यापारिक अभियानों के लिए योजना कार्य जल्दी शुरु होना चाहिए. जनवरी के वाइब्रेंट गुजरात समारोह से भी मेरी उम्मीदें हैं. नवंबर में होने वाला भारत-अमेरिका तकनीक सम्मेलन हमारे सामने मौजूद तत्कालिक एवं महत्वपूर्ण अवसर है.
राजदूत ने कहा कि मोदी ने पदभार संभालने के बाद वाकई भारत को उत्साह से भर दिया है. उन्होंने कहा, पांच दिनों तक वे इस देश में थे और अब हमें महसूस हो रहा है कि उन्होंने हमारे संबंधों पर कितना प्रभाव डाला है. जयशंकर ने कहा, उन्होंने कारपोरेट जगत के कई प्रमुख लोगों से अलग से मुलाकात की. बिजनेस से जुडे मुद्दे प्रशासन के साथ की गयी बातचीत में प्रमुखता से उठाए गए और इनकी झलक संयुक्त बयान में भी मिली. इस दौरे से जो प्रमुख संदेश आए, उनमें से सबसे प्रमुख संदेश हमारे संबंधों के भविष्य के प्रति उनकी केंद्रीयता था.