हांगकांग के विरोध-प्रदर्शनों के पीछे अमेरिका : चीन
बीजिंग : अमेरिका पर हांगकांग में लोकतंत्र के समर्थन में हो रहे विरोध-प्रदर्शनों को ‘‘चतुराई से नियंत्रित’’ करने का आरोप लगाते हुए चीन ने आज दावा किया कि तिब्बती और शिनजियांग के अलगाववादी आंदोलनों से जुडे एक अमेरिकी अधिकारी ने प्रदर्शनकारी नेताओं से मुलाकात की थी. सत्ताधारी ‘कम्यूनिस्ट पार्टी ऑफ चाइना’ के अखबार पीपुल्स डेली […]
बीजिंग : अमेरिका पर हांगकांग में लोकतंत्र के समर्थन में हो रहे विरोध-प्रदर्शनों को ‘‘चतुराई से नियंत्रित’’ करने का आरोप लगाते हुए चीन ने आज दावा किया कि तिब्बती और शिनजियांग के अलगाववादी आंदोलनों से जुडे एक अमेरिकी अधिकारी ने प्रदर्शनकारी नेताओं से मुलाकात की थी.
सत्ताधारी ‘कम्यूनिस्ट पार्टी ऑफ चाइना’ के अखबार पीपुल्स डेली ऑनलाइन में मीडिया की खबरों के हवाले से लिखे गए एक आलेख में कहा गया है, ‘‘अमेरिका के नेशनल एंडाउमेंट फॉर डेमोक्रेसी ऑफ दि यूएस (एनईडी) की निदेशक लुईसा ग्रीव कुछ महीने पहले ही ‘ऑक्यूपाई सेंट्रल’ के प्रमुख लोगों से मिल रही थीं ताकि आंदोलन के बाबत बातचीत कर सकें.’’ एनईडी की उपाध्यक्ष ग्रीव इसके एशिया, मध्य पूर्व एवं उत्तर अफ्रीका कार्यक्रमों की प्रभारी हैं.
हांगकांग में हो रहे प्रदर्शनों में अमेरिका का हाथ बताते हुए आलेख में लिखा गया, ‘‘कई सालों से उनका नाम ‘तिब्बत की आजादी’, ‘पूर्वी तुर्किस्तान’, ‘लोकतंत्र आंदोलन’ एवं चीनी मामलों को अस्थिर करने वाली अन्य ताकतों और चीनी सरकार में दखलंदाजी से जुडी खबरों में लिया जा रहा था.’’ आलेख के मुताबिक, ग्रीव ‘अरब क्रांति’ और अन्य क्षेत्रों की ‘रंग क्रांतियों’ के बाबत आयोजित सम्मेलनों की मेजबानी भी करती रही हैं और ऐसे सम्मेलनों में हिस्सा भी लेती रही हैं.
अखबार ने आलेख में कहा है, ‘‘अमेरिका जिस तरह चीन विरोधी ताकतों के पीछे अपना हाथ होने की बात को कभी स्वीकार नहीं करता, ठीक उसी तरह यह भी नहीं मानेगा कि बडी चतुराई से वह ‘ऑक्यूपाई सेंट्रल’ आंदोलन को नियंत्रित कर रहा है.’’ आलेख में कहा गया कि अमेरिका ‘लोकतंत्र’, ‘स्वतंत्रता’, ‘मानवाधिकार’ और ‘अन्य मूल्यों’ जैसे शब्दों की आड में ऐसी गतिविधियों को सही ठहराता है.