‘इराक़ी सुन्नियों की हत्या कर रहे हैं’ शिया
मानवाधिकार संस्था एमनेस्टी इंटरनेशनल की एक रिपोर्ट के अनुसार हाल के महीने में शिया चरमपंथियों ने सैकड़ों सुन्नी नागरिकों को अगवा करके उनकी हत्या कर दी है. रिपोर्ट के मुताबिक़ यह हत्याएं इस्लामिक स्टेट की तरफ़ से हुए हमलों का बदला लेने के लिए की गईं. एमनेस्टी ने कहा कि चरमपंथियों को इराक़ी सरकार से […]
मानवाधिकार संस्था एमनेस्टी इंटरनेशनल की एक रिपोर्ट के अनुसार हाल के महीने में शिया चरमपंथियों ने सैकड़ों सुन्नी नागरिकों को अगवा करके उनकी हत्या कर दी है.
रिपोर्ट के मुताबिक़ यह हत्याएं इस्लामिक स्टेट की तरफ़ से हुए हमलों का बदला लेने के लिए की गईं.
एमनेस्टी ने कहा कि चरमपंथियों को इराक़ी सरकार से समर्थन और हथियार मिल रहा है.
इराक़ी प्रधानमंत्री हैदर अल-आब्दी ने पूर्व में सुरक्षा बलों की तरफ़ से होने वाली ‘ज़्यादती’ को स्वीकार किया और सभी इराक़ियों के लिए काम करने की बात कही.
अल-आब्दी ने पहले कहा था कि इराक़ इस्लामिक स्टेट के साथ अपने ‘अस्तित्व’ की लड़ाई लड़ रहा है.
गुलाम हुए यज़ीदी
शिया चरमपंथियों के ख़िलाफ़ यह आरोप इस्लामिक स्टेट की तरफ़ से यज़ीदी समुदाय की महिलाओं और बच्चों को सिंजर शहर के समीप गुलाम बनाने की पुष्टि के बाद लगे हैं.
आईएस की एक पत्रिका दाबिक़ में कहा गया, "शरीयत के अनुसार महिलाओं और बच्चों का बंटवारा अभियान में हिस्सा लेने वाले इस्लामिक स्टेट के लड़ाकों के बीच कर दिया गया."
इसमें कुछ महिलाओं को बाद में ‘बेचने’ की बात भी कही गई.
एमनेस्टी की रिपोर्ट में लड़ाकुओं की तरफ़ से बग़दाद, समारा और किरकुक में होने वाली सांप्रदायिक हिंसा की बात कही गई.
इसे अनुसार समारा में 170 से ज़्यादा सुन्नियों का अपहरण किया गया, जिसमें 30 से ज़्यादा लोगों को उनके घर के समीप से 6 जून को ही अगवा करने के बाद गोली मारी गई थी.
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