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मंत्री जी घोषणा करो कम अफसर हो रहे बेदम

पटना : भोजपुरी गीत, डीजे वाले भाई, वॉल्यूम करो हाइ के तर्ज पर कला-संस्कृति विभाग के मंत्री विनय बिहारी के फरमाइशी कार्यक्रमों की घोषणा से अफसर बेदम हो रहे हैं. वे गा रहे हैं-घोषणा करो कम, निकल रहा हमारा दम. मंत्री के गाने और भजन की फरमाइश से अधिकारियों को हिसाब-किताब बनाने में नाचना पड़ […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | October 18, 2014 6:02 AM
पटना : भोजपुरी गीत, डीजे वाले भाई, वॉल्यूम करो हाइ के तर्ज पर कला-संस्कृति विभाग के मंत्री विनय बिहारी के फरमाइशी कार्यक्रमों की घोषणा से अफसर बेदम हो रहे हैं.
वे गा रहे हैं-घोषणा करो कम, निकल रहा हमारा दम. मंत्री के गाने और भजन की फरमाइश से अधिकारियों को हिसाब-किताब बनाने में नाचना पड़ रहा है. हर रोज नयी फरमाइशी गीतों से अफसर हैरान हैं. अपने कार्यकाल में विनय बिहारी ने अब तक 150 से ज्यादा कार्यक्रमों का आदेश दे चुके हैं.
इनमें से कई तो नाच-गाने केअश्लील प्रोग्राम बन कर रह गये. दशहरे के बाद एक बार फिर छठ के अवसर पर मंत्री जी ने राज्य की नौ जगहों पर मनपसंद कलाकारों की भजन संध्या आयोजित करने का फरमान जारी किया है. उन्होंने भजन संध्या में शामिल होनेवाले कलाकारों के लिए डेढ़-डेढ़ लाख रुपये का बजट भी निर्धारित कर दिया है. इतना ही नहीं, मंत्री जी ने संगीत नाटक अकादमी को अपने कक्ष में तलब कर वहीं बैठक करने का आदेश दिया है. शनिवार को उन्होंने अपने कक्ष में विशेष बैठक बुलायी है, जिसमें इस पर निर्णय लिया जाना है.
जिन जगहों पर मंत्री जी ने भजन संध्या आयोजित कराने का आदेश दिया है, उनमें दुल्हिन बाजार का उलार सूर्य मंदिर, औरंगाबाद के देव सूर्य मंदिर, नालंदा के बड़गांव और औंगारी छठ घाट, मुंगेर शहर का छठ घाट, दरभंगा, छपरा, सीतामढ़ी और बेतिया सागर पोखर स्थित छठ घाट शामिल है. इसके पहले मंत्री जी के इसी तुगलकी फरमान से नवरात्र के दौरान 10 जगहों पर गीत और भजन के कार्यक्रम आयोजित किये गये थे.
बिहार के बाहर भी होने हैं कार्यक्रम
मंत्री जी ने गुजरात के सूरत या बापी का छठ घाट, महाराष्ट्र के जूहू बीच या सर मडयालैंड छठ घाट, दिल्ली के यमुनापार या सरिता बिहार छठ घाट, आंध्र प्रदेश के हैदराबाद स्थित छठ घाट, झारखंड में धनबाद या झरिया का छठ घाट, पश्चिम बंगाल के हावड़ा का छठ घाट, यूपी के गोरखपुर या बनारस छठ घाट पर भजन संध्या आयोजित कराने की संभावना पर भी निर्णय लेने का टास्क विभाग को दिया है. इसके लिए उन्होंने अपने स्तर से प्रत्येक जगहों के लिए तीन-तीन लाख रुपये का बजट भी निर्धारित किया है. मंत्री जी के इस आदेश से विभाग परेशान है.

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