17.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

एक ‘आस्था’ पर चल रही है दुर्गावाहिनी

निशा पाहुजा डॉक्यूमेंट्री निर्माता, बीबीसी हिंदी डॉटकॉम के लिए राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ से जुड़े महिला संगठन दुर्गावाहिनी को किस तरह के संगठन की श्रेणी में रखा जाना चाहिए. दुर्गावाहिनी भारत की महिलाओं को कैसे प्रशिक्षित करती है और उसके लक्ष्य क्या हैं. इन्हीं सवालों को लेकर 2012 में डॉक्यूमेंट्री फ़िल्ममेकर निशा पाहुजा ने एक फ़िल्म […]

Undefined
एक 'आस्था' पर चल रही है दुर्गावाहिनी 8

राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ से जुड़े महिला संगठन दुर्गावाहिनी को किस तरह के संगठन की श्रेणी में रखा जाना चाहिए.

दुर्गावाहिनी भारत की महिलाओं को कैसे प्रशिक्षित करती है और उसके लक्ष्य क्या हैं.

इन्हीं सवालों को लेकर 2012 में डॉक्यूमेंट्री फ़िल्ममेकर निशा पाहुजा ने एक फ़िल्म बनाई. जिसे बैस्ट कनेडियन फ़ीचर का अवार्ड मिला.

निशा पाहुजा को तब दुर्गावाहिनी के कैंप में जाकर शूटिंग करने का मौक़ा मिला था और वह वहां प्रशिक्षण ले रही लड़कियों से मिली थीं.

संघ में क्या है दुर्गावाहिनी की भूमिका? निशा पाहुजा का विश्लेषण

दस दिन के दुर्गावाहिनी शिविर का यह आख़िरी दिन है और महाराष्ट्र के शहर औरंगाबाद की गलियों में 80 लड़कियां क़दमताल करते हुए गा रही हैं और गर्व के साथ भारत के हिंदू राष्ट्र होने का ढिंढोरा पीट रही हैं.

दुर्गावाहिनी राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की धार्मिक मामलों की शाखा विश्व हिंदू परिषद (विहिप) का महिला सांस्कृतिक संगठन है.

पूरे देश में दुर्गावाहिनी की तरफ़ से ऐसी परेड होती रहती हैं.

बस में मौजूद लड़कियों के बीच माहौल दोस्ताना है, मगर उत्तेजना भी है. लड़कियां सफ़ेद सलवार कमीज़ और केसरिया रंग के दुपट्टे में हैं.

Undefined
एक 'आस्था' पर चल रही है दुर्गावाहिनी 9

शिविर की दो मार्गदर्शक बस में आगे बैठी हैं और लड़कियों का नेतृत्व करते हुए गा रही हैं, "हिंदुस्तान हिंदुओं के लिए, पाकिस्तान जाए भाड़ में!"

फिर वो मुस्कराते हुए कहती हैं, "इसकी वजह से किसी को जेल भेजा जा सकता है!" तभी एक युवा लड़की कहती है, "हम अपने विश्वास के लिए मर-मिटने को तैयार हैं." दूसरी ने कहा, "जो हमारे रास्ते में आएगा, हम उसे मार डालेंगे."

13 से 25 साल की ये लड़कियां 10 दिन पहले तक शर्मीली, सरल और मृदुभाषी थीं.

इनमें से अधिकतर पहली बार (और शायद आख़िरी बार) अपने घर परिवार से दूर अकेली हैं. ज़्यादातर ग्रामीण पृष्ठभूमि से हैं, कम पढ़ी-लिखी हैं, नीची जाति से हैं और अगले कुछ साल में उनकी शादी हो जाएगी.

शिविर में आने से पहले ही इनमें से कई मुसलमानों और ईसाइयों के ख़िलाफ़ किसी धारणा से मुक्त थीं, जो विहिप और आरएसएस की विचारधारा है.

मगर इन 10 दिनों में बहुत कुछ बदला है.

हिंदुत्व का प्रचार

सेना की तरह प्रशिक्षण के अलावा इन लड़कियों को संशोधित इतिहास की घुट्टी भी पिलाई जाती है जिसमें हिंदू प्रभुत्व को बढ़ा-चढ़ाकर बताया जाता है कि हिंदुत्व ही भारत का एकमात्र वैध धर्म है.

उन्हें बताया जाता है कि हिंदुत्व की रक्षा और प्रचार ही देशसेवा है.

Undefined
एक 'आस्था' पर चल रही है दुर्गावाहिनी 10

योद्धा के साथ-साथ एक पत्नी भी- ये लड़कियां इतनी मज़बूत होनी चाहिए कि वह दुश्मन की हड्डियां तोड़ सकें, लेकिन इतनी सीधी-सादी भी कि अपने पति से कभी सवाल न करें.

दुर्गावाहिनी का नेतृत्व इस दोहरेपन से आंखें मूंदे हुए है- मगर साफ़ है कि इसका असर यही होना है.

इस द्वंद्व को अगर किसी में एकदम साफ़ ढंग से देखा जा सकता है तो वह हैं शिविर की मार्गदर्शक प्राची त्रिवेदी. मैं अब तक इतनी ऊर्जावान महिला से नहीं मिली थी.

स्वतंत्रता और सम्मान

बेहद सीमित विकल्पों के बीच दुर्गा वाहिनी के लिए काम करने (जिसे वह जटिल मानती हैं) से उन्हें सम्मान और स्वतंत्रता मिली है.

Undefined
एक 'आस्था' पर चल रही है दुर्गावाहिनी 11

प्राची ही हैं, जिनकी वजह से मैं वहां थी और मुझे इस शिविर में आने की इजाज़त मिली. इस दुनिया तक पहुंचने में मुझे क़रीब दो साल लगे और सिर्फ़ हमारी कैमरा टीम को ही शिविर में प्रवेश की इजाज़त मिली.

मैं दुर्गावाहिनी सदस्यों समेत बजरंग दल और विहिप के कुछ युवा नेताओं से अपनी शुरुआती मुलाक़ातें कभी नहीं भूल सकती, जिनके बारे में बाद में मुझे पता चला कि उनमें से कई किसी हिंसक घटना में शामिल रहे हैं.

शिविर तक पहुंच

विहिप के लोक कल्याणकारी चेहरे से मेरा परिचय कराने के लिए उन्होंने पहले मुझे यौनकर्मियों और उनके बच्चों के लिए चलाए जा रही एक पुनर्वास परियोजना के बारे में बताया.

Undefined
एक 'आस्था' पर चल रही है दुर्गावाहिनी 12

शिविर में पहुंचना आसान न था- इसमें धैर्य, बातचीत, ईमानदारी, भाग्य और काफ़ी समय बिताना पड़ा.

लेकिन इन सबसे बड़ी बात प्राची, उनके परिवार और प्रमुख विहिप नेताओं का विश्वास हासिल करना था, जिसकी वजह से शिविर में पहुंचना संभव हो पाया.

आख़िर, क़रीब दो साल के बाद उन्होंने उस दुनिया के दरवाजे खोले, जो पेचीदा, चौंकानेवाली और जटिल थी- पर इसने मुझे उनके बारे में मेरी अब तक की सोच और अनुमानों पर सवाल खड़े करने को मजबूर किया.

शिविर की सीख

हां, वहां काफ़ी चिंताजनक हालात थे- युवा लड़कियों को उन्मादी बनाकर ‘दूसरे’ से घृणा करना सिखाना ख़ुद में ही हिंसा है. फिर भी इससे इनकार नहीं किया जा सकता कि ये युवतियां 10 दिन में ज़्यादा मजबूत और आत्मविश्वासी बन गई थीं.

Undefined
एक 'आस्था' पर चल रही है दुर्गावाहिनी 13

भारत जैसे देश में जहां महिला अधिकार एक लगातार चलने वाली लड़ाई है, वहां इनका रूपांतरण एक अनोखी बात है, यह जानते हुए भी कि इसकी क़ीमत असहिष्णुता है.

इससे भी इनकार नहीं किया जा सकता कि ये पाठ पढ़ने वाले लोग खूब मेहमाननवाज़ हैं और देशसेवा की इच्छा रखते हैं.

इन्हें जो चीज़ प्रेरित करती है, वह है एक दृष्टि, सच का ख़्याल और नैतिकता जिसे उन्होंने हासिल किया है. उनके लिए यह उतना ही मज़बूत है, जितना मेरा समानता में या यह यक़ीन कि ‘लोकतंत्र’ ही आगे बढ़ने का एकमात्र रास्ता है.

आस्था का सवाल

ये मेरे लिए यह आस्था का सवाल बन गया. कोई कैसे आस्था के लिए तर्क खोज सकता है? और वह भी ऐसी आस्था जो परिवार और सामाजिक ढांचा आपमें जबरन पैदा करता है. अंतत: जो आपकी उस दुनिया का हिस्सा बनते हैं, जिसमें आप जीते हैं.

Undefined
एक 'आस्था' पर चल रही है दुर्गावाहिनी 14

मेरे ख़्याल से हम सभी समय, स्थान, इतिहास, जींस और अनगिनत ऐसी वजहों की देन हैं जो हमारे नियंत्रण से बाहर हैं. अगर यही हमारी सामूहिक पूंजी है, तो हमारी कितनी पसंद सही मायने में हमारी अपनी हैं? हममें से कितने वास्तव में आज़ाद हैं?

शिविर के अंतिम दिन, जब लड़कियों का एक गुट घर जाने को वैन में बैठ रहा था, तो एक वरिष्ठ लड़की पंसारे ने हाथ जोड़ते हुए कहा, "माफ़ कीजिएगा अगर हमसे कोई ग़लती हुई हो."

यह अभी भी मेरे लिए फ़िल्म के कुछ सबसे मर्मस्पर्शी संवादों में से एक है.

यह मुझे याद दिलाता है कि हम सब महाकाव्य हैं, जिन्हें अक्सर ऐसी ताक़तें नियंत्रित करती हैं, जो हमें नज़र नहीं आतीं.

(बीबीसी हिन्दी के एंड्रॉएड ऐप के लिए यहां क्लिक करें. आप हमें फ़ेसबुक और ट्विटर पर भी फ़ॉलो कर सकते हैं.)

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें