यूरोपीय संघ ने भी जताई इबोला के प्रति चिंता
लग्जमबर्ग : इबोला वायरस ने पूरी दुनिया का ध्यान अपनी ओर आकर्षित कर लिया है. यूरोपीय देशों में भी इसको लेकर चिंता प्रकट की गई है. इससे निपटने की दिशा में यूरोपीय संघ की संयुक्त प्रतिक्रिया पर औपचारिक निर्णय लेने के उद्देश्य से लग्जमबर्ग में बैठक के लिए एकत्रित हुए हैं. यह बैठक ऐसे समय […]
लग्जमबर्ग : इबोला वायरस ने पूरी दुनिया का ध्यान अपनी ओर आकर्षित कर लिया है. यूरोपीय देशों में भी इसको लेकर चिंता प्रकट की गई है. इससे निपटने की दिशा में यूरोपीय संघ की संयुक्त प्रतिक्रिया पर औपचारिक निर्णय लेने के उद्देश्य से लग्जमबर्ग में बैठक के लिए एकत्रित हुए हैं. यह बैठक ऐसे समय में आयोजित हो रही है, जब इबोला संकट के ‘चरम बिंदु’ पर पहुंच जाने की कूटनीतिक चेतावनियां मिल रही हैं.
कुछ ही समय पहले यह घोषणा हुई कि जिस स्पेनिश नर्स को वायरस से प्रभावित होने वाली, अफ्रीका के बाहर की पहली व्यक्ति माना जा रहा था, उसमें वायरस का परीक्षण निगेटिव पाया गया। इस घोषणा के कुछ ही घ्ांटांे बाद यह बैठक होने जा रही है. इन वार्ताओं से पहले जर्मन विदेश मंत्री फ्रैंक वॉल्टर स्टेनमीअर ने कहा कि ब्लॉक को पश्चिमी अफ्रीका में ‘एक असैन्य ईयू मिशन’’ भेजने पर विचार करना चाहिए.
उन्होंने बर्लिन में एक स्वास्थ्य फोरम में कहा कि इससे ‘‘यूरोपीय संघ के सदस्य देशों को एक ऐसा मंच मिलेगा, जिससे वे क्षेत्र में चिकित्सीय कर्मचारियों को भेज पाएंगे.’’ यूरोपीय संघ के एक राजनयिक ने कहा कि ब्रिटेन के पास पहले ही सियरा लियोन की ओर जाने वाला चिकित्सीय कर्मचारी और साजो सामान से लदा नौसैन्य जहाज है. ऐसे में उन्हें उम्मीद है कि ‘‘इबोला पर यूरोपीय संघ के प्रयासों में गति आएगी.’’