गूगल बैलून के जरिए देगा गांवों को इंटरनेट सेवा

।। न्यूजीलैंड में किया सेवा की शुरुआत, लांच किया इंटरनेट सेवा देने वाला गुब्बारा ।। गांवों में इंटरनेट सेवा उपलब्ध कराने के लिए गूगल अभिनव प्रयोग कर रहा है. उसका एंटीना लगा जेलीफिश के आकार का एक बैलून न्यूजीलैंड में आल्प्स की पहाड़ियों के आसपास घूम रहा है. गूगल एक टीम जीप से बैलून का […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | July 16, 2013 1:49 PM

।। न्यूजीलैंड में किया सेवा की शुरुआत, लांच किया इंटरनेट सेवा देने वाला गुब्बारा ।। गांवों में इंटरनेट सेवा उपलब्ध कराने के लिए गूगल अभिनव प्रयोग कर रहा है. उसका एंटीना लगा जेलीफिश के आकार का एक बैलून न्यूजीलैंड में आल्प्स की पहाड़ियों के आसपास घूम रहा है. गूगल एक टीम जीप से बैलून का पीछा करते हुए जांच रहा है कि उसकी योजना कारगर होगी या नहीं.

यह प्रयोग यदि सफल रहा, तो दुनिया भर में बड़े-बड़े गुब्बारे आसमान में उड़ेंगे और गांव-गांव के लोग इंटरनेट का इस्तेमाल कर सकेंगे. यही कंपनी की योजना है. न्यूजीलैंड में 18 महीने पुरानी इसटॉप सीक्रेट परियोजना के बारे में दुनिया को पहली बार शनिवार को जानकारी दी गयी. बताया गया किन्यूजीलैंड में 50 लोगों को इस बैलून के जरिये इंटरनेट नेटवर्क उपलब्ध कराया जा रहा है. वे इसकाउपयोग भी कर रहे हैं. इस परियोजना के लीडर माइक कैसिडी कहते हैं कि यह एक महत्वाकांक्षी परियोजना है.

इंटरनेट आज के समय में संचार का सबसे बड़ा माध्यम है. यदि यह पायलट प्रोजेक्टसफल होता है, तो दुनिया भर के देशों को ऑप्टिकल फाइबर केबल बिछाने के खर्चे से मुक्ति मिलजायेगी. डिजिटल वर्ल्ड की सूरत बदल देगा यह प्रोजेक्ट. इस समय महज 2.2 अरब लोग इंटरनेट काइस्तेमाल करते हैं. भविष्य में हमारी योजना उन 4.8 अरब लोगों को जोड़ने की है, जो इंटरनेट काइस्तेमाल नहीं करते.
हाल के वर्षो में सेना और एयरोनॉटिकल रिसर्चरों ने इस तकनीक का सीमित इस्तेमाल कर इंटरनेटसेवा का उपभोग किया है.

100 किमी ऊपर से भी मिल जायेगा इंटरनेट सिग्नल
प्रत्येक बैलून न्यू यॉर्क से दुगने आकार के शहर (780 वर्ग मील) को इंटरनेट सेवा उपलब्ध कराने में सक्षम है.
पावर
आसमान में स्वच्छंद उड़नेवाले गूगल के ये बैलून, जो कई बार दिखाई भी नहीं देते, में कार्ड टेबलआकार के पांच सोलर पैनल लगे हैं. ये पैनल सूर्य की रोशनी से चार्ज होते हैं. चार घंटे चार्ज होने केबाद इन्हें दिन भर की जरूरत की ऊर्जा मिल जाती है.

आंधी और तूफान से भी नहीं है बैलून को कोई खतरा. अफगानिस्तान और खैबर के तूफानी इलाकों में भी इसकी मदद से इंटरनेट यूज कर सकते हैं.

12 मील धरती की सतह से ऊपर उड़ रहा है हीलियम से भरा यह बैलून

50 वोलेंटियर न्यूजीलैंड में कर रहे हैं इंटरनेट का इस्तेमाल
2.2 अरब लोग ही दुनिया भर में अभी कर रहे हैं इंटरनेट का इस्तेमाल
फायदे
इंटरनेट सेवा के लिए ऑप्टिकल फाइबर केबल बिछाने के बड़े खर्च से निजात मुक्ति मिल जायेगी
भविष्य
दुनिया भर में हजारों-लाखों गुब्बारे आसमान में नजर आयेंगे. दक्षिण एशिया और अफ्रीका में बढ़ेगा इंटरनेट का इस्तेमाल

किसान ने किया सबसे पहले सेवा का उपभोग
लीस्टन के किसान चाल्र्स निम्मो ने सबसे पहले 15 मिनट तक सेवा का इस्तेमाल किया. सबसे पहले मौसम की जानकारी ली. उसने बताया कि उसके पास ब्रॉडबैंड सेवा नहीं है. इंटरनेट पर एक महीने मेंउसके 1000 डॉलर खर्च हो जाते थे. यह सेवा उसके जैसे सुदूर इलाकों में रहनेवालों के लिए वरदान है.
ऐसे जुड़ेगी दुनिया
आसमान में उड़ने के दौरान एक साथ आगे-पीछे चल रहे पांच गुब्बारों में इंटरनेट के सिग्नलएक-दूसरे से ट्रांसफर होते चले जायेंगे.
खूबियां ही खूबियां
केबल बिछाने से भी कम खर्च में इंटरनेट सेवा
स्पेक्ट्रम लेने के झंझट से मुक्ति

Next Article

Exit mobile version