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बीरभूम : पुलिस पर बमों से हमला
200 से अधिक जिंदा बम बरामद पानागढ़ : बीरभूम जिले के पाड़ुई थाना अंतर्गत साकतोड़ ग्राम पंचायत के पोमंडलपुर गांव में बम बरामद करने गये स्थानीय पुलिस पर शुक्रवार को अपराधियों ने हथियारों व बमों से हमला कर दिया. इसमें थाना प्रभारी प्रसन्नजीत दत्त व कांस्टेबल गुप्त हलवाई घायल हो गये. उन्हें सिउड़ी सदर अस्पताल […]
200 से अधिक जिंदा बम बरामद
पानागढ़ : बीरभूम जिले के पाड़ुई थाना अंतर्गत साकतोड़ ग्राम पंचायत के पोमंडलपुर गांव में बम बरामद करने गये स्थानीय पुलिस पर शुक्रवार को अपराधियों ने हथियारों व बमों से हमला कर दिया. इसमें थाना प्रभारी प्रसन्नजीत दत्त व कांस्टेबल गुप्त हलवाई घायल हो गये. उन्हें सिउड़ी सदर अस्पताल की आइसीयू में दाखिल कराया गया है.
घटना के बाद पुलिस ने स्थानीय स्वास्थ्य केंद्र से 200 से ज्यादा जिंदा बम बरामद किया. पुलिस ने डेढ़ दर्जन से अधिक ग्रामीणों को पूछताछ के लिए हिरासत में लिया है. घटना को लेकर तृणमूल कांग्रेस व भाजपा में राजनीतिक आरोप-प्रत्यारोप शुरू हो गया है.
प्रत्यक्षदर्शी पुलिसकर्मी ने बताया कि ग्रामीण शेख रफीक व शेख मुश्ताक के घर में बम होने की सूचना मिलने के बाद थाना प्रभारी श्री दत्त के नेतृत्व में पुलिसकर्मी उक्त गांव पहुंचे. पुलिस को देख कुछ ग्रामीण खेतों की ओर भागने लगे. कई पुलिसकर्मियों ने उनका पीछा किया.
इसके कारण पुलिस वाहन के पास पुलिसकर्मियों की संख्या काफी कम हो गयी. इसका लाभ उठा कर अपराधियों के गिरोह ने पुलिस टीम पर लाठी व हथियारों से हमला कर दिया. सूचना पाकर खेतों की ओर गये पुलिसकर्मी लौट आये. इस कारण अपराधियों को पीछे हटना पड़ा. इसके बाद अपराधियों ने पुलिस टीम पर बमबाजी शुरू कर दी. उन्होंने बताया कि पुलिसकर्मियों को चारों ओर से घेर लिया गया था. वापसी की सड़क पर लक ड़ी व बैलगाड़ी रख कर रास्ता जाम कर दिया गया था.
वाहन के पास खड़े थाना प्रभारी श्री दत्त के सिर में चोट लगी, जबकि कांस्टेबल श्री हलवाई को बम के स्प्रिंटर लगे. वाहन चालक ने हिम्मत दिखायी तथा थानेदार व घायल पुलिसकर्मी को लेकर किसी तरह निकलने में सफल हुआ. दोनों को सिउड़ी सदर अस्पताल में दाखिल कराया गया है. अस्पताल सूत्रों ने बताया कि श्री दत्त को आइसीयू में दाखिल किया गया है. वे खतरे से बाहर हैं.
इधर, घटना की सूचना मिलने के बाद वरीय पुलिस अधिकारी अतिरिक्त पुलिस बल के साथ वहां पहुंचे. ग्रामीणों का पलायन शुरू हो गया है. पुलिस ने सत्तार कसबा प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र परिसर से 200 से ज्यादा जिंदा बम बरामद किया. पुलिस मामले की जांच कर रही है. 14 ग्रामीणों को हिरासत में लिया गया है. ग्रामीणों का आरोप है कि जांच के नाम पर पुलिस गांव में तांडव चला रही है. निदरेष ग्रामीणों को पक ड़ा जा रहा है. घरों के दरवाजे तोड़े जा रहे हैं तथा महिलाओं के साथ र्दुव्यवहार हो रहा है.
दूसरी ओर हमलावरों को लेकर आरोप-प्रत्यारोप शुरू हो गया है. पुलिस वाहन के चालक ने कहा कि हमलावर भाजपा से जुड़े हैं. तृणमूल जिलाध्यक्ष अनुव्रत मंडल ने कहा कि हमलावर पहले माकपा समर्थक थे. लेकिन हाल के दिनों में वे भाजपा में शामिल हो गये हैं. पिछले 10 दिनों से सत्तार व मंगलडीही में ग्रामीणों व भाजपा कर्मियों के बीच झड़प जारी है. भाजपा कार्यकर्ताओं ने एक दर्जन से अधिक ग्रामीणों की झोपड़ियां जला दी है. इस हमले में भी भाजपा कर्मियों का ही हाथ है.
स्थानीय भाजपा नेता दूध कुमार मंडल ने कहा कि पुलिस वाहनकर्मी तृणमूल को बचाने की कोशिश कर रहा है. इस हमले में तृणमूल संरक्षित अपराधियों की संलिप्तता है. इसके पहले भी तृणमूल के जिलाध्यक्ष श्री मंडल ने अपने कर्मियों को कहा था कि यदि पुलिस उनके घरों की तलाशी ले तो उस पर बम से हमला करो, यह हमला उसी प्रोत्साहन का परिणाम है.
पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष राहुल सिन्हा ने भी इसकी पुष्टि की है. उन्होंने कहा कि पुलिस पर बम मारने का निर्देश तृणमूल के जिलाध्यक्ष ने ही दिया था. जब घटना हो गयी तो वे भाजपा को दोषी ठहरा रहे हैं. पार्टी पुलिस कर्मियों पर हमले का कभी भी समर्थक नहीं रही है.
माकपा नेता सुजन चक्रवर्त्ती ने भी इस मामले के लिए तृणमूल को ही दोषी ठहराया है.
उन्होंने कहा कि तृणमूल वीरभूम में आतंक की राजनीति कर रही है. पहले उसने विपक्षी नेताओं को निशाना बनाया. अब पुलिसकर्मियों पर हमले हो रहे हैं. इसके पहले भी तृणमूलकर्मियों ने पुलिसकर्मियों पर हमले किये हैं. दुबराजपुर थाना के एसआई अमित चक्रवर्ती की मौत, बोलपुर थाना के एएसआई को थप्पड़ मारने के बाद पाड़ुई के थाना प्रभारी पर बम से प्रहार एक ही घटनाक्रम हैं.
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