हांगकांग में सडकों पर रहने के लिए वोट करेंगे प्रदर्शनकारी

हांगकांग : हांगकांग में लोकतंत्र समर्थक प्रदर्शनकारियों ने रविवार को धरनास्थल पर ही जनमत संग्रह करवाने की योजना बनाई है जिसके जरिए यह तय किया जाएगा कि उन्हें सडकों पर रहना चाहिए या फिर सरकार द्वारा दिए जा रहे और अधिक वार्ताएं करने एवं प्रदर्शनकारी शिविरों को खाली करने के प्रस्ताव को स्वीकार कर लेना […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | October 25, 2014 9:14 AM

हांगकांग : हांगकांग में लोकतंत्र समर्थक प्रदर्शनकारियों ने रविवार को धरनास्थल पर ही जनमत संग्रह करवाने की योजना बनाई है जिसके जरिए यह तय किया जाएगा कि उन्हें सडकों पर रहना चाहिए या फिर सरकार द्वारा दिए जा रहे और अधिक वार्ताएं करने एवं प्रदर्शनकारी शिविरों को खाली करने के प्रस्ताव को स्वीकार कर लेना चाहिए.

प्रदर्शन करने वाले तीन प्रमुख समूहों ने कल कहा कि वे प्रदर्शन के प्रमुख स्थल पर जनता की राय दर्ज करेंगे, जहां हजारों लोग धरना प्रदर्शन करने में जुटे हैं. हांगकांग सरकार ने प्रदर्शनकारियों में बीजिंग की तानाशाही वाली योजना के प्रति नाराजगी भांपते हुए प्रस्ताव दिया है कि केंद्र सरकार को एक रिपोर्ट सौंपी जाए. बीजिंग की इस योजना के तहत, बीजिंग द्वारा वर्ष 2017 में होने वाले चुनावों में शहर के शीर्ष नेता के पद के उम्मीदवारों का चयन करने के लिए 1200 लोगों की समिति बनाने की बात कही गई थी.

प्रदर्शनकारियों का कहना है कि इस समिति का झुकाव केंद्र सरकार की प्राथमिकताआंे की ओर है और इसे या तो रद्द किया जाना चाहिए या इसमें सुधार किए जाने चाहिए ताकि 72 लाख जनसंख्या वाली इस एशिया की आर्थिक राजधानी को बेहतर प्रतिनिधित्व मिल सके. प्रदर्शन करने वाली प्रमुख संस्था हांगकांग फेडरेशन ऑफ स्टूडेंट्स ने पहले ही सरकार के इस प्रस्ताव को नकार दिया है लेकिन फिर भी इसने रविवार के जनमत संग्रह के लिए अपील की है.

विरोध प्रदर्शन शुरु होने के बाद पहली बार सार्वजनिक संबोधन करते हुए शहर के प्रथम प्रमुख कार्यकारी तुंग ची-ह्वा ने शुक्रवार को कहा कि प्रदर्शनकारियों की मांगें उचित नहीं हैं और चुनाव सुधार के लिए उन्हें एक लंबी समयसीमा स्वीकार करनी चाहिए.

वर्ष 1997 में इस शहर के ब्रिटेन से चीनी शासन के तहत आने के बाद तुंग ची-ह्वा शहर के पहले प्रमुख कार्यकारी बने थे. 77 वर्षीय तुंग ने एक संवाददाता सम्मेलन में कहा, ‘‘छात्रों, मैं उम्मीद करता हूं कि आप इस बूढे व्यक्ति की बात सुन रहे हैं. घर जाने का समय आ गया है.’’

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