थाईलैंड की 333 महिला सैन्य अधिकारी बनीं भिक्षुणी
बोधगया (गया) : भागदौड़ व तनाव से तंग आकर मानसिक शांति के लिए थाइलैंड की जल, थल व वायु सेना की 333 महिला सैन्य अधिकारी बोधगया में श्रमणोर (महिला भिक्षु, अणी) बन कर भगवान बुद्ध की पूजा-अर्चना में लीन हैं. 15 दिनों तक सभी सैन्य अधिकारी भिक्षुणी के रूप में रहेंगी. इस दौरान उनकी गुरु […]
बोधगया (गया) : भागदौड़ व तनाव से तंग आकर मानसिक शांति के लिए थाइलैंड की जल, थल व वायु सेना की 333 महिला सैन्य अधिकारी बोधगया में श्रमणोर (महिला भिक्षु, अणी) बन कर भगवान बुद्ध की पूजा-अर्चना में लीन हैं. 15 दिनों तक सभी सैन्य अधिकारी भिक्षुणी के रूप में रहेंगी. इस दौरान उनकी गुरु तिराप्रोन चिताभवानाभिरातकुल (माता जी) द्वारा दिये गये प्रवचन को वे सुनेंगी. हर दिन सुबह पांच से शाम पांच बजे तक पूजा व प्रवचन चलेगा. इस बीच बौद्ध स्थलों का भी भ्रमण किया जायेगा.
आयोजन समिति के सदस्य याओवानुत ने बताया कि मूल रूप से बौद्ध धर्म को माननेवाले सभी श्रद्धालुओं की हार्दिक इच्छा होती है कि वह एक मर्तबा बोधगया जरूर आये. इसी क्रम में माता जी के नेतृत्व में तीनों सेनाओं की महिला अधिकारियों ने 15 दिनों के लिए भिक्षुणी का रूप धारण किया है. इस दौरान सभी महिला सैन्य अधिकारी पंचशील का पालन करते हुए गृहस्थ जीवन का त्याग कर सिर्फ पूजा-अर्चना करेंगी व माता जी का प्रवचन सुनेंगी. उन्होंने बताया कि वैसे माता जी का प्रवचन थाइलैंड में भी चलते रहता है. पूजा व प्रवचन का स्थल दोमुहान स्थित डेल्टा इंटरनेशनल होटल परिसर में बनाया गया है.
पूजा स्थल पर भगवान बुद्ध की मूर्ति रखी गयी है व बड़े ही शांत भाव से कतारबद्ध होकर सभी भिक्षुणी प्रवचन का रसपान करने में तल्लीन हैं. आठ नवंबर को सभी भिक्षुणी स्वदेश लौट जायेंगे व फिर से गृहस्थ जीवन में जीने के साथ-साथ अपने-अपने काम पर मुस्तैद हो जायेंगी.