वानखेड़े की पिच पर अब सियासी किचकिच!
आदेश कुमार गुप्त खेल पत्रकार, बीबीसी हिंदी डॉटकॉम के लिए भाजपा के देवेंद्र फडणवीस शुक्रवार को मुंबई के वानखेड़े स्टेडियम में महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री पद की शपथ लेंगे, लेकिन इसे लेकर एक नया बवाल खड़ा होता दिख रहा है. अगले पंद्रह दिन में इस स्टेडियम में एक बड़ा मैच खेला जाना है और कुछ हलक़ों […]
भाजपा के देवेंद्र फडणवीस शुक्रवार को मुंबई के वानखेड़े स्टेडियम में महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री पद की शपथ लेंगे, लेकिन इसे लेकर एक नया बवाल खड़ा होता दिख रहा है.
अगले पंद्रह दिन में इस स्टेडियम में एक बड़ा मैच खेला जाना है और कुछ हलक़ों से विरोध की आवाज़ें सुनाई दे रही हैं.
मुंबई क्रिकेट संघ की मैनेजिंग कमेटी के सदस्य और मैदान कमेटी के सचिव नदीम मेमन पूछते हैं कि राजनीतिक लोग वानखेड़े स्टेडियम में ही कार्यक्रम क्यों करना चाहते हैं?
मेमन कहते हैं, "यहां कई मैदान हैं. एक बड़ा सरकारी मैदान हैं, जहां पिछले दिनों नरेंद्र मोदी ने अपनी रैली की थी जिसमें एक लाख लोग आए थे. इसके अलावा रेस कोर्स में जगह है, लेकिन शायद उन्हें वानखेड़े के नाम और इसके मशहूर होने का फ़ायदा मिल सकता है."
विरोध
मेमन कहते हैं, "हम खेल से जुड़े हैं. खेल को राजनीति से दूर रखिए."
दरअसल, उनका विरोध महाराष्ट्र के नवनिर्वाचित मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस के उस शपथ समारोह को लेकर है जिसका आयोजन शुक्रवार को मुंबई के वानखेड़े स्टेडियम में होना है.
समारोह के दौरान मैदान में बनने वाले स्टेज के अलावा दूसरे ताम-झाम से मैदान और पिच को नुक़सान पहुंच सकता है.
नदीम मेमन कहते हैं कि इससे पहले कभी भी वानखेड़े स्टेडियम में इस तरह का कोई आयोजन नहीं हुआ, अगर एक बार इस तरह के समारोह होने का सिलसिला शुरू हो गया तो वह थमेगा नहीं.
दूसरे मैदानों से अलग
दूसरी तरफ़, मुंबई क्रिकेट संघ के सचिव डॉक्टर पीवी सेठी का कहना है कि इस समारोह से वानखेड़े के मैदान और पिच को बहुत अधिक नुक़सान नहीं होगा.
वे कहते हैं, "यह एक बड़ा अवसर है और हमें लगता है कि इसमें सरकार की मदद करनी चाहिए."
वहीं, नदीम मेमन का कहना है कि वानखेड़े दूसरे मैदानों से बिल्कुल अलग है. इस स्टेडियम में रेत का इस्तेमाल अधिक होता है. समारोह के बाद होने वाले नुक़सान की भरपाई इतनी आसान नही है.
इसी मसले को लेकर भारत के पूर्व कप्तान अजित वाडेकर का मानना है कि विश्व कप के उद्घाटन समारोह जैसे आयोजन वानखेड़े स्टेडियम में होते हैं और तब पिच का ठीक से ध्यान रखा जाता है.
सियासी किचकिच!
वाडेकर कहते हैं, "मुख्यमंत्री के शपथ समारोह में शायद सुरक्षा का सवाल भी उनके सामने होगा जिसकी वजह से इसका आयोजन वहां हो रहा है. उम्मीद है कि इस समारोह के बाद मैदान पहले जैसा जल्दी बन जाएगा."
साल 2011 में इसी मैदान पर भारत ने विश्व कप क्रिकेट टूर्नामेंट के फ़ाइनल में श्रीलंका को हराकर दूसरी बार यह ख़िताब अपने नाम किया था.
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