रांचीः कांग्रेस और झामुमो गंठबंधन टूट गया. मुुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने गंठबंधन टूटने के लिए कांग्रेस को जिम्मेदार ठहराते हुए कहा हमने गंठबंधन को लेकर सारी शर्तों पर पहले से बात कर ली थी लेकिन अचानक कांग्रेस का मन बदल गया.
कांग्रेस को राज्य की जनता को जवाब देना होगा. हमारी कोशिश थी कि सेक्यूलर ताकतें एक साथ चुनाव लड़ें. लेकिन कांग्रेस ने एक मौके पर रास्ता बदल लिया. हेमंत से सीट बंटवारे के सवाल पर कहा कि हमने सीटिंग सीट ना छोड़ने की बात कही कोई भी पार्टी अपनी मौजुदा सीट नहीं छोड़ेगी. हमारा लक्ष्य विधानसभा चुनाव में बेहतर प्रदर्शन करना है हमने लोकसभा चुनाव भी लड़ा था और दो सीट हासिल की कांग्रेस राष्ट्रीय पार्टी है लेकिन उनका प्रदर्शन संतोषजनक नहीं रहा.
झामुमो के साथ गंठबंधन टूटने के बाद कांग्रेस महासचिव बीके हरिप्रसाद ने कहा कि अब कांग्रेस राजद और जदयू के साथ गंठबंधन पर विचार करेगी.राज्य के कांग्रेसी नेताओं का मानना है कि कांग्रेस अकेले चुनाव लड़कर अपना खोया हुआ जनाधार वापस पा सकती है. दूसरी तरफ आलाकमान गंठबंधन को लेकर नयी संभावनाओं पर विचार कर रही है. कांग्रेस-झामुमो के बीच सीटों के विवाद को दिल्ली में केंद्रीय नेतृत्व भी गुरुवार देर रात तक नहीं सुलझा पाया था. मुद्दे को लेकर प्रदेश कांग्रेस प्रभारी बीके हरिप्रसाद पार्टी प्रमुख सोनिया गांधी से भी मिले थे.
बताया गया कि झामुमो संताल परगना और कोल्हान में सीट छोड़ने को तैयार नहीं है. बात नहीं बनी, तो प्रदेश कांग्रेस ने केंद्रीय नेतृत्व को राजद और जदयू को साथ लेकर चुनाव लड़ने का प्रस्ताव दिया. सूत्रों ने बताया कि देर रात कांग्रेस के केंद्रीय नेतृत्व ने प्रदेश कांग्रेस के इस प्रस्ताव पर मुहर लगा दी. पर इसकी आधिकारिक घोषणा नहीं की गयी है. गुरुवार को दिल्ली में झाविमो से भी गंठबंधन की बात हुई, पर कांग्रेस के कई वरिष्ठ नेता झाविमो के साथ सीट शेयरिंग के लिए तैयार नहीं थे.
इससे पहले दिल्ली में दो दिन से जमे मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने प्रदेश कांग्रेस के प्रभारी बीके हरिप्रसाद से बात की. वह राजद प्रमुख लालू प्रसाद से भी मिले. झामुमो ने संताल परगना में कांग्रेस और राजद के लिए केवल महगामा, देवघर व गोड्डा सीट ही छोड़ने को तैयार है. वहीं कोल्हान में पूर्वी जमशेदपुर व पश्चिमी जमशेदपुर सीट ही छोड़ रहा है.
कांग्रेस के नेता दोनों स्थानों में कम से कम छह-छह सीट की मांग कर रहे हैं. इसके चलते गंठबंधन में टूटने की नौबत आ गयी.
प्रदेश कांग्रेस शुरू से ही अकेले चुनाव लड़ना चाहती थी
मालूम हो कि कांग्रेस का प्रदेश नेतृत्व शुरू से ही झामुमो के साथ गंठबंधन के पक्ष में नहीं था. प्रदेश नेतृत्व ने राहुल गांधी को पहले ही इस बात से अवगत करा दिया था कि संताल परगना और कोल्हान प्रमंडल में झामुमो सीट नहीं छोड़ना चाहता. इससे कांग्रेस को परेशानी होगी. कांग्रेस का वजूद ही संकट में पड़ जायेगा. हेमंत सोरेन जब दिल्ली गये तो कांग्रेस के केंद्रीय नेतृत्व ने झामुमो से संताल और कोल्हान में सीट छोड़ने की बात कही. पर, झामुमो कोल्हान में दो और संताल में तीन सीट से अधिक देने को तैयार नहीं था. कांग्रेस दोनों प्रमंडल में अधिक सीट चाहती थी. प्रदेश अध्यक्ष सुखदेव भगत शुरू से ही झामुमो को माइनस कर चुनाव लड़ना चाहते थे.
झामुमो कोर कमेटी की बैठक स्थगित
झामुमो कोर कमेटी की 30 अक्तूबर को होनेवाली बैठक स्थगित कर दी गयी है. अब यह बैठक दो नवंबर को रांची में होगी. इसी दिन पहले चरण के उम्मीदवारों की घोषणा किये जाने की संभावना है.
झामुमो की जगह झाविमो से करें गंठजोड़ : राजद
रांची: यूपीए के सहयोगी दल राजद सिर्फ नौ सीट मिलने से झामुमो से नाराज है. राजद प्रमुख लालू प्रसाद ने नया विकल्प दिया है. इसके तहत गंठबंधन में झामुमो की जगह झाविमो को रखने का सुझाव दिया गया है. झाविमो विधायक दल के नेता प्रदीप यादव और प्रवीण सिंह पिछले दो दिनों से दिल्ली में ही जमे हैं. उन्होंने लालू प्रसाद से मुलाकात की. कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष सुखदेव भगत के साथ भी उनकी बैठक हुई है. गढ़वा सीट से झामुमो के मिथिलेश ठाकुर ने परचा भर दिया है. इसे लेकर भी राजद काफी नाराज है. इस सीट से राजद के प्रदेश अध्यक्ष गिरिनाथ सिंह चुनाव लड़ना चाहते हैं. इस बीच देर शाम राजद के प्रदेश अध्यक्ष गिरिनाथ सिंह रांची पहुंचे. होटल बीएनआर में वैकल्पिक गंठबंधन पर चर्चा की गयी.
राजद ने तय किये पांच उम्मीदवार
राजद ने पहले चरण के लिए पांच प्रत्याशियों के नाम तय किये हैं. राजद के राष्ट्रीय अध्यक्ष लालू प्रसाद के प्रतिनिधि बन कर भोला यादव के साथ विधायक दल और प्रदेश के पदाधिकारियों के साथ बैठक की. तय हुआ कि अन्य प्रत्याशियों के नाम गंठबंधन पर समझौता हो जाने के बाद तय किया जायेगा. गिरिनाथ सिंह 31 अक्तूबर को नामांकन दाखिल करेंगे, जबकि जनार्दन पासवान एक नवंबर को चतरा से नामांकन दाखिल करेंगे.
भाजपा प्रत्याशियों का फैसला दिल्ली में
रांची: प्रत्याशियों के चयन के लिए भाजपा के सभी बड़े नेता दो दिनों से दिल्ली में कैंप कर रहे हैं. गुरुवार को दिल्ली में प्रदेश भाजपा कोर कमेटी की बैठक हुई. इसमें प्रत्याशियों के नाम पर सहमति बनाने को लेकर प्रमुख नेताओं ने विचार विमर्श किया. प्रत्येक विधानसभा क्षेत्र से तीन उम्मीदवारों के नाम तय होने के बाद इसे 31 अक्तूबर को केंद्रीय चुनाव अभियान समिति की बैठक में रखा जाये. समिति सभी पहलुओं पर विचार- विमर्श करने के बाद उम्मीदवारों के नाम की घोषणा करेगी. यहीं से पहले चरण के उम्मीदवारों की घोषणा की जानी है.
प्रदेश के नेताओं ने बैठक में पार्टी की ओर से करायी गयी रायशुमारी की सूची साथ ले गये हैं. पार्टी प्रयास कर रही है कि जीतनेवाले उम्मीदवार को ही प्राथमिकता दी जाये. इस बात का भी ध्यान रखा जा रहा है कि उम्मीदवार की छवि स्वच्छ हो. उम्मीदवार के नाम घोषित होने के बाद क्षेत्र के कार्यकर्ताओं में विरोध का स्वर नहीं उभरे. बैठक में प्रदेश प्रभारी त्रिवेंद्र सिंह रावत, राष्ट्रीय महासचिव सह प्रदेश सह चुनाव प्रभारी भूपेंद्र यादव, प्रदेश अध्यक्ष डॉ रवींद्र राय, राष्ट्रीय सह संगठन मंत्री सौदान सिंह, राष्ट्रीय उपाध्यक्ष रघुवर दास, सांसद रामटहल चौधरी, सुनील सिंह, अजरुन मुंडा, सरयू राय शामिल हुए. इधर, प्रदेश के नेताओं के साथ टिकट के कई दावेदार भी टिकट के लिए लॉबिंग करने में जुटे हैं.
आजसू को साथ लेने पर भी मंथन
खबर है कि आजसू के साथ गंठबंधन को लेकर भी भाजपा केंद्रीय नेतृत्व में मंथन चल रहा है. पर पार्टी ने अंतिम रूप से अभी तक कोई फैसला नहीं लिया है. चर्चा है कि भाजपा ने आजसू को आठ सीटों का प्रस्ताव दिया है. आजसू भी गंठबंधन करने की इच्छा जतायी है.
आजसू उम्मीदवारों की घोषणा एक को : आजसू चुनाव अभियान समिति और कोर कमेटी की बैठक गुरुवार को हुई. कहा गया कि गंठबंधन के प्रस्ताव का इंतजार है. प्रस्ताव आयेगा तो पार्टी विचार करेगी. एक नवंबर को पार्टी उम्मीदवारों की घोषणा करेगी.