गरमी के दिनों में पसीने के कारण तन की दुर्गंध का होना आम बात है. इससे बचने के लिए लोग तरह तरह के परफ्यूम और डियोड्रेंट का इस्तेमाल करते हैं. जाहिर है, बदबू तो खत्म हो जाती है, लेकिन इससे हमारे शरीर पर कई नुकसान होते हैं.
गरमी आते ही टीवी पर पसीने की दुर्गंध को दूर करने के तमाम विज्ञापन भी आने लगते हैं, जिसे देख युवा वर्ग इससे बच नहीं पाता और डियोड्रेंट का धड़ल्ले से इस्तेमाल करना शुरू कर देता है. लेकिन क्या आपको पता है कि इस डियोड्रेंट से किस तरह की बीमारियां जन्म लेती हैं? दरअसल डियोड्रेंट अल्कोहल, जिर्कोनियम, एल्यूमिनियम क्लोरोहाइड्रेट, प्रोपलीन ग्लाइकोल आदि रासायनिक तत्वों से मिलकर बना होता है.
इन रसायनों से एलर्जी, सांस संबंधी बीमारी, नर्वस सिस्टम और त्वचा संबंधी बीमारियां होने का खतरा बढ़ जाता है. दरअसल डियोड्रेंट से पसीना निकलने वाले छिद्र भर जाते हैं जिससे त्वचा के साथ ही हमारे पूरे शरीर को नुकसान होने की संभावना रहती है. इसलिए जहां तक हो सके एल्कोहल फ्री वाले डियो ही इस्तेमाल में लाया जाना चाहिए.