रांची : झारखंड विधानसभा चुनाव 2009 में कुल 33 करोड़पति प्रत्याशी मैदान में थे. इसमें से 20 प्रत्याशी चुनाव जीते जबकि 13 प्रत्याशी चुनाव हार गये. खरसावां उप चुनाव में अजरुन मुंडा के चुनाव जीतने की वजह से राज्य में करोड़पति विधायकों की संख्या 20 से बढ़ कर 21 हो गयी.
राज्य में राजनीतिक अस्थिरता की वजह से कई करोड़पति विधायकों को मंत्री बनने का मौका मिला. साथ ही करोड़पति मंत्री बरखास्त भी किये गये. करोड़पति विधायक अजरुन मुंडा, चंद्रशेखर दुबे, बन्ना गुप्ता, राजेंद्र प्रसाद सिंह, केएन त्रिपाठी, सुदेश महतो को राज्य में मंत्री बनने का मौका मिला. खरसावां उप चुनाव जीतने के बाद अजरुन मुंडा को राज्य में तीसरी बार मुख्यमंत्री बनने का मौका मिला. मुंडा की सरकार गिरने के बाद हेमंत सरकार में चंद्रशेखर दुबे, बन्ना गुप्ता, राजेंद्र प्रसाद सिंह और केएन त्रिपाठी को मंत्री बनने का मौका मिला. चंद्रशेखर दुबे द्वारा की गयी टिप्पणी के मद्देनजर मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने उन्हें बरखास्त कर दिया था.
चंद्रशेखर दुबे की जगह मंत्री पद से नवाजे गये केएन त्रिपाठी की शुमार भी करोड़पति विधायकों में है. उनके पास वर्ष 2009 में चुनाव के समय 1.66 करोड़ रुपये की संपत्ति थी. राज्य के तत्कालीन कृषि मंत्री योगेंद्र साव के आपराधिक मामलों में फंसने के बाद उन्हें पद से त्यागपत्र देना पड़ा. उनकी जगह मंत्री पद से नवाजे गये बन्ना गुप्ता भी करोड़पति हैं. वर्ष 2009 में चुनाव के समय उनके पास 1.20 करोड़ रुपये की संपत्ति थी. कांग्रेस के करोड़पति विधायक राजेंद्र प्रसाद सिंह को भी मंत्री पद से नवाजा गया. आजसू के करोड़पति विधायक सुदेश महतो भी मंत्री के रुप में काम कर चुके हैं. रांची के करोड़पति विधायक चंद्रेश्वर प्रसाद सिंह को विधानसभा अध्यक्ष के रुप में काम करने का मौका मिला.
राज्य में सरकार बदलने के बाद जेएमएम के करोड़पति विधायक शशांक शेखर भोक्ता को विधानसभा का अध्यक्ष बनने का मौका मिला. वर्ष 2009 में चुनाव जीतनेवाले विधायकों में कई ऐसे हैं, जो सीबीआइ और प्रवर्तन निदेशालय (इडी) द्वारा दायर मुकदमों का सामना कर रहे हैं. इनमें सीता सोरेन, एनोस एक्का और हरिनारायण राय का नाम शामिल है. सीता सोरेन हॉर्स ट्रेडिंग में न्यायिक प्रक्रिया का सामना कर रही हैं. एनोस एक्का और हरि नारायण अपने पद का दुरुपयोग कर आय से अधिक संपत्ति अजिर्त करने के मामले में न्यायिक प्रक्रिया का सामना कर रहे हैं. वर्ष 2009 के विधानसभा चुनाव में हारनेवाले करोड़पति प्रयाशियों में सबसे चर्चित नाम रामेश्वर उरांव का था.