कोलकाता: आतंकी हमले को लेकर केंद्रीय गृह विभाग की तरफ से सतर्कता जारी किये जाने के बाद एक खुलासे ने कोलकाता पुलिस का सिरदर्द बढ़ा दिया है. यह सिरदर्द मोबाइल कंपनियों की लापरवाही की वजह से बढ़ी है.
धंधा बढ़ाने के लिए कुछ कंपनियां गलत ढंग से प्री एक्टिवेटेड सिम जारी कर रही हैं, जो बाजार में बिना कागजात के धड़ल्ले से बिक रहे हैं. ये सिम कार्ड उन ग्राहकों के हैं, जिन्होंने कागजात देकर सिम कार्ड लिये थे, लेकिन बाद में किसी कारणवश उसका इस्तेमाल बंद कर दिये.
सूत्रों के मुताबिक, कंपनियां उन ग्राहकों के नाम व नंबर का दूसरा सिम कार्ड बना कर बाजार में विभिन्न ऑफरों के साथ जारी कर दे रही हैं. पुलिस को आशंका है कि ऐसे सिम कार्ड का इस्तेमाल आतंकी या फिर किसी आपराधिक वारदात को अंजाम देने के लिए इस्तेमाल किया जा सकता है. यह खुलासा बिना कागजात के सिम कार्ड बेचने के आरोप में मंगलवार को गिरफ्तार तीन लोगों ने पुलिस की पूछताछ में किया है. पूर्व यादवपुर थाने की पुलिस ने तीनों आरोपी बासुदेव बोधक, प्रसेनजीत मंडल व समीर मंडल को गिरफ्तार किया था. उनके पास से पुलिस ने विभिन्न कंपनियों के 323 सिमकार्ड जब्त किये. जब्त सिमकार्ड में अधिकतर सिमकार्ड प्री-एक्टिवेटेड हैं.
क्या है प्री-एक्टिवेटेड सिमकार्ड
गिरफ्तार दुकानदारों ने प्राथमिक पूछताछ में पुलिस को बताया कि अच्छे ऑफर व सस्ते कीमतों में कॉल करने के लालच में पड़ कर 60 प्रतिशत ग्राहक अपने सिम कार्ड का इस्तेमाल बंद कर देते हैं और नये ऑफर के लिए दूसरी कंपनी के सिम कार्ड लेकर पुराने सिमकार्ड को तोड़ कर या ऐसे ही फेंक देते हैं. वहीं मोबाइल नेटवर्क कंपनियां जब देखती हैं कोई नंबर कई महीनों तक इस्तेमाल नहीं किया गया तो उसी नंबर का दूसरा सिम पुराने नाम से दोबारा चालू कर देती है और उसके सिम कार्ड की किट में पुराने नंबरधारक का नाम व पता लिख कर बाजार में बेच देती है. इसे प्री एक्टिवेटेड सिमकार्ड कहा जाता है.
जानकारी के बिना आपके सिम का हो सकता है गलत इस्तेमाल
पुलिस का कहना है कि इन प्री एक्टिवेटेड नंबर को पहले वाले धारक के नाम पर ही दूसरे युवक को बेच दिया जाता है. इस हालत में बिना कागजात सिम लेनेवाला दूसरा ग्राहक सिम का इस्तेमाल कोई भी गलत कार्य के लिए कर सकता है. इस आशंका को ठुकराया नहीं जा सकता है कि किसी भी फर्जी नाम से कोई आतंकी या बदमाश कोई मोबाइल खरीद कर उसमें इस तरह का प्री एक्टिवेटेड सिम कार्ड डाल कर आपराधिक वारदात के लिए इस्तेमाल कर सकता है, ऐसे में जांच होने पर पहले सिम लेनेवाला ग्राहक पुलिस कार्रवाई व पूछताछ का शिकार हो सकता है. मोबाइल कंपनियों की लापरवाही की भरपाई ग्राहक को चुकाना होगा.
कंपनियों को पुलिस ने चेताया
संयुक्त पुलिस आयुक्त (अपराध) पल्लव कांति घोष ने बताया कि नेटवर्क कंपनियों को पुलिस की तरफ से पत्र लिख कर इस तरह के सिम कार्ड को दोबारा चालू नहीं करने को कहा गया है. वहीं पुलिस की तरफ से साफ कर दिया गया है कि महानगर में इस तरह के सिमकार्ड को बेचनेवाले दुकानदारों के खिलाफ पुलिस का आगे भी अभियान जारी रहेगा.
ज्ञात हो कि विधाननगर कमिश्नरेट की पुलिस ने भी एक दिन पहले राजारहाट में भी पुलिस ने इस तरह के सिम कार्ड को बेचने वाले युवक को गिरफ्तार किया था. जिसके बाद कोलकाता पुलिस ने भी इस तरह के दुकानदारों के खिलाफ अभियान छेड़ दिया है.