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जिन्हें नहीं मिला टिकट, वे तलाश रहे ठिकाना
विधानसभा चुनाव के नजदीक आने के साथ ही राजनीतिक पार्टियों में बढ़ी हलचल विधानसभा चुनाव लड़ने के लिए टिकट पाने की जुगाड़ में नेता लगे हुए हैं. वे आज एक पार्टी छोड़ते हैं, तो अगले दिन किसी दूसरी पार्टी को ज्वाइन भी कर लेते हैं. पार्टी में शामिल होने के बाद यदि उन्हें टिकट नहीं […]
विधानसभा चुनाव के नजदीक आने के साथ ही राजनीतिक पार्टियों में बढ़ी हलचल
विधानसभा चुनाव लड़ने के लिए टिकट पाने की जुगाड़ में नेता लगे हुए हैं. वे आज एक पार्टी छोड़ते हैं, तो अगले दिन किसी दूसरी पार्टी को ज्वाइन भी कर लेते हैं. पार्टी में शामिल होने के बाद यदि उन्हें टिकट नहीं मिला, तो वे फिर से पुरानी पार्टी में ही अपनी ठौर तलाशते हैं या किसी दूसरे अच्छे मौके की तलाश में रहते हैं. इसी क्रम में भाजपा के देवीघन बेसरा समेत कई लोगों ने झामुमो का दामन थामा है. वहीं झामुमो छोड़ कर भाजपा गये दुलाल भुइयां वापस झामुमो आना चाहते हैं, लेकिन झामुमो ने उन्हें लेने से इनकार कर दिया है. जबकि सीएच राममूर्ति ने झाविमो में वापसी की है.
देवीधन बेसरा ने थामा झामुमो का दामन
शिबू सोरेन के आवास में सदस्यता अभियान
रांची : भाजपा के नेता व राजमहल से पूर्व सांसद देवीधन बेसरा ने बुधवार को झामुमो का दामन थाम लिया. मोरहाबादी स्थित शिबू सोरेन के आवास में झामुमो के अध्यक्ष शिबू सोरेन ने उन्हें माला पहना कर पार्टी में स्वागत किया. इनके अलावा हाल ही में भाजपा गये पूर्व विधायक चंद्रिका महथा, आजसू के मनोज साव, जदयू की कंवलजीत कौर, खिलाड़ी बुधवा उरांव व उपेंद्र सिंह ने भी झामुमो की सदस्यता ली.
झामुमो मिट्टी की पार्टी है : शिबू सोरेन
झामुमो के अध्यक्ष शिबू सोरेन ने कहा कि यह मिट्टी की पार्टी है. जमीन से जुड़ी हुई पार्टी है. झारखंड अलग राज्य आंदोलन के समय से यह पार्टी है. उन्होंने कहा कि जो लोग पार्टी में शामिल हो रहे हैं वह पार्टी के लिए काम करें. जरूरत महसूस होने पर पार्टी उन्हें टिकट भी देगी. श्री सोरेन ने कहा कि झामुमो अभी मजबूत स्थिति में है. चुनाव में झामुमो बहुमत लायेगा. नरेंद्र मोदी द्वारा चुनाव प्रचार किये जाने के बाबत श्री सोरेन ने कहा कि कोई भी आये, दिल्ली से चाहे कहीं बाहर से, झामुमो को कोई फर्क नहीं पड़ता है. श्री सोरेन ने कहा कि वह भी चुनाव में प्रचार करेंगे.
भाजपा में कॉरपोरेट कल्चर : बेसरा
भाजपा के पुराने नेता रहे देवीधन बेसरा ने कहा कि भाजपा में कॉरपोरेट कल्चर आ गया है. अब पुराने लोगों को तरजीह नहीं दी जा रही है. लोग मनमानी कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि उनका राजनीतिक कैरियर झामुमो से ही आरंभ हुआ है. शिबू सोरेन के साथ उन्होंने आंदोलन किया था. शिबू सोरेन ने उन्हें विधायक बनवाया था. उन्होंने कहा कि यह उनकी घर वापसी है. वह मजबूती से झामुमो के लिए काम करेंगे. पूरे संताल-परगना में झामुमो 18 सीटों पर जीत दर्ज करेगी.
भाजपा धोखेबाजों की पार्टी : महथा
निवर्तमान विधायक चंद्रिका महथा ने कहा कि भाजपा ने उन्हें धोखा दिया है. भाजपा को जनता सबक सिखायेगी. उन्होंने कहा कि झामुमो उनके लिए परिवार के जैसा है. वह यहां आकर राहत महसूस कर रहे हैं.
राममूर्ति की झाविमो में वापसी
जमशेदपुर . झाविमो के पूर्व कोल्हान प्रवक्ता सीएच राममूर्ति की झाविमो में वापसी हो गयी है. काशीडीह स्थित कार्यालय में झाविमो के केंद्रीय सचिव अभय सिंह, जिला अध्यक्ष हाजी फिरोज खान समेत पार्टी के अन्य पदाधिकारियों ने माला पहना कर राममूर्ति को पार्टी में शामिल कराया. झाविमो के केंद्रीय सचिव अभय सिंह ने कहा कि वह 11 नवंबर को 10 बजे नामांकन करेंगे. श्री सिंह ने कहा कि भाजपा राज्य को अस्थिर करना चाहती है. एक ओर भाजपा मोदी लहर की बात कहती है, वहीं दूसरी ओर, दूसरे दलों को छोड़ कर आने वालों को टिकट दे रही है. झाविमो के केंद्रीय अध्यक्ष बाबू लाल मरांडी संयमित तरीके से स्थिर सरकार देने के उद्देश्य से काम कर रहे हैं.
सिल्ली और जुगसलाई पर पुनर्विचार करेगी कांग्रेस
रांची : अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी ने सिल्ली और जुगसलाई से घोषित किये गये उम्मीदवारों के नाम पर पुनर्विचार करने का निर्णय लिया है. झारखंड प्रदेश कांग्रेस कमेटी के सचिव सह मीडिया सदस्य लाल किशोर नाथ शाहदेव ने बताया कि पार्टी ने सिल्ली से राकेश किरण और जुगसलाई से रामाकांत करुवा को पार्टी का उम्मीदवार बनाया है.
अजय ने कांग्रेस को नकारा भाजपा के प्रचार में जुटे
रांची : हटिया से भाजपा के दावेदार रहे पूर्व डिप्टी मेयर अजय नाथ शाहदेव ने कांग्रेस केंद्रीय नेतृत्व और प्रदेश के नेताओं को चुनाव लड़ने से इनकार कर दिया है. कांग्रेस के आला नेता ने श्री शाहदेव से संपर्क साधा था. श्री शाहदेव को कांग्रेस की टिकट पर चुनाव लड़ने के लिए तैयार करने में जुटे थे. प्रदेश के नेताओं ने भी श्री शाहदेव को मन बनाने के लिए कहा था. इधर श्री शाहदेव ने कांग्रेस के साथ संपर्क की बात खारिज करते हुए कहा है कि वह किसी कीमत में कांग्रेस नहीं जा सकते.
भाजपा में आये हैं, तो सोच-विचार कर आये हैं.पार्टी में शामिल होने के दौरान ही कहा था कि एक कार्यकर्ता की तरह पार्टी की सेवा करूंगा. राजनीति में यह सब लगा रहता है. पार्टी ने भरोसा जताया है, तो पूरी निष्ठा से आगे काम करूंगा. विधायक और सांसद बनना राजनीति का लक्ष्य हो सकता है, लेकिन जन सेवा के लिए पार्टी के अंदर कई मंच हैं. जनता के बीच काम करने का मौका है. इधर बुधवार को प्रभारी त्रिवेंद्र सिंह रावत, राष्ट्रीय उपाध्यक्ष रघुवर दास, सांसद सुनील सिंह के साथ श्री शाहदेव हुसैनाबाद, डालटेनगंज व गढ़वा गये थे. यहां पर पार्टी प्रत्याशियों के नामांकन में हिस्सा लिया था.
झामुमो ने भी दुलाल भुइयां से किया किनारा
आठ को दुलाल अपने कदम की घोषणा करेंगे
दुलाल ने कहा : झामुमो ने पूरे भुइंया समाज का अपमान किया है
रांची : झामुमो ने दुलाल भुइयां से किनारा कर लिया है. भाजपा द्वारा गंठबंधन के तहत जुगसलाई सीट आजसू को दे दिये जाने के बाद दुलाल भुइयां झामुमो में अपने ठौर की तलाश में आये थे. उन्हें उम्मीद थी कि झामुमो उन्हें जुगसलाई से टिकट दे देगा. पर बुधवार को झामुमो द्वारा प्रत्याशियों की घोषणा की गयी. उसमें दुलाल भुइयां की जगह मंगल कालिंदी को टिकट दिया गया है. श्री भुइयां पहले झामुमो में थे. फिर झाविमो गये, हाल में ही वह भाजपा में शामिल हुए थे.
दुलाल पार्टी में शामिल नहीं हुए : सुप्रियो भट्टाचार्य
झामुमो के महासचिव सुप्रियो भट्टाचार्य ने कहा कि दुलाल भुइयां ने पार्टी में शामिल होने के लिए कोई आवेदन नहीं दिया था. न ही चुनाव लड़ने के लिए आवेदन दिया था. फिर उन्हें पार्टी टिकट कैसे दे देती. जो प्रत्याशी अभी उतारे गये हैं, वह काफी पहले से झामुमो में है.
मुझे झामुमो ने अछूत समझा है : दुलाल
श्री भुइयां ने कहा कि झामुमो ने उन्हें अछूत समझा है. मंगलवार को जब वह मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन से मिलने गये, तब उन्होंने खुद मीडिया के सामने कहा कि श्री भुइयां झामुमो में शामिल हो गये हैं. आज कहा जा रहा है कि उन्हें झामुमो में नहीं लिया गया है. श्री भुइयां ने कहा कि यह उनका नहीं पूरे भुइयां समाज का अपमान है. भाजपा और झामुमो ने अपमान किया है. झामुमो को सुप्रियो भट्टाचार्य चला रहे हैं. आजकल टिकट भी बांट रहे हैं. वह भूल गये कि उन्हें झामुमो में लाया कौन था.
श्री भुइयां ने कहा कि आठ नवंबर को वह कार्यकर्ताओं के साथ बैठक करेंगे. इसके बाद तय करेंगे कि अगला कदम क्या होगा. 11 नवंबर को वह नामांकन दाखिल करेंगे. किस पार्टी से दाखिल करेंगे यह आठ नवंबर को तय हो जायेगा.
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