बिहार : सिगरेट-बीड़ी छोड़ सभी तंबाकू उत्पादों पर रोक
प्रतिबंध लगानेवाला बिहार बना नौवां राज्य पटना : बिहार में सिगरेट, बीड़ी व खैनी ( बिना पैकेटवाली) छोड़ कर सभी तरह के तंबाकू उत्पादों की बिक्री पर प्रतिबंध लगा दिया गया है. शुक्रवार को सुबह मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी ने गांधी मैदान में आयोजित तंबाकू निषेध शपथ ग्रहण समारोह का उद्घाटन करते हुए इसकी घोषणा […]
प्रतिबंध लगानेवाला बिहार बना नौवां राज्य
पटना : बिहार में सिगरेट, बीड़ी व खैनी ( बिना पैकेटवाली) छोड़ कर सभी तरह के तंबाकू उत्पादों की बिक्री पर प्रतिबंध लगा दिया गया है. शुक्रवार को सुबह मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी ने गांधी मैदान में आयोजित तंबाकू निषेध शपथ ग्रहण समारोह का उद्घाटन करते हुए इसकी घोषणा की और शाम में खाद्य सुरक्षा आयुक्त सह स्वास्थ्य विभाग के सचिव आनंद किशोर ने इस आशय का आदेश जारी कर दिया.
तंबाकू उत्पादों के थोक विक्रेताओं को अपने माल को राज्य से बाहर करने के लिए एक सप्ताह का समय दिया गया है. फूड सेफ्टी एंड स्टैंडडर्स एक्ट, 2006 के अनुसार, यह रोक एक साल के लिए होगी. साल भर के बाद इसे आगे बढ़ाया जा सकता है. कैंसर अवेयरनेस सोसाइटी द्वारा आयोजित समारोह में मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य में दो साल पहले गुटखा की बिक्री पर प्रतिबंध लगाया गया था. लेकिन इसके बावजूद इसकी खुलेआम बिक्री हो रही है. इसके लिए पदाधिकारी दोषी हैं. उन्होंने सात दिनों का समय देते हुए कहा कि अगर प्रतिबंधित गुटखा बेचने व खुलेआम सिगरेट पीनेवालों पर मामला दर्ज नहीं कराया गया, तो दोषी पदाधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई होगी.
इस संबंध में जल्द ही कैबिनेट से पास करा कर अधिसूचना जारी की जायेगी. मुख्यमंत्री ने कहा कि अगले बजट में सिगरेट ( तंबाकू जनित पदार्थ) पर 60 प्रतिशत टैक्स लगाया जायेगा.
श्री मांझी ने गांधी मैदान से 20 हजार बच्चों को एक साथ वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिये तंबाकू नहीं खाने की शपथ दिलायी. उन्होंने कहा, बच्चे जब अभिभावकों व पड़ोसियों के लिए गुरु बन जायेंगे, तो खुद-ब-खुद समाज तंबाकूमुक्त हो जायेगा. बच्चों के लिए सबसे पहली पाठशाला उनका घर होता है, जहां से बच्चे शराब, सिगरेट व तंबाकू के बारे में जानते हैं. वरना बच्चों का कोमल दिमाग कभी खुद से तंबाकू के सेवन के बारे में सोच भी नहीं सकता है. ऐसे में जरूरी है कि अभिभावकों भी शपथ दिलायी जाये कि वे बच्चों के सामने इसका सेवन नहीं करेंगे और वह खुद भी इस बुरी आदत को छोड़ने की कोशिश करेंगे.
शिक्षा मंत्री वृशिण पटेल ने कहा कि बहुत जल्द पाठ्यक्रम में तंबाकू निषेध का पाठ शामिल होगा. स्कूल व कॉलेजों में भी तंबाकू जागरूकता अभियान नियमित चलाया जायेगा. इसके अलावा अभिभावकों को भी तंबाकू के प्रति जागरूक किया जायेगा.
इस मौके पर कैंसर अवेयरनेस सोसाइटी के राष्ट्रीय अध्यक्ष टीपी सिन्हा, राष्ट्रीय उपाध्यक्ष डॉ एए हई, राष्ट्रीय सचिव डॉ शेखर कुमार केसरीपारस एचएमआरआइ के जीएम डॉ रविशंकर सिंह, स्वास्थ्य विभाग के सचिव आनंद किशोर, शिक्षा प्रधान सचिव आरके महाजन, खुर्शीद अहमद, सीआइडी के एडीजी एके उपाध्याय, सीआइडी के आइजी विनय कुमार, कैंसर रोग विशेषज्ञ डॉ वीपी सिंह सहित अन्य डॉक्टर मौजूद थे.
सरकारी कार्यालय होंगे तंबाकूमुक्त
सरकारी कार्यालयों को तंबाकूमुक्त किया जायेगा. इसके लिए कार्यालय प्रभारी को पत्र भेज कर सूचना दे दी जायेगी. वहीं जिला स्तर पर हेल्पलाइन नंबर जारी किया जायेगा और मुख्यालय में कंट्रोल रूम बनाया जायेगा, जहां कोई भी व्यक्ति तंबाकू उत्पादों की बिक्री होने पर शिकायत कर सकता है. कोटपा के तहत डीएसपी मॉनीटरिंग करेंगे.
प्रतिबंध लगानेवाला बिहार नौवां राज्य
महाराष्ट्र, मिजोरम, आंध्र प्रदेश, हिमाचल प्रदेश, जम्मू एवं कश्मीर, असम, गोवा तंबाकू उत्पादों की बिक्री पर पहले ही प्रतिबंध लगा चुका है. कर्नाटक ने इसी माह प्रतिबंध लगाया है.
जब सिगरेट पीने पर पिता ने लगाया था थप्पड़
पटना. सीएम ने कहा कि जब मैं सात साल का था, तो एक दिन नालंदा के सिलाव पिता के साथ जा रहा था. उस वक्त छोटी गाड़ी चलती है, जिस पर हम बैठे थे. अचानक एक व्यक्ति ने सिगरेट पीकर नीचे फेंक दिया, पर उससे धुआं निकल रहा था. मैंने उसे उठा कर पीना शुरू कर दिया और पिता को बताया कि यह पीने के बाद बड़ा मीठा लग रहा है. इतना बोलते ही पिता ने मुङो तीन- चार थप्पड़ लगा दिये. मेरा गाल फूल गया. उसके बाद मैंने आज तक कभी भी सिगरेट नहीं पीया हैं. उन्होंने कहा कि यही संस्कार सभी अभिभावकों को घर में देना होगा, लेकिन आज के अभिभावक अपने लेटे रहते हैं और अपने बेटे को कहते हैं कि बेटा, बीयर पड़ा है, उसमें से थोड़ा गिलास में डाल कर मुङो दो. ऐसे में बच्च जब अपने पिता को देगा, तो थोड़ा खुद भी पीयेगा और एक समय ऐसा आयेगा कि वह बीयर पीने का आदी हो जायेगा.