बीजिंग : चीन और पाकिस्तान के बीच आज 20 समझौतों पर हस्ताक्षर हुये जिनके तहत, समझा जाता है कि चीन पाकिस्तान में 46 अरब डालर का निवेश करेगा.चीन की यात्रा पर पहुंचे पाकिस्तान के प्रधानमंत्री नवाज शरीफ की चीनी नेतृत्व के साथ विभिन्न मुद्दों पर हुई विस्तृत बातचीत के बाद इन समझौतों पर हस्ताक्षर किये गये.
शरीफ यहां चीन द्वारा आयोजित पडोसी नेताओं के सम्मेलन में भाग लेने पहुंचे हैं. चीन ने इस बैठक का आयोजन एशिया प्रशांत आर्थिक सहयोग (एपेक) नेताओं की बैठक के साथ अलग से किया है. इस दौरान शरीफ की चीन के राष्ट्रपति शी चिनफिंग और प्रधानमंत्री ली क्विंग के साथ बातचीत हुई.
शी ने चीन और पाकिस्तान को ‘‘पक्के दोस्त’’ बताते हुये कहा कि दोनों देश एक दूसरे का समर्थन करते रहेंगे और आपसी सहयोग बढायेंगे. इससे पहले शी को अपनी दक्षिण एशियाई देशों की यात्रा के दौरान सितंबर में पाकिस्तान का दौरा रद्द करना पडा था. पाकिस्तान में सरकार और विपक्षी पार्टियों के बीच उपजे तनाव की वजह से दौरा रद्द किया गया. चीन में ‘‘आयरन फ्रैंड्स’’ यानी पक्के दोस्त जुमले का उपयोग अक्सर किया जाता है और इसका मतलब भरोसेमंद ऐसे मित्रों से हैं जिनकी दोस्ती लोहे की तरह मजबूत है.
दोनों नेताओं के बीच उग्रवादी गतिविधियों पर भी चिंता जताई गई. पाकिस्तान से चीन के शिनज्यांग प्रांत में उग्रवादियों की घुसपैठ और आतंकवादी हमलों पर भी चिंता जताई गई. इसके अलावा अमेरिका की अफगानिस्तान से अपने सैनिकों की वापसी योजना के मद्देनजर अफगानिस्तान में उभरती स्थिति पर भी विचार विमर्श हुआ. अमेरिकी सैनिकों की वापसी के बाद चीन अफगानिस्तान में बडी भूमिका निभाने पर गौर कर रहा है.
शरीफ ने कहा कि पाकिस्तान ढांचागत सुविधाओं के निर्माण और आतंकवादी ताकतों पर कडी कारवाई में चीन के साथ अपना सहयोग मजबूत करेगा. इसमें पूर्वी तुर्किस्तान इस्लामिक मूवमेंट के आतंकवादियों पर शक है कि उन्होंने ही चीन के शिनजियांग में जिसकी सीमा पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर के साथ लगती है, आतंकवादी हमला किया. चीन इन आतंकवादियों पर कारवाई के लिये पाकिस्तान पर दबाव डालता रहा है.
शरीफ की ली क्विंग के साथ बैठक के दौरान दोनों देशों के बीच 20 समझौतों पर हस्ताक्षर किये गये. पाकिस्तान के योजना, विकास और सुधार मंत्री एहसान इकबाल के अनुसार शरीफ की यात्रा के दौरान 46 अरब डालर के समझौतों पर हस्ताक्षर किये गये. इकबाल ने रेडियो पाकिस्तान को बताया कि इसमें से 35 अरब डालर के समझौते पाकिस्तान में उर्जा विकास परियोजनाओं के हैं.