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झारखंड विस चुनाव : मुख्यमंत्रियों की होगी आपस में जंग

हेमंत सोरेन, अर्जुन मुंडा , मधु कोड़ा और बाबूलाल मरांडी होंगे मैदान में – शिबू सोरेन अपनी पार्टी के लिए करेंगे प्रचार सुनील चौधरी रांची : इस बार विधानसभा चुनाव में झारखंड के मुख्यमंत्री रहे चार लोग (बाबूलाल मरांडी, अर्जुन मुंडा, मधु कोड़ा और हेमंत सोरेन) मैदान में हैं. एक अभी मुख्यमंत्री हैं और तीन […]

हेमंत सोरेन, अर्जुन मुंडा , मधु कोड़ा और बाबूलाल मरांडी होंगे मैदान में
– शिबू सोरेन अपनी पार्टी के लिए करेंगे प्रचार
सुनील चौधरी
रांची : इस बार विधानसभा चुनाव में झारखंड के मुख्यमंत्री रहे चार लोग (बाबूलाल मरांडी, अर्जुन मुंडा, मधु कोड़ा और हेमंत सोरेन) मैदान में हैं. एक अभी मुख्यमंत्री हैं और तीन कभी न कभी झारखंड के मुख्यमंत्री रह चुके हैं. मजे की बात है कि चारों कभी न कभी सरकार में एक साथ रह चुके हैं. आज चारों एक दूसरे के धुर विरोधी हैं. एक दूसरे के खिलाफ चुनावी जंग में आग उगलेंगे. चुनावी मैदान में इन चारों के रहने से मुकाबला दिलचस्प होने जा रहा है.
बाबूलाल मरांडी की सीट तय नहीं
मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन दुमका सीट से लड़ने का एलान किया है. वहीं पूर्व मुख्यमंत्री अर्जुन मुंडा भाजपा के टिकट पर खरसावां से और मधु कोड़ा जय भारत समानता पार्टी के टिकट पर मंझगांव से चुनाव लड़ेंगे. झाविमो के बाबूलाल मरांडी का चुनाव लड़ना अभी तय नहीं है. पर बताया जा रहा है कि वह राजधनवार या गिरिडीह सीट से चुनाव लड़ सकते हैं. शिबू सोरेन अपने पुत्र हेमंत सोरेन को आगे कर चुके हैं. वह अपनी पार्टी के लिए चुनाव प्रचार करेंगे.
मंत्री ही तख्ता पलट कर बने मुख्यमंत्री
झारखंड की राजनीति में यह संयोग ही है कि मुख्यमंत्री के इस्तीफे के बाद उनके मंत्री ने ही सत्ता की कमान संभाली है. बाबूलाल मरांडी जब मुख्यमंत्री थे तब अर्जुन मुंडा और मधु कोड़ा उनके मंत्री हुआ करते थे.बाबूलाल के इस्तीफे के बाद अर्जुन मुंडा मुख्यमंत्री बने. आज बाबूलाल मरांडी ने अलग पार्टी बना ली है. वह झाविमो के अध्यक्ष हैं. फिर 2005 में जब चुनाव हुआ तब अर्जुन मुंडा मुख्यमंत्री बने और मधु कोड़ा उनके मंत्री हुआ करते थे. मधु कोड़ा भाजपा को छोड़ निर्दलीय चुनाव लड़े थे और अर्जुन मुंडा की सरकार में मंत्री बने थे. बाद में मधु कोड़ा ने ही विरोध का बिगुल फूंका. वह विपक्ष के पाले में बैठ गये.
तब अर्जुन मुंडा सरकार का तख्ता पलट कर झारखंड में पहली बार मधु कोड़ा के नेतृत्व में निर्दलीयों की सरकार बनी. इस सरकार को कांग्रेस और झामुमो का समर्थन प्राप्त था. यानी मधु कोड़ा को शिबू सोरेन का समर्थन प्राप्त था.श्री सोरेन तब समन्वय समिति के अध्यक्ष हुआ करते थे. बाद में उन्होंने मधु कोड़ा के इस्तीफे की मांग कर दी. इसके बाद मधु कोड़ा को हटना पड़ा और शिबू सोरेन उसी सरकार के मुख्यमंत्री बने. 2009 में झारखंड में दूसरा विधानसभा चुनाव संपन्न हुआ. तब भाजपा के समर्थन से शिबू सोरेन दोबारा मुख्यमंत्री बने. यह सरकार ज्यादा दिन नहीं चल सकी.
संसद में कांग्रेस को समर्थन करने के कारण भाजपा ने समर्थन वापस ले लिया और शिबू सोरेन को इस्तीफा देना पड़ा. बाद में चार माह बाद फिर बाजी उलट गयी अब सरकार का नेतृत्व भाजपा के अर्जुन मुंडा के हाथों में चला गया और झामुमो ने समर्थन दिया. तब हेमंत सोरेन अर्जुन मुंडा सरकार के उपमुख्यमंत्री और मंत्री थे.जनवरी 2013 में हेमंत सोरेन ने अर्जुन मुंडा की सरकार से समर्थन वापस ले लिया. यानी इस सरकार का भी तख्ता पलट कर उनके ही मंत्री हेमंत सोरेन स्वयं मुख्यमंत्री बने. उन्हें कांग्रेस, राजद व निर्दलीयों का समर्थन मिला.
कहां होगी मुख्यमंत्रियों की जंग
बाबूलाल मरांडी राजधनवार या गिरिडीह (घोषित नहीं)
अर्जुन मुंडा खरसावां
हेमंत सोरेन दुमका
मधु कोड़ा मंझगांव
कौन, कब-कब रहा मुख्यमंत्री
नाम पार्टी अवधि
बाबूलाल मरांडी भाजपा 15.11.2000-17.3.2003
अर्जुन मुंडा भाजपा 18.3.2003-2.3.2005
शिबू सोरेन झामुमो 2.3.2005-12.3.2005
अर्जुन मुंडा भाजपा 12.3.2005-14.9.2006
मधु कोड़ा निर्दलीय 14.9.2006-23.8.2008
शिबू सोरेन झामुमो 27.8.2008-18.1.2009
शिबू सोरेन झामुमो 30.11.2009-31.5.2010
अर्जुन मुंडा भाजपा 11.9.2010-18.1.2013
हेमंत सोरेन झामुमो 13.7.2013 से अबतक

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