किसी भी पार्टी के पास नहीं 81 जिताऊ उम्मीदवार
दलबदलुओं के सहारे बड़ी पार्टियां, नेताओं के आने के इंतजार में बैठी हैं कई पार्टियां मजबूत दावेदार की तलाश में चल रहा है शह-मात का खेल, समीकरण बनाने में हांफ रहीं पार्टियां रांची : विधानसभा की 81 सीटों पर चुनाव लड़ना पार्टियों को भारी पड़ रहा है. पार्टियों को सभी सीटों पर मजबूत प्रत्याशी नहीं […]
दलबदलुओं के सहारे बड़ी पार्टियां, नेताओं के आने के इंतजार में बैठी हैं कई पार्टियां
मजबूत दावेदार की तलाश में चल रहा है शह-मात का खेल, समीकरण बनाने में हांफ रहीं पार्टियां
रांची : विधानसभा की 81 सीटों पर चुनाव लड़ना पार्टियों को भारी पड़ रहा है. पार्टियों को सभी सीटों पर मजबूत प्रत्याशी नहीं मिल रहा है. पार्टियां दलबदलुओं के सहारे है. दूसरे दल से आने वाले मजबूत दावेदारों के भरोसे चल रहे हैं. कैडर-कार्यकर्ता की बनायी हुई जमीन पार्टियों को भरोसा नहीं है. नेताओं के आने-जाने के इंतजार पर दल बैठे हैं. मजबूत दावेदारों को अपने पाले करने के लिए शह-मात का खेल चल है. पार्टियों ने मजबूत प्रत्याशी के इंतजार में सीट को भी रोक रखा है.
राष्ट्रीय दल हो या फिर क्षेत्रीय दल सब एक नाव पर सवार हैं. मजबूत प्रत्याशी भी खूब राजनीतिक मोल-भाव कर रहे हैं. दल छोड़ कर नेता गये, तो उसके खिलाफ प्रत्याशी के इंतजार में बैठे हैं. चुनावी समीकरण बनाने के लिए राजनीति का जोरदार खेल चल रहा है. भाजपा, कांग्रेस, झाविमो, झामुमो जैसी पार्टियों के लिए एक -एक सीट पर एक्सरसाइज चल रहा है. सीटों पर पार्टियां नफा-नुकसान तौल रही हैं.
विधायकों के पाला बदलनेका होता रहा इंतजार
विधानसभा चुनाव में पूर्व विधायकों के लिए दूसरे दल ठौर बना गया है. भाजपा ने पांच सीटिंग विधायक का टिकट काटा, तो दूसरे दलों का रुख कर लिया. आजसू की हटिया सीट गंठबंधन में चली गयी, तो नवीन जायसवाल झाविमो चले गये. झाविमो को भी हटिया में मजबूत उम्मीदवार नहीं मिल रहा था. नवीन जायसवाल का इंतजार किया. भाजपा भी भवनाथपुर सीट को लेकर अनंत प्रताप देव का इंतजार करती रही. माधव लाल सिंह का भी इंतजार किया गया. ऐसी दर्जनों सीटें हैं, जिसमें दावेदारों की तलाश होती रही.
झामुमो ने भी पहले नेताओं का रुख देखा, उसके बाद टिकट बांटे. एक -एक सीट पर दावेदार मिले, उसके बाद ही सूची जारी हुई. संताल परगना में झामुमो को अभी दो-चार मजबूत प्रत्याशी की तलाश है. स्टीफन मरांडी झामुमो लौट रहे हैं, तो लिट्टीपाड़ा से पार्टी अनिल मुरमू का इंतजार कर रही है. दुलाल भुइयां को झामुमो ने झटका दिया, तो कांग्रेस को भी जुगसलाई में उम्मीदवार मिला. ऐसी दर्जनों सीट हैं, जिसमें पार्टियां दावेदारों का इंतजार करती रही.
गंठबंधन के बाद भी कांग्रेस को 66 सीट पर छूट रहा पसीना
विधानसभा चुनाव में यूपीए में कांग्रेस, राजद और जदयू का गंठबंधन हुआ है. राजद-जदयू को गंठबंधन में 15 सीटें जायेगी. 66 सीटों पर कांग्रेस को उम्मीदवार देना है. कांग्रेस ने तीन सूची जारी कर 28 उम्मीदवार घोषित किये हैं. 66 मजबूत दावेदार पार्टी खोज रही है. दूसरे दलों से पाला बदल कर आनेवालों पर भी आस है.