वॉशिंगटन : चीन के राष्ट्रपति और जापान के प्रधानमंत्री के बीच बीजिंग में हुई मुलाकात का अमेरिका ने स्वागत किया है. अमेरिका ने कहा कि हमें उम्मीद है कि इस बातचीत के सकारात्मक परिणाम देखने को मिलेंगे.
विदेश विभाग की प्रवक्ता जेन साकी ने संवाददाताओं को बताया, ‘‘हमारा मानना है कि दोनों देशों के बीच बातचीत और सकारात्मक रिश्ते न केवल दोनों देशों के बीच संबंधों के लिए महत्वपूर्ण हैं बल्कि इस क्षेत्र में और दुनिया भर में शांति और समृद्धि के लिए भी महत्व रखते हैं.’’ साकी ने कहा, ‘‘इसलिए निश्चित रुप से हम चीनी राष्ट्रपति और जापानी प्रधानमंत्री के बीच हुई मुलाकात का स्वागत करते हैं.’’
इतिहास के कारण दोनों देशों के बरसों से तनाव
चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग और जापानी प्रधानमंत्री शिंजो एबे की, अपना अपना पद संभालने के बाद यह पहली मुलाकात है जिसे क्षेत्रीय विवाद और युद्ध काल के इतिहास के कारण दोनों देशों के बरसों से तनावपूर्ण रहे संबंधों के बाद एक राजनयिक सफलता के रुप में देखा जा रहा है. एबे बीजिंग में कल से शुरु हुए दो दिवसीय ‘एशिया प्रशांत आर्थिक सहयोग’ :एपेक: नेताओं की बैठक में हिस्सा लेने के लिए आए थे. दोनों देशों में विश्व युद्ध-2 के समय से ही तनाव का माहौल कायम हो गया था. अमेरिका ने जापान के नागासाकी में परमाणु बम गिराया था जिसकर प्रभाव काफी दिनों तक रहा. अब ऐसे में चीन – जापान के बीच वार्ता का अमेरिका के द्वारा तारीफ किया जाना एक अच्छे संकेत की ओर इशारा करते हैं.
द्वीप विवाद पर भी चर्चा
दोनों देशों के शीर्ष नेताओं की बैठक से कुछ दिन पहले उनके विदेश मंत्रियों के बीच भी बैठक हुई थी जिसमें उस द्वीप पर दोनों देशों के अपने अपने दावों को लेकर बिना किसी पूर्वाग्रह के, संबंधों को सही मुकाम पर पहुंचाने के लिए चार सूत्री समझौते की कोशिश की गई थी जिस द्वीप को जापान सेन्काकू और चीन दियाओयुस कहता है. माना जाता है कि पूर्वी चीन सागर में स्थित इस निर्जन द्वीप पर तेल और प्राकृतिक संसाधनों की बहुलता है. यह द्वीप जापान द्वारा प्रशासित है.