मोदी को सहयोग का भरोसा देने के बाद शी से मिले ओबामा
बीजिंग : दुनिया की दो बडी अर्थव्यवस्थाओं की मुलाकात 22 वें एशिया प्रशांत आर्थिक सहयोग (एपेक) के आर्थिक नेताओं की बैठक के बाद हुई. ओबामा बैठक में शामिल होने के लिए बीजिंग पहुंचे इस दौरान चीन के राष्ट्रपति शी चिनफिंग ने अमेरिकी समकक्ष बराक ओबामा के साथ बातचीत की. दोनों नेताओं ने दुनिया की दो […]
बीजिंग : दुनिया की दो बडी अर्थव्यवस्थाओं की मुलाकात 22 वें एशिया प्रशांत आर्थिक सहयोग (एपेक) के आर्थिक नेताओं की बैठक के बाद हुई. ओबामा बैठक में शामिल होने के लिए बीजिंग पहुंचे इस दौरान चीन के राष्ट्रपति शी चिनफिंग ने अमेरिकी समकक्ष बराक ओबामा के साथ बातचीत की. दोनों नेताओं ने दुनिया की दो सबसे बडी अर्थव्यवस्थाओं के बीच एक नए तरह के रिश्ते को आगे बढाने का संकल्प जताया था. बातचीत से पहले, शी ने ओबामा के स्वागत के लिए शानदार आयोजन किया.
यह मुलाकात भारत के लिए काफी महत्वपूर्ण है. पिछले दिनों ही नरेंद्र मोदी अमेरिका की यात्रा के दौरान अमेरिका के राष्ट्रपति बराक ओबामा से मुलाकात की थी जिस दौरान ओबामा ने मोदी को सहयोग करने का भरोसा जताया था. चीन और भारत के संबंधों में कई वर्षों मधुर नहीं रहने के कारण अमेरिका का चीन के करीब जाना भारत के लिए अच्छे संकेत नहीं हैं.
चीन और अमेरिका के बीच समझबूझ बढी :शी
कल शाम दोनों देशों के प्रमुखों ने एपेक की बैठक के बाद मुलाकात की. इस मुलाकात के बाद दोनों नेताओं ने दोनों देशों के बीच एक नए तरह के रिश्ते को आगे बढाने का संकल्प जताया था. पिछली मुलाकात की याद करते हुए शी ने कहा कि वह यह देख कर बहुत खुश हैं कि दोनों पक्षों ने अपनी अपनी ओर के संयुक्त प्रयास से नए तरह के रिश्ते बनाने की दिशा में उल्लेखनीय पहल की है.उन्होंने कहा कि चीन और अमेरिका के बीच समझबूझ बढी है तथा ऐसे संबंधों की अवधारणा को लेकर उनकी उंची अपेक्षाएं हैं. शी ने कहा कि दोनों नेताओं को नियमित एवं करीबी संवाद तथा मूलभूत मुद्दों पर गहन विचारों का आदान प्रदान बनाए रखना चाहिए.
अमेरिका का चीन से आमना सामना करने का कोई इरादा नहीं : ओबामा
सरकारी समाचार एजेंसी शिन्हुआ की खबर के अनुसार, ओबामा ने शी को बताया कि अमेरिका का चीन से आमना सामना करने का कोई इरादा नहीं है क्योंकि ऐसा करना उसके अपने हित में नहीं है. ओबामा ने कहा कि अमेरिका चीन के साथ खरी बातचीत करने का, आपसी समझबूझ में सुधार करने का, एक दूससे के अनुभव जानने का, असहमतियों को प्रभावी तरीके से नियंत्रित करने का और गलतफहमियों तथा गलत फैसलों को नजरअंदाज करने का इच्छुक है.
अमेरिकी राष्ट्रपति ने शी से कहा कि चीन अमेरिका का समन्वय करने वाला भागीदार है और अमेरिका चीन के सुधार एवं उदार होने संबंधी प्रयासों का समर्थन करता है. ओबामा ने कहा कि बहु-ध्रुवीकरण के दौर में अमेरिका चीन की अंतरराष्ट्रीय मुद्दों पर रचनात्मक भूमिका का स्वागत करता है और उसके साथ सहयोग एवं आदानप्रदान को बढाने की इच्छा रखता है. उन्होंने कहा कि उनका देश विभिन्न वैश्विक चुनौतियों से निपटने, एशिया-प्रशांत क्षेत्र और पूरे विश्व में शांति एवं सुरक्षा को आगे बढाने के लिए संयुक्त प्रयास करना चाहता है.